किताब से शूटिंग सीखने वाला ये खिलाड़ी लाएगा पैरालंपिक में पदक

सिद्धार्थ बाबू टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे
सिद्धार्थ बाबू टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे

सिद्धार्थ बाबू, एक ऐसा नाम जिसकी कहानी आपको रूलाने के साथ आपके अंदर कुछ कर गुजरने की चाह उत्पन्न कर देगी। केरल के सिद्धार्थ शूटर से पहले मार्शियल आर्ट के प्रशिक्षक थे। एक सड़का हादसे के दौरान सिद्धार्थ को पैरालसिस के शिकार हो गए, जिसके बाद मार्शिल आर्ट उनका सफर समाप्त हो गया। सभी को लगा सिद्धार्थ जिंदगी यहीं पर थम गई है। लेकिन एक खिलाड़ी इतना जल्द ही घुटने टेक दे ये संभव नहीं। कोई भी खेल हमे यही सिखाता है। कभी ना हार मानने का जज्बा और कुछ ऐसा सिद्धार्थ के साथ हुआ। उनके पैर भले ही उनक साथ नहीं रहे थे। लेकिन उनका मन और दिल ये बात मानने को तैयार नहीं था। उनका करियर इतना जल्द ही समाप्त हो जाएगा। आइए एक नजर डालते हैं। उस व्याखये पर जहां से सिद्धार्थ की पटकथा बदलने की शुरूआत हुई।

अस्पताल में ही शुरू कर दी निशानेबाजी

सिद्धार्थ ने अपने निशानेबाजी का अभ्यास अस्पताल से शुरू कर दिया। दरअसल सिद्धार्थ काफी समय से अस्पताल में भर्ती थी। उनका दोस्त भी पैरालसिस का शिकार था। एक बार उन्होंने अस्तपाल स्टाफ से बोला कि आप पेड़ के बीच में निशानेबाजी के अभ्यास की व्यवस्था करने को लेकर वहीं से सिद्धार्थ के जीवन की पदकथा बदल गई

किताब से सीखा शूटिंग का हुनर

सिद्धार्थ ने किताब से शूटिंग का हुनर सीखा है। आय की सारी व्यवस्था रूक जाने के बाद उनके पास इतने पैसे नहीं था। जिससे वो एक कोच को पैसे देकर सीख सकें। जिसके बाद सिद्धार्थ ने किताब को ही अपना कोच समझा और उसे ही पढ़कर निशानेबाजी की हुनर सीखाना शुरू कर दिया ।

सिद्धार्थ के नाम कई कीर्तिमान है

सिद्धार्थ बाबू के नाम कई कीर्तिमान स्थापित है। 2015,16 और 2017 में कई नेशनल प्रतियोगिता में सिद्धार्थ के नाम है। साथ ही अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उनके नाम का हमेशा डंका बजता रहा है । एक बार कि बात है। जब सिद्धार्थ ने निशानेबाजी में अपने सफर की शुरूआत की थी। उस दौरान उन्हें सभी बड़े हल्के में लेते थे। वो शूटिग कर सकते हैं। ऐसी हालात में कोई भी मानने को तैयार नहीं था। सिद्धार्थ को एक टास्क दिया गया निशानेबाजी को लेकर जिसे उन्होंने बड़े सहजते से पूरा कर लिया।

कोबे ब्रायंट हैं आदर्श

सिद्धार्थ बाबू कोबे ब्रायंट को अपना आदर्श मानते हैं। कोबे ब्रायंट अमेरिके मशहूर बास्केटबॅाल खिलाड़ी थे। कभी ना हार मानने का जज्बा रखने वाले कोबे ब्रायंट की हेलीकॅाप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई। सिद्धार्थ बाबू अपने जीवन में कोबे की तरह खिलाड़ी बनना चाहते हैं।

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