Tokyo Paralympics - पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा लेंगे ये देश 

Preparations Made Ahead Of The Tokyo Paralympics
Preparations Made Ahead Of The Tokyo Paralympics

टोक्यो पैरालंपिक की शुरूआत होने में अब चंद दिनों का समय रह गया है। इस प्रतियोगिता के बारे में बात करें तो 100 देश हिस्सा ले रहे हैं। आइए एक नजर उन देशों पर डालते हैं, जो खेलों के महाकुंभ में पहली बार शिरकत कर रहे हैं।

1) भूटान

भूटान पहली बार पैरालंपिक में पर्दापण कर रहा है। एशिया के कम आबादी वाले देश के तरफ से 4 खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में शिरकत करते हुए दिखेंगे। गएलटशेन औऱ चिमी डेमा शॅाटपुट में अपने देश का मान-सम्मान बढ़ाएंगे। इन दोनों खिलाड़ियों को 2019 विश्व प्रतियोगिता के आधार पर टोक्यो पैरालंपिक में प्रवेश दिया गया है। वहीं पेमी रागसेल ,आर्चरी और किनले डेम 10 मीटर एयर राइफल में भूटान का प्रतिनिधीत्व करेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भूटान में पैरालंपिक स्पोर्टस कमेटी 2017 में बना था। जिसके बाद से ही वहां की संस्थान बड़े सक्रिय रूप में काम कर रही है।

2) गयाना

साउथ अमेरिकन देश गयाना से साइकलिस्ट वाल्टर ग्रांट इस प्रतियोगिता में शिरकत करेंगे। वाल्टर को इस प्रतियोगिता में प्रवेश उनके देश में आयोजित मास्टर प्रतियोगिता के आधार पर दिया गया है। वाल्टर अपने देश से एकमात्र खिलाड़ी हैं, जो इस प्रतियोगिता में शिरकत करते हुए दिखेंगे।

3) पैराग्वे

अंतराष्ट्रीय पैरालंपिक कमेटी ने पैराग्वे को 2019 में मान्यता दी थी। इस देश से 10 लोगों का दल इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेगा। वहीं इस रोडरिशो हरमोशा और मेलीशा गेलीएनो नामक तैराक पहली बार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पर्दापण करेंगे।

कोविड-19 के माहामारी के वजह से कई देश के खिलाड़ियों को साल भर तक किसी खास प्रतियोगिता में हिस्सा लेना का मौका नहीं मिला। ऐसे मं टोक्यो ओलंपिक के आयोजन से इन खिलाड़ियों के मानसिक स्थिति और मजबूत होगी।

पैरालंपिक का आयोजन हर 4 साल में होता है। लेकिन इन खेलों के प्रति लोगों की ऐसी दिलचस्पी पहली बार देखने को मिल रही है। या ना सिर्फ खिलाड़ियों के लिए लाभदायक है। बल्कि समाज के हर वर्ग को जोड़ने में भी ऐसी प्रतियोगिता कि अहम भूमिका है। विश्व भर में दिव्यांग लोगों के लिए विभीन्न प्रकार की पहल चलाए जा रहे हैं। जिनमें पैरालंपिक भी एक है। पैरालंपिक खेलों का आयोजन पहली बार 1960 में इटली, रोम में हुआ था।

टोक्यो पैरालंपिक के आयोजन से पहले जापान में कोविड-19 भी चरम पर पहुंच गया है। वहां की सरकार के साथ आम जनता भी इस विषय पर चिंतित है। दरअसल खतरे की घंटी टोक्यो ओलंपिक के दौरान शुरू बज गई थी। उम्मीद करते हैं। जापान सरकार ओलंपिक की भाति टोक्यो पैरालंपिक का आयोजन भी भव्य तरीके से करें।

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Edited by निशांत द्रविड़