Rio Olympics 2016: निशानेबाज़ी के ट्रैप इवेंट के बारे में जानिए

10 मीटर एयर राइफल और एयर पिस्टल के बाद ट्रैप इवेंट रियो ओलंपिक में तीसरा इवेंट होगा। इस इवेंट में भारतीय निशानेबाजों से पूरे देश को उम्मीद है। जिसमें 2 पुरुष निशानेबाज़ होंगे। कीनन चेनाई और मानवजीत सिंह संधू इस इवेंट में भाग लेंगे। जिसमें संधू राजीव गाँधी खेल रत्न से सम्मानित हैं और 5 बार कॉमनवेल्थ खेलों में भाग ले चुके हैं। संधू का ये तीसरा ओलंपिक भी है और उनसे लोगों को काफी उम्मीदें हैं। ट्रैप इवेंट राइफल और पिस्टल इवेंट से बिलकुल ही अलग होता है। क्या होता है ट्रैप इवेंट? ट्रैप इवेंट में शॉटगन से क्ले टारगेट पर निशाना साधना होता है। टारगेट को एक ट्रैप से फेंका जाता है। जिस पर पांच अलग-अलग पोजीशन से निशाना लगाना होता है। इसमें हर निशानेबाज़ एक बाद एक अपने शॉट लगाते हैं। इस इवेंट में इस्तेमाल होने वाली 12 गाज की शॉटगन जो सिंगल ट्रिगर की होती है। बन्दूक के बैरल्स एक समान होनी चाहिए। नियम क्वालिफिकेशन के लिए तीन राउंड होते हैं। उसके बाद सेमीफाइनल और मेडल मुकाबला होता है। क्वालीफाइंग राउंड और मुख्य राउंड में थोड़ा बहुत भिन्नता होती है। पुरुष मुकाबले में 5 राउंड होते हैं जिनमें प्रत्येक में 25 टारगेट मिलाकर 125 टारगेट होते हैं। वहीं महिलाओं में ये टारगेट 75 होते हैं। जो तीन राउंड और 25 टारगेट में बंटे होते हैं। एथलीट एक के बाद एक 5 स्टेशन से निशाना साधते हैं। हर स्टेशन से 5 टारगेट होते हैं, जिनपर निशाना लगाना होता है। मेडल राउंड में सभी एथलीट को एक टारगेट के लिए 2 शॉट मिलते हैं। अगर मुकाबला टाई होता है, तो फिर शूटआउट से जीत हार का फैसला होता है। जहां एक टारगेट के लिए सिर्फ एक शॉट ही मिलता है। सेमीफाइनल स्टेज शीर्ष 6 निशानेबाज़ सेमीफाइनल स्टेज में पहुंचते हैं। जहां उन्हें कम से कम 15 टारगेट पर निशाना साधना होता है। जो तीन टारगेट में बंटे होते हैं। जिन्हें 5 स्टेशन से लगाना होता है। क्वालीफाइंग वाला नियम यहां भी लागू होता है। लेकिन निशानेबाज़ को इस दौरान सिर्फ एक शॉट ही मिलता है। 15 टारगेट के बाद अगर जरूरत होती है तो शूटआउट का सहारा यहां भी लिया जाता है। फाइनल शीर्ष दो शूटर के बीच स्वर्ण पदक के लिए मुकाबला होता है। वहीं तीसरे और चौथे के बीच कांस्य पदक के लिए मुकाबला होता है। फाइनल 15 टारगेट के लिए सिर्फ 3 स्टेशन होते हैं। फाइनल मुकाबले में एक टारगेट के लिए सिर्फ एक ही शॉट मिलता है। ज्यादा टारगेट हासिल करने वाला विजयी होता है। इस इवेंट में भारतीय पुरुष: कीनन चेनाई, मानवजीत सिंह संधू महिला: कोई नहीं लन्दन ओलंपिक के परिणाम पुरुष स्वर्ण पदक: गिओवान्नी सर्नोगोराज़ (क्रोएशिया) रजत पदक: मास्सिमो फब्ब्रिज़ी (इटली) कांस्य पदक: फेहैद अल्दीहानी (कुवैत) महिला स्वर्ण पदक: सतु मकेला-नुम्मेला (फ़िनलैंड) रजत पदक: ज़ुज़ना स्तेफेकोवा (स्लोवाकिया) कांस्य पदक: कोरी कोग्डेल (यूएसए)