अतनु दास रियो जाने वाले ओलंपिक दल में भारत के युवा प्रतिभावान तीरंदाज हैं। पूरे देशवासियों को उनसे पदक की उम्मीद है। आइये आज हम आपको उनके बारे में 10 अहम बातें बता रहे हैं: #1 अतनु दास का जन्म 5 अप्रैल 1992 में कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था। #2 अतनु ने बंगलौर में हुए ट्रायल में कमाल का प्रदर्शन किया जिसके चलते उन्हें भारतीय तीरंदाज संघ ने ओलंपिक के लिए चुना है। पुरुष वर्ग में वह एक मात्र भारतीय तीरंदाज हैं। उनका ये पहला ओलंपिक होगा। #3 उनका प्रदर्शन अनुभवी जयंत तालुकदार और मंगल सिंह चीमा से अच्छा होने की वजह से उन्हें ओलंपिक के लिए चुना गया है। उन्होंने कुल 653 अंक हासिल किए थे। जबकि उन्हें 1.5 अंक बोनस में मिला जिसकी वजह से वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर गये। #4 दास ने दीपिका कुमारी के साथ शंगाई में हुए विश्वकप में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए तीसरा स्थान हासिल करके कांस्य पदक जीता था। इन दोनों ने कोरिया की टीम 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीता था। #5 अंताल्या में हुए विश्वकप में दास बहुत कम मार्जिन से पिछड़ गये थे, नहीं उन्हें वहां भी कांस्य पदक मिलता। उनके इस प्रदर्शन से सबको उम्मीद है कि वह ओलंपिक में कमाल कर सकते हैं। #6 अंताल्या में हुए वर्ल्ड कप में दास और दीपिका ने मिक्स इवेंट में कजाखस्तान के खिलाफ बेहतरीन खेल दिखाया था और देश के लिए रजत पदक जीता था। हालाँकि ये दोनों कोरिया के बोंचन कु और मिसून चोई से 5-1 से हार गये थे। #7 अतनु फिलहाल भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड कोलकाता में काम कर रहे हैं। #8 14 साल की उम्र में अतनु ने तीरंदाजी को बहुत ही गंभीरता से लेना शुरू कर दिया था। उसके बाद वह टाटा तीरंदाजी अकादमी से 2008 में जुड़ गये, वहां उनके कोच कोरियन लिम चे वोंग थे। कठिन मेहनत और लगन से अतानु ने अपने करियर को एक नई ऊंचाई देते हुए मुकाम हासिल किया। #9 अंताल्या विश्व कप में दास ने कोरिया और दुनिया के नम्बर एक तीरंदाज वूजिन के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था। जहाँ उन्होंने वूजिन को कड़ी टक्कर देते हुए शुरू में ही 4-0 की लीड हासिल किया लेकिन उसे बरकरार नहीं रख पाए। फिर भी मुकाबला 10-10 की बराबरी पर छूटा। शूट ऑफ़ में वूजिन का निशाना केंद्र के ज्यादा करीब था। इसलिये उन्हें विजेता घोषित किया गया। इस तरह दास कांस्य पदक से चूक गये। #10 अतनु एक अनुभवी तीरंदाज हैं और उन्होंने देश को दो बार विश्वकप में रिप्रेजेंट किया है। साल 2013 में मास्को में हुए विश्वकप में उन्होंने टीम इवेंट में रजत पदक और मिक्स इवेंट में कांस्य पदक जीता था। साल 2014 में मेडेलिन में हुए विश्वकप में दास ने एक बार फिर अपना पिछला प्रदर्शन दोहराते हुए टीम इवेंट में रजत और मिक्स इवेंट में कांस्य पदक जीता था।