5 अगस्त से शुरू हुए रियो ओलंपिक्स का आज समापन हो गया। 16 दिनों तक चले खेलों के इस महाकुम्भ में कई यादगार चीज़ें देखने को मिली। हालाँकि भारत के लिए ये सफ़र निराशाजनक ही कहा जाएगा क्योंकि पदक तालिका में भारत काफी नीचे रहा। एक रजत और एक कांस्य पदक भारत के अभियान को सफल साबित नहीं करते। इसके अलावा रियो ओलंपिक्स ने भारत को एक आइना दिखाया है कि अभी भी पदक तालिका में ऊपर आने के लिए खासी मेहनत की जरूरत है। भारत के कुछ धुरंधरों ने जहाँ निराश किया, वहीँ कुछ ऐसे सितारे बनकर उभरे, जिनसे किसी को उम्मीद नहीं थी। आइये नज़र डालते हैं भारत के रियो 2016 के सफ़र को इन तस्वीरों के माध्यम से, जिसमें कुछ अच्छी यादें हैं और कुछ बुरी यादें भी हैं। #1 भारत की तरफ से रजत पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं पीवी सिन्धु तिरंगे के साथ #2 रेसलिंग में कांस्य पदक जीतकर साक्षी मालिक ने भारत को इस ओलंपिक्स में पहला पदक दिलाया, हरियाणा जैसे राज्य से आकर जहाँ का लिंग-अनुपात सबसे खराब है, साक्षी ने महिला सशक्तिकरण को एक नया आयाम दिया। #3 जिम्नास्टिक्स के लिए क्वालीफाई करके दीपा करमाकर ने पहले ही इतिहास रच दिया था और उसके बाद वॉल्ट इवेंट के फाइनल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करके सबका दिल जीत लिया। हालाँकि वो कांस्य पदक जीतते-जीतते रह गईं। #4 अभिनव बिंद्रा इस बार भारत के ध्वज-वाहक थे, हालाँकि वो अपने शूटिंग इवेंट में चौथे स्थान पर रहे और अपने आखिरी ओलंपिक्स में पदक जीतने से चूक गए। #5 18 वर्षीय अदिति अशोक ने गोल्फ में काफी बढ़िया प्रदर्शन किया और पहले दो दिनों के बाद वो पदक जीतने की दावेदार थीं। आने वाले समय में उनसे और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। #6 एथलेटिक्स के 3000मी स्टीपलचेस इवेंट में ललिता बाबर ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। 1984 के लॉस एंजेल्स ओलंपिक्स में पीटी उषा के प्रदर्शन के बाद ये भारत का ट्रैक और फील्ड इवेंट में सबसे बढ़िया प्रदर्शन था। हालाँकि फाइनल में ललिता अपना बढ़िया प्रदर्शन नहीं दोहरा सकीं। #7 पीवी सिन्धु ने बैडमिंटन के फाइनल में खेल भावना का जबरदस्त परिचय देते हुए स्पेन की स्वर्ण पदक विजेता कैरोलिना मारिन को जाकर बधाई दी। मैच जीतने के बाद मारिन काफी भावुक हो गई थीं। #8 दत्तु बबन भोकनल ने नौकायन में बेहतरीन प्रदर्शन किया। हालाँकि वो पदक नहीं जीत पाए लेकिन उनका ओलंपिक सफ़र काफी शानदार रहा। महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त गाँव से आये भोकनल सिर्फ 6 सेकंड से सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए। #9 किदम्बी श्रीकांत ने बैडमिंटन क्वार्टरफाइनल में लिन डान के खिलाफ काफी जबरदस्त प्रदर्शन किया। वैसे तो वो ये मुकाबला हार गए लेकिन जिस तरह का उन्होंने प्रदर्शन किया, उससे सभी काफी प्रभावित हुए। #10 रियो की शुरुआत भारत के लिए काफी खराब रही और पदक जीतने के प्रबल दावेदार जीतू राय 10मी पिस्टल इवेंट के फाइनल में आखिरी स्थान पर रहे। #11 अतानु दास ने तीरंदाजी में काफी अच्छा प्रदर्शन किया। हालाँकि वो प्री-क्वार्टरफाइनल में ही बाहर हो गए लेकिन आगे उनसे काफी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। #12 पुरुष डबल्स टेनिस में भारत के महान डबल्स खिलाड़ी लीएंडर पेस पहले ही राउंड में बाहर हो गए और ये संभवतः उनका आखिरी ओलंपिक्स था। पेस के साथी रोहन बोपन्ना थे। #13 48 kg फ्रीस्टाइल रेसलिंग में मैच के दौरान लगी चोट के कारण विनेश फोगट की उम्मीदों पर पानी फिर गया। विनेश को पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। #14 2012 की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल उलटफेर का शिकार हुईं और उन्हें पहले ही राउंड में बाहर होना पड़ा। #15 भारतीय महिला हॉकी टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और आखिरी मैच में अर्जेंटीना से 5-0 की हार के बाद वो अपने ग्रुप में आखिरी स्थान पर रहे। #16 पीवी सिन्धु ने भारत के लिए रजत पदक जीता और उनक 'कम ऑन' वाला जश्न मनाने का तरीका सभी को काफी समय तक याद रहेगा। #17 टेनिस मिक्स्ड डबल्स में सानिया मिर्ज़ा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी सेमीफाइनल तक पहुंची। हालाँकि उसके बाद लगातार दो मैच हारने के कारण इस जोड़ी को बिना पदक के ही संतोष करना पड़ा। #18 बॉक्सिंग में भारत की उम्मीद शिव थापा को पहले ही राउंड में हारकर बाहर होना पड़ा। उन्हें क्यूबा के ओलंपिक और पूर्व वर्ल्ड चैंपियन रोबिसे रामिरेज़ ने हराया। #19 भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया था लेकिन वहां बेल्जियम के खिलाफ बढ़त लेने के बावजूद भारत को मैच गंवाना पड़ा। #20 नरसिंह यादव को पहले नाडा ने क्लीन चिट दी और वो रियो पहुंचे। लेकिन फिर वाडा ने इसे खारिज कर दिया। आख़िरकार मुकाबले से कुछ ही देर पहले नरसिंह को CAS (कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स) ने 4 साल के लिए निलंबित कर दिया और उनका रियो का सपना चकनाचूर हो गया।