टोक्यो ओलंपिक्स में चीयर नहीं करना, ऊंची आवाज में बात नहीं करना, खाना, पीना या झंडे फहराना सब मना होगा। टोक्यो ओलंपिक्स में अगर फैंस को मैदान में आने की अनुमति मिलती है तो इस तरह की पाबंदी लग सकती है। कोरोना वायरस महामारी ने जापान में खेल की जिंदगी बदल दी है, जहां स्टेडियम में जुनून से ज्यादा सादगी देखने को मिल सकती है। ओलंपिक स्थल का प्रमुख टोक्यो के नेशनल स्टेडियम पर इस महीने के एंपरर कप फुटबॉल फाइनल में देखने को मिला कि गेम्स में क्या-क्या हो सकता है।
जब कावासाकी फ्रंटेल ने मैच का एकमात्र गोल किया, तो थोड़ी सी आवाज जल्दी ही गुम हो गई क्योंकि कम क्षमता में आए दर्शकों के चीयरिंग करने पर प्रतिबंध लगा था। 26 साल की फ्रंटेल फैन डाइया इनोउ ने एएफपी से कहा, 'जब गोल होता है तो आप चिल्लाना चाहते हो, लेकिन आपको इसे रोकना होगा। हमें अपनी भावनाओं पर काबू करके ऐसा माहौल बनाना होगा जहां लोग सुरक्षित होकर मुकाबला देख सके।'
महामारी के बाद जापान के पहले अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स इवेंट्स में नवंबर में टोक्यो में जिम्नास्टिक्स प्रतियोगिता में इसी तरह के दृश्य देखने को मिले। करीब 2000 फैंस ने फेस मास्क पहना हुआ था और नियमित रूप से अपने हाथ सेनिटाइज कर रहे थे। वह अपने शरीर का तापमान नाप रहे थे और योयोगी नंबर-1 जिम्नेशियम में 8,700 दर्शक क्षमता वाली जगह पर सामाजिक दूरी का ख्याल रख रहे थे। तालियां बजाना और बिलकुल कम आवाज में हौसला अफजाई करना फैंस की तरफ से करते हुए देखने को मिल रहा था। वहीं एलीट एथलीट्स अपनी शारीरिक उत्कृष्टता का प्रदर्शन कर रहे थे।
फैंस हो सकता है कि खुद को भाग्यशाली समझे कि किसी भी स्थिति में ओलंपिक्स में शामिल हो सके और प्रमुख आयोजक एएफपी को दिए इंटरव्यू में बयान दे चुके हैं कि वह बंद दरवाजों के पीछे ओलंपिक कराने के इच्छुक नहीं हैं। ज्यादातर खेल गतिविधियां इस समय बिना दर्शकों के आयोजित हो रही हैं और ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि टोक्यो ओलंपिक्स रद्द हो सकते हैं। मगर आयोजकों का कहना है कि वह तैयारी के साथ आगे बढ़ रहे हैं और बायो सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए 53 पन्नों की रिपोर्ट भी तैयार कर चुके हैं।
टोक्यो ओलंपिक्स में बदल सकते हैं नियम
टोक्यो ओलंपिक्स के प्रतियोगिता स्थल पर फैंस को अपने हाथ धोने होंगे और पास में बैठने से बचना होगा। वहीं उन एक्ट पर प्रतिबंध लगेगा, जिससे हवा में इंफेक्शन के फैलने की गुंजाइश हो, जैसे चिल्लाना, जोर से बात करना आदि। मगर विदेशी दर्शकों- अगर उन्हें देश में आने की अनुमति मिलती है, यह फैसला अगले कुछ महीनों में लिया जाएगा, उन्हें पृथकवास में नहीं रहना होगा और वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग भी कर सकेंगे, लेकिन उन्हें मास्क पहनकर रखना होगा।
फ्रंटेल सीजन टिकट होल्डर लिसा इनोउ ने कहा कि स्टेडियम की पाबंदी के कुछ लोग आदि हो चुके हैं जब फुटबॉल दोबारा शुरू होगा। उन्होंने कहा, 'मुझे खुद को कुछ समय तक चीयरिंग करने से रोकना पड़ा, लेकिन फिर मुझे इसका आनंद आने लगा कि खिलाड़ी और मैनेजर आपस में क्या बातें कर रहे हैं। कुछ फैंस ने कहा कि अगर टीम का सपोर्ट करने का मौका नहीं मिला, तो वो नहीं आएंगे। माहौल पूरी तरह अलग रहेगा, लेकिन मैंने तो इसका भरपूर आनंद उठाया।'