साई के कोचों को हर साल दो बार अनिवार्य उचित उम्र फिटनेस टेस्‍ट से गुजरना होगा

साई
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एथलीट्स के प्रदर्शन को हमेशा उनके सम्‍मानित कोच और सपोर्ट स्‍टाफ द्वारा दिए जा रहे ट्रेनिंग से जोड़ा जाता है। अब ज्‍यादा जिम्‍मेदारी और परिणाम हासिल करने की दृष्टि से भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने अपने कोचों को निर्देश दिए हैं कि उन्‍हें साल में दो बार अनिवार्य फिटनेस टेस्‍ट से गुजरना होगा ताकि उनकी निजी फाइल्‍स में रिकॉर्ड बरकरार रखा जा सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने 24 सितंबर को फिट इंडिया मूवमेंट लांच किया, जिसमें फिट टेस्‍ट को उचित उम्र फिटनेस प्रोटोकॉल के तहत स्‍थापित किया गया है। यह अपने आप में भारत में पहली बार लांच किया गया है। फिटनेस प्रोटोकॉल्‍स और दिशा-निर्देश 18 से ज्‍यादा उम्र से 65 साल तक वालों के लिए दस्‍तावेज को केंद्रीय सरकार के फिट इंडिया विभाग ने बनाया है।

यह दस्‍तावेज 10 सदस्‍यीय समिति ने तैयार किया, जिसकी अध्‍यक्षता नई दिल्‍ली में एम्‍स के प्रोफेसर और विभागाध्‍यक्ष (मनोचिकित्‍सक) डॉक्‍टर केके दीपक कर रहे हैं।

फिटनेस प्रोटोकॉल के रूप में सभी कोचों को यह टेस्‍ट पास करना होंगे

1) बॉडी कम्‍पोजिशन टेस्‍ट - बीएमआई

2) संतुलन टेस्‍ट- फ्लेमिंगो संतुलन और वृक्षासन (पेड़ जैसा पोज)

3) मस्‍क्‍यूलर स्‍ट्रेंथ टेस्‍ट- पेट / कोर की ताकत (आंशिक कर्ल-अप) और नौकासन।

4) मस्‍क्‍यूलर एंडुरेंस टेस्‍ट - पुरुषों के लिए पुश अप, महिलाओं के लिए आधुनिक पुश अप और दोनों के लिए सिट अप।

5) फ्लेक्सिबिलिटी टेस्‍ट - वी सिट रीच टेस्‍ट

6) एरोबिक/ कार्डियो वस्‍क्‍यूलर फिटनेस टेस्‍ट- 2.4 किमी चाल/दौड़।

कोचों में फिटनेस के महत्‍व पर जोर देना और फिटनेस टेस्‍ट को लागू करने के साई के फैसले के बारे में बात करते हुए साई ने अपने बयान में कहा, 'भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) पहले विशेषज्ञ कोचों द्वारा एथलीट्स की फिटनेस के लिए जिम्‍मेदार था। कोच की फिटनेस महत्‍वपूर्ण चीज है जिससे मैदान पर अच्‍छी ट्रेनिंग हो सके। कोचों को फिटनेस के एक स्‍तर को बरकरार रखना होगा ताकि एथलीट्स को प्रगति का मार्ग दिखा सकें। इसलिए कोचों को सलाह दी गई है कि उन्‍हें हर साल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए फिटनेस टेस्‍ट से गुजरना होगा।'

यह फिटनेस टेस्‍ट समिति के विशेषज्ञों ने बनाया है, जिन्‍होंने काफी सोच-विचार के बाद प्रत्‍येक उम्र समूह के लिए फिटनेस प्रोटोकॉल्‍स तय किए हैं। हाल ही में खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने साई का लोगो बदला था। नए लोगो को छोटा किया गया था और इसके पीछे की वजह बड़ी बताई गई थी। किरेन रीजीजू ने छोटे लोगो का महत्‍व बताया और साथ ही कहा था कि सबसे महत्‍वपूर्ण खिलाड़‍ियों की फिटनेस है और इसे लेकर कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी।