2016 में 'छुपा रुस्तम' का तमगा अगर किसी को जाता है तो वो है साक्षी मलिक। 24 साल की इस पहलवान का नाम फोगाट बहनों की परछाई में कहीं छिप गया था। मगर रियो ओलंपिक के बाद भारतीय कुश्ती को एक नई हस्ती मिल गई। ओलंपिक ट्रायल में साक्षी ने अपने ही देश की पहलवान गीता फोगाट को चित कर रियो के लिए क्वालिफाई किया। रियो में अपना दमखम दिखाते हुए कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं। ओलंपिक गये कुश्ती दल से भारतीयों को काफी उम्मीद थी, लेकिन सभी ने निराश ही किया। इससे भारत की ओलंपिक तैयारियों पर सवालिया निशान लग गया, पर साक्षी मलिक ने अपनी जीत के साथ भारतीय कुश्ती पर लगे गहरे घाव पर मरहम लगाने की कोशिश की। कभी न हार मानने की जिद ने उन्हें करोड़ों भारतीय खेल प्रेमियों का अपने प्रदर्शन से दिल जीत लिया। भारतीय कुश्ती में साक्षी के अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें हमने अपनी लिस्ट में नंबर 4 पर रखा है।