स्पोर्ट्स्कीड़ा साल 2016 के सर्वश्रेष्ठ भारतीय खिलाड़ी – नं. 25 से नं. 16 तक

मनीष ने 2016 रियो ओलंपिक में 20 कि.मी. रेसवॉक में 13वां स्थान हासिल किया

भारत के खेल इतिहास में 2016 साल स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। विश्व के सबसे बड़ा खेल मेला ओलंपिक हो या फिर पैरालंपिक ओलंपिक, दोनों में ही भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। इसके साथ ही हमारे खिलाड़ियों ने कबड्डी विश्व कप, टी-20 विश्व कप में शानदार खेल दिखाया। इन उपलब्धियों से 2016 भारत के लिए खेल मामलों में यादगार साल बन गया। क्रिकेट के प्रति भारतीयों की दीवानगी दूसरे खेलों से कहीं ऊपर है। इसके बावजूद भारतीय खिलाड़ियों ने कई चुनौतियों को पीछे छोड़ेते हुए विभिन्न खेलों में अपने नाम के झंडे गाड़ दिये। भारतीय खिलाड़ियों की इन उपलब्धियों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। इन उपलब्धियों के लिए इनकी प्रशंसा तो होनी चाहिए। स्पोर्ट्सकीड़ा ने ऐसे ही 25 खिलाड़ियों के 2016 में किये शानदार प्रदर्शनों को संयोजित करने की कोशिश की है :


#25 मनीष सिंह रावत [caption id="attachment_81287" align="alignnone" width="595"] मनीष ने 2016 रियो ओलंपिक में 20 कि.मी. रेसवॉक में 13वां स्थान हासिल किया[/caption] रेसवॉक (पैदल चलकर पूरी की जाने वाली दौड़) एक ऐसा खेल, जिसे भारत में कम ही लोग जानते हैं। लेकिन इसकी परवाह किये बगैर रेसवॉकर मनीष सिंह रावत की उपलब्धि आपको हैरान कर देगी। 2016 रियो ओलंपिक में 25 वर्ष के इस खिलाड़ी ने 20 कि.मी. की रेसवॉक में 13वां स्थान हासिल किया। इस रेस में उनकी टाइमिंग 1.21.21 रही। अगर उन्होंने एक मिनट और कम कर लिया होता तो कांस्य पदक भी जीत सकते थे। मनीष के मामले में सबसे अद्भुत बात ये है कि उसने कभी इस खेल के लिए औपचारिक रूप से ट्रेनिंग नहीं ली। उन्होंने अपनी जीविका के लिए खेती और मज़दूरी तक की। बावजूद इसके उसने विश्व के कई नामचीन खिलाड़ियों को मात दी। इसमें चार भूतपूर्व विश्व विजेता, तीन एशिया विजेता, दो यूरोपियन विजेता और ओलंपिक विजेता शामिल हैं। इसी वजह से मनीष हमारे लिस्ट में 25वें नंबर पर है। #24 अतानु दास [caption id="attachment_48100" align="alignnone" width="594"]अतनु दास 2016 रियो ओलंपिक के प्रीक्वार्टर फाइनल में बाहर हुए थे अतानु दास 2016 रियो ओलंपिक के प्रीक्वार्टर फाइनल में बाहर हुए[/caption] रियो ओलंपिक में भारतीय तीरंदाजों से बड़ी उम्मीदें थी। लेकिन वे उम्मीदों के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाएं। हालांकि, तीरंदाज अतानु दास ने अपने प्रदर्शन से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा। 24 वर्ष के अतानु के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था कि वह ओलंपिक में एक लंबा सफर तय करेगा। पहली बार ओलंपिक में भाग ले रहे अतानु ने क्वालिफिकेशन राउंड में पांचवां स्थान हासिल कर सबको चौंका दिया था। लेकिन प्रीक्वार्टर फाइनल में उसे दक्षिण कोरिया के विश्व नंबर 8 तीरंदाज ली सेंगुइन के हाथों हार का सामना करना पड़ा। छह परफेक्ट 10 लगाने के बाद भी अतानु सेंगुइन से मैच हार गये। इसी साल उन्होंने इंडोर तीरंदाजी विश्व कप में भाग लिया। इसमें उन्होंने सभी भारतीय खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन किया। अपने फॉर्म को बरकरार रखते हुए उन्होंने ओलंपिक के रिकर्व वर्ग में चौथा स्थान हासिल किया। तीरंदाजी में इस साल शानदार प्रदर्शन के लिए अतानु को हमारे लिस्ट में 24वां स्थान मिलता है। #23 हरमनप्रीत कौर [caption id="attachment_49552" align="alignnone" width="594"]हरमनप्रीत कौर सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली भारतीय महिला क्रिकेटर रहीं हरमनप्रीत कौर सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली भारतीय महिला क्रिकेटर रही[/caption] भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए यह साल उतार-चढ़ाव भरा रहा। इस टीम ने कुछ यादगार जीत तो दी, लेकिन टी-20 विश्व कप में निराशाजनक प्रदर्शन के कारण पिछली जीत की यादों को धूमिल कर दिया। साल का अंत होते-होते भारतीय महिला क्रिकेट ने शानदार वापसी की। उसने चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को एशिया कप फाइनल में हराया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम के अच्छे प्रदर्शन में हरमनप्रीत का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने नौ वनडे मैचों में 25.25 की औसत से 202 रन बनाये। इसके साथ ही उन्होंने दो विकेट भी झटके। टी-20 मैचों में उनका प्रदर्शन और भी अच्छा रहा है। 15 टी-20 मैचों में हरमनप्रीत ने 38.72 की औसत से 426 रन बनाये और 10 विकेट लिये। वहीं टी-20 विश्व कप में हरमनप्रीत ने चार मैचों में 89 रन बनाकर 7 विकेट झटके थे। जून में महिला बिग बैश लीग की सिडनी थंडर्स टीम ने जब उन्हें साइन किया तो सनसनी मच गयी। बिग बैश लीग में खेलने वाली हरमनप्रीत पहली भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। हाल में ही हरमनप्रीत कौर को कप्तानी दी गयी थी। चयनकर्ताओं की इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए उन्होंने एशिया कप भारत की झोली में डाल दिया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम को एक अलग मुकाम पर पहुंचाने के लिए उन्हें हमारे लिस्ट में 23वां स्थान मिलता है। #22 जेजे लालपेख्लुआ [caption id="attachment_63586" align="alignnone" width="759"]एआईएफएफ द्वारा जेजे को 2016 सर्वश्रेष्ठ भारतीय फुटबॉलर चुना गया एआईएफएफ द्वारा जेजे को 2016 सर्वश्रेष्ठ भारतीय फुटबॉलर चुना गया[/caption] 2016 फुटबॉल कैलेंडर में जेजे लालपेख्लुआ ने भारत में सबसे अधिक नाम कमाया। उन्होंने साल की शुरुआत में भारत को सैफ प्रतियोगिता में जीत दिलाई। सैफ प्रतियोगिता फाइनल में भारत ने अफगानिस्तान को 2-1 से हराया था, जिसमें जेजे का भी एक शानदार गोल था। अब जेजे को साल के अंत में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के द्वारा 2016 सर्वश्रेष्ठ भारतीय फुटबॉलर चुना गया है। स्ट्राइकर जेजे ने इस सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने आईलीग में 13 मैचों में मोहन बगान क्लब की तरफ से खेलते हुए पांच गोल दागे। आईलीग में मोहन बागान दूसरे स्थान पर रही। वहीं जेजे ने बागान को फेडरेशन कप जीतने में भी मदद की। फेडरेशन कप फाइनल में बागान ने एजवाल एफसी को हराया था। इस टूर्नामेंट में जेजे ने चार मैचों में सर्वाधिक 8 गोल किये। 25 वर्ष के इस खिलाड़ी ने लाओस के खिलाफ 6-1 से मिली जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जेजे ने इस मैच में दो गोल दागे थे। वहीं प्योर्टो रिको के खिलाफ 4-1 की जीत में उन्होंने एक महत्वपूर्ण गोल दागा। इन दोनों जीत की वजह से भारत की रैंकिंग में सुधार होते हुए 137 पर पहुंच गया। 2009 के बाद भारत की यह सर्वोत्तम रैंकिंग है। इस साल जेजे के लगातार गोल करने की आदत के कारण उन्हें हमारी लिस्ट में 22वां स्थान मिलता है। #21 अभिनव बिंद्रा [caption id="attachment_56292" align="alignnone" width="594"]अभिनव बिंद्र 2016 रियो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहे अभिनव बिंद्रा 2016 रियो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहे[/caption] भारत के खेल इतिहास में अभिनव बिंद्रा का नाम हमेशा स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। 2008 बीजिंग ओलंपिक में उन्होंने निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीता था। रियो ओलंपिक में अभिनव पदक के बहुत करीब पहुंचकर हार गये। उनके हार का अंतर 99.99 और 100 प्रतिशत के बीच का था। अभिनव इस साल रियो ओलंपिक में भारतीय दल के ध्वज वाहक थे। यहां तक की जब रियो में शूटरों की परफार्मेंस खराब हुई तो उनकी अगुवाई जांच दल बना दी गयी। इस साल उनसे मेडल जीतने की काफी उम्मीद थी, पर उनके न जीत पाने की वजह से कई भारतीयों का दिल टूटा। लेकिन उम्मीद भी तो बेहतरीन खिलाड़ियों से ही की जाती है। कांस्य पदक के मैच में उनके राइफल का “साइट” टूट गया। साइट से ही निशाना साधा जाता है। इस साइट को रियो ओलंपिक के रेंज को ध्यान में रखकर बनाया गया था। दूसरा साइट न होने की वजह से इस मैच में उन्हें इससे ही काम चलाना पड़ा। और चौथे स्थान से उन्हें संतोष करना पड़ा। रियो ओलंपिक में अभिनव के यादगार खेल की बदौलत उन्हें हमारे लिस्ट में 21वां स्थान मिलता है। # 20 अजय जयराम [caption id="attachment_81292" align="alignnone" width="594"]अजय जयराम ने सुपर सीरीज टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया अजय जयराम ने सुपर सीरीज टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया[/caption] ये साल भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए यादगार रहेगा। 29 वर्ष के अजय जयराम बैडमिंटन में भारतीयों की नई उम्मीद बनकर उभरे हैं। अपने बेहतरीन खेल के बावजूद अजय रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाये। रियो के क्वालिफाई न कर पाने के बावजूद कई सुपर सीरीज़ में उनका खेल काबिले तारीफ रहा। उनका बेस्ट परफोर्मेंस अक्टूबर में खेले गये डच ओपन में था। इस टूर्नामेंट में अजय फाइनल तक गये, लेकिन चीनी ताईपे के खिलाड़ी जू वी वेंग से संघर्षपूर्ण मैच में हार गये। इस साल कई टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाने में अजय कामयाब रहे, लेकिन टाइटल जीतने में नाकाम रहे। कनाडा ओपन के सेमी-फाइनल में उन्हें ली डियोन II से हार का सामना करना पड़ा। वहीं यूएस ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड के सेमीफाइनल में उन्हें जापान के कांता सूनियामा के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। चाइना ओपन सुपरसीरीज़ में अजय क्वार्टर-फाइनल तक पहुंचे। यहां उन्हें ओलंपिक विजेता चेन लांग ने हराया। हांगक्वांग ओपन सुपरसीरीज़ में भी उनकी तकदीर का सिक्का सेमीफाइनल के आगे नहीं बढ़ पाया। साल के अंत होते-होते उन्होंने कैरियर की बेस्ट रैंकिंग 19 हासिल की और हमारे लिस्ट में 20। #19 रूपिंदर पाल सिंह [caption id="attachment_81294" align="alignnone" width="594"]इस साल रूपिंदर भारतीय हॉकी टीम के महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में उभरे इस साल रूपिंदर भारतीय हॉकी टीम के महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में उभरे[/caption] इस साल भारतीय हॉकी टीम ने अपनी पुरानी प्रतिष्ठा हासिल करने की कोशिश की। भारतीय टीम ने इस साल के प्रदर्शन से बता दिया है कि भविष्य में उनसे टकराना आसान नहीं होगा। 2016 में भारत के शानदार खेल सफर और जीत में रूपिंदर ने अहम योगदान दिया। रूपिंदर इस वक्त बिना किसी प्रश्न चिन्ह के दुनिया के बेहतरीन ड्रेग-फ्लिक स्पेशलिस्ट हैं। साल का आगाज़ रूपिंदर ने हॉकी इंडिया लीग से की। लीग में दिल्ली वेवराइडर्स की तरफ से खेलते हुए टीम की तरफ से सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी रहें। सुल्तान अजलान शाह टूर्नामेंट और लंदन में खेले गये चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम के बेहतरीन प्रदर्शन में अहम योगदान दिया। भारत ने इन दोनों टूर्नामेंट में फाइनल में हारकर दूसरे स्थान पर रही। रुपिंदर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी में नजर आया। इस टूर्नामेंट में 26 साल के इस खिलाड़ी ने 11 गोल दागे और भारत ने अपने चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को 3-2 से रोचक मुकाबले में हराया। फाइनल में पाकिस्तान को हराने में उनके गोल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी में अपने बेहतरीन खेल के लिए रूपिंदर को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। भारतीय हॉकी टीम द्वारा अपनी पुरानी प्रतिष्ठा हासिल करने की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले रूपिंदर को हमारे लिस्ट में 19वां स्थान मिलता है। #18 ललिता बाबर – [caption id="attachment_81295" align="alignnone" width="594"]भारत की तरफ से 32 साल बाद लंबी दूरी की दौड़ में बबिता ने ओलंपिक में जगह बनाई भारत की तरफ से 32 साल बाद लंबी दूरी की दौड़ में बबिता ने ओलंपिक में जगह बनाई[/caption] लंबी दूरी की धावक ललिता बाबर इस साल रियो ओलंपिक के फाइनल तक पहुंची थी। भारत की तरफ से इस खेल में 32 साल बाद कोई खिलाड़ी ओलंपिक के फाइनल इवेंट तक पहुंचा था। ललिता ने 3000 मीटर स्टीपल चेज़ में अपना दमखम दिखाया। ओलंपिक से पहले उन्होंने एशियन चैम्मपयशिप जीती। साथ ही नेशनल एथलीट चैम्पियनशिप में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। नई दिल्ली में खेले गये इस टूर्नामेंट में 9.28.09 का समय लेते हुए उन्होंने नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना दिया। रियो ओलंपिक के 3000 मीटर स्टीपल चेज़ इवेंट में अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड को 9.19.76 का समय लेकर तोड़ा और फाइनल इवेंट तक पहुंची। ललिता से पहले पी टी उषा ने 1984 में लॉस एंजीलिस ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय एथलीट थी। उषा ने 400 मीटर इवेंट के फाइनल में पहुंचकर नया कीर्तिमान रच दिया था। रियो ओलंपिक के फाइनल में ललिता अपने बेहतरीन प्रदर्शन को कायम नहीं रखा पाई। 9.22.74 का समय लेते हुए ललिता 10वें स्थान पर रही। उन्होंने एक ऐसे स्पर्धा के फाइनल में जगह बनायी जहां बहुत कम भारतीय महिला एथलीट ने जगह बनायी है। इसलिए उन्हें हमारी लिस्ट में 18वां स्थान मिलता है। #17 अदिति अशोक [caption id="attachment_81296" align="alignnone" width="594"]भारत की तरफ से 32 साल बाद लंबी दूरी की दौड़ में बबिता ने ओलंपिक में जगह बनाई भारत की तरफ से 32 साल बाद लंबी दूरी की दौड़ में बबिता ने ओलंपिक में जगह बनाई[/caption] गोल्फ एक ऐसा खेले है जिसे भारत में कोई खास पहचान नहीं मिल पायी है। इसके बावजूद 18 साल की इस लड़की ने रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। उनके टेलेंट को देखते हुए उन्हें भारत की बेहतरीन गोल्फ खिलाड़ी माना जा रहा है। ओलंपिक के शुरुआती दो दिनों में बेहतरीन खेल दिखाया, लेकिन आखिरी दिन 31 स्थान से उन्हें संतोष करना पड़ा। अदिती को लेडीज यूरोपीय टूर की साल की उभरती हुई खिलाड़ी के रूप में चुना गया। अपने पहले साल के टूर में लगातार दो खिताब जितने वाली पहली भारतीय महिला गोल्फर भी बनी। इस साल गुरुग्राम में खेले गये हीरो विमेंस इंडियन ओपन में अब तक बेहतरीन प्रदर्शन किया। दुबई लेडीज मास्टर्स टूर्नामेंट में अदिति ने तीसरा स्थान हासिल कर साल का सुखद अंत किया। 18 साल की अदिति को तीसरा स्थान हासिल करने के लिए ‘रूकी ऑफ द ईयर अवार्ड से नवाजा गया। कम उम्र में भारतीय महिला गोल्फ का सितारा बनने के कारण उन्हें हमारी लिस्ट में 17वां स्थान मिलता है। #16 पी आर श्रीजेश [caption id="attachment_81285" align="alignnone" width="594"]भारतीय हॉकी कप्तान पी आर श्रीजेश भारतीय हॉकी कप्तान पी आर श्रीजेश[/caption] भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर और कप्तान पी आर श्रीजेश को टीम को एकजुट कर खेलने के लिए जाना जाता है। उनकी कप्तानी में टीम ने विश्व हॉकी पटल पर नये आयाम छुएं है। सरदार सिंह को हटाकर इस साल उन्हें टीम का कप्तान बनाया गया था। अपने प्रदर्शन से उन्होंने चयनकर्ताओं का विश्वास कायम रखा। श्रीजेश ने सुल्तान अजलान शाह टूर्नामेंट और लंदन में खेले गये चैमपियनशिप में उन्होंने रजत पदक हासिल करने में टीम का नेतृत्व किया। विपक्षी टीम को गोल करने के लिए श्रीजेश ने नाकों चने चबवा दिये। इसके लिए उन्हें एफआईएच गोलकीपर ऑफ द ईयर अवार्ड के लिए नामांकित किया गया है। अपने प्रदर्शन से उन्होंने न केवल हॉकी प्रेमियों का जीता बल्कि हॉकी विशेषज्ञों को भी प्रभावित किया। वहीं चोटिल होने के कारण श्रीजेश एशियन चैम्पियनशिप ट्रॉफी और अस्ट्रेलिया दौरा पर नहीं जा पाये। साल के अंत में जूनियर हॉकी विश्व कप पर भारतीय टीम ने कब्जा किया। इसमें भी श्रीजेश ने गोलकिपिंग कोच के रूप में अहम भूमिका निभाई। 15 साल बाद जूनियर हॉकी विश्व कप पर भारत ने कब्जा किया है। इस जीत में भारत का मार्गदर्शन करने वाले कोच श्रीजेश को हमारी लिस्ट में 16वां स्थान मिलता है।

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