इस बार के ओलंपिक खेलों में भारतीय टीम की अबतक की सबसे बड़ी टुकड़ी गयी है। इस बार 15 खेलों में कुल 119 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। शुक्रवार से शुरू होनेवाले इस खेल में हिस्सा लेने के लिए गए भारतीय खिलाड़ियों को बड़े जोश के साथ भेजा गया है। इसी बीच एसोसिएट स्टाफ के सदस्यों ने पदक विजेता के प्रबल दावेदारों पर कुछ बातें ढूंढ़ी है। उनके अनुमान के अनुसार 5 अगस्त से 21 अगस्त तक चलने वाले इस महाकुम्भ में भारतीय टीम को दो पदक मिलेंगे। 2014 से तीन स्वर्ण पदक (आईएसएसएफ विश्व कप, ग्लासगो राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में इंचियोन) जीत चुके जीतू राय को 50 मीटर शूटिंग में रजत पदक मिलने की संभवना है। उन्हें दक्षिण कोरिया के जिन जोंग ओह के हाथों आखिरी दौर में हार मिलेगी। सानिया मिर्ज़ा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी से मिक्स्ड डबल में कांस्य पदक की उम्मीद है। यहाँ पर स्वर्ण पदक US के कोको वेंडवेघ और बॉब ब्रायन को मिलेगा। पिछले बार के ओलंपिक खेल, लंदन ओलंपिक्स 2012 में भारत का प्रदर्शन सबसे अच्छा था। लंदन के लिए भारत की ओर से 83 खिलाड़ी गये थे और भारत की झोली में दो रजत और चार कांस्य पदक आये। इसलिए रियो गये खिलाड़ियों से हमे बड़ी उम्मीदें हैं। हालाँकि अभी भी हमें कुश्ती, बैडमिंटन, निशानेबाज़ी, बॉक्सिंग और कई खेलों से पदक जीतने की उम्मीदें लगी हुई हैं। पुरुषों की हॉकी टीम जिन्होंने जून में FIH चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीता, वें भी ओलंपिक खेलों में अपना 36 साल के सुखे को मिटा कर रियो से पदक लेकर देश लौटना चाहेंगे। लेखक: तनुज कर, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी