भारतीय टेबल टेनिस की आन-बान-शान कहे जाने वाले शरत कमल टोक्यो ओलंपिक के तीसरे राउंड के लिए क्वालीफाई कर गए हैं। शरत और मनिका बत्रा की जोड़ी ने जिस तरह से राष्ट्रमंडल खेलों में प्रदर्शन किया वो काबिल-ए-तारीफ था लेकिन वो इस प्रदर्शन को मौजूदा ओलंपिक में भुना नहीं पाए और मिक्सड डब्लस पदक की रेस से बाहर हो गए।
शरत के बारे में बात करें तो वो शांत स्वभाव के खिलाड़ी माने जाते हैं। उनसे कई बार ऑन और ऑफ़ कैमरा बात करने का मौका मिला है। किसी भी खिलाड़ी की खास बात ये है कि वो संयम नहीं खोता जो शरत के साथ बिल्कुल देखने को मिलती है। जीके से कई करेंट अफेयर्स की बुक पढ़ लीजिये, उसमें आपको चेन्नई से जुड़े महानुभाव के बारे में कई प्रश्न आपको पढ़ने को मिलेंगे।
ये बात अपने आप में ये दर्शाता है कि शरत कितने सालों से भारतीय टेबल टेनिस की बागडोर संभाल रहे हैं। लेकिन क्या शरत को अब टेबिल टेनिस को अलविदा कहने का समय आ गया है? ये सवाल आपको हर खेल प्रशंसक से सुनने को जरूर मिलेगा। 39 वर्षीय शरत में अब आपको एक थकान देखने को जरूर मिलेगी। वो हर प्रतियोगिता या मुकाबले में कितना दम-खम लगा लें लेकिन कहीं ना कहीं चेन्नई का ये शेर बूढ़ा हो चला है।
दुर्भाग्यवश ये कहना गलत नहीं होगी की जितनी सरलता और शालीनता से शरत ने भारतीय टेबल टेनिस की कमान संभाली है वो और कोई खिलाड़ी नहीं संभाल पाता।
क्या शरत भारत के लिए रच पाएंगे
टेबल टेनिस के बारे में बात करें तो भारत का आज तक कोई भी खिलाड़ी ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाया है। उम्र को देखते हुए शरत अपना आखिरी ओलंपिक खेल रहे हैं। टेबल टेनिस के इस दिग्गज के पास ओलंपिक के अलावा लगभग हर प्रतियोगिता में मेडल है। शरत के पास टोक्यो में इतिहास रचने का मौका है, लेकिन यह काफी मुश्किल है।
कौन ले सकता है शरत की जगह?
शरत की जगह भरना फिलहाल असंभव सा दिख रहा है। लेकिन जी.साथियान, हरमीत देसाई और मनिका बत्रा का 2018 के बाद जिस तरह से प्रदर्शन रहा है, वह आकर्षण का केंद्र जरूर बना है। साथियान और मनिका बत्रा पिछले कुछ सालों से जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं, वो अविश्वशनीय है। मनिका और साथियान में आपको वही आग देखने को मिलती है जो एक समय शरत में देखने को मिलती थी जब वह मैच के लिए उतरते थे। वहीं हरमीत देसाई के बारे में बात करें तो वो भी हाल के दिनों में अच्छे लय में दिख रहे हैं।