टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॅाकी टीम ने बेशक मेडल नहीं जीता,लेकिन दिल जरूर जीत लिया है। भारत को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ कांस्य पदक मुकाबले में 3-4 से हार का सामना करना पड़ा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय महिला हॅाकी के इतिहास में हमारी टीम ने सर्वोच्च चौथा स्थान प्राप्त किया है। हालांकि सभी को उनसे पदक की उम्मीद थी। लेकिन हर बार हम जो सोचते हैं। वहीं ही हो ये संभव नहीं। महिला खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए विश्व भर से बधाईयों का तांता लग गया।
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्लेयर्स के अदभूत प्रदर्शन की सराहना की। हालांकि प्रधानमंत्री से बातें करते हुए सभी के आंखे नम थी। वहीं उड़ीशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हर एक प्लेयर की हौसलाफजाई की है। वहीं टीम के कोच शोर्ड मरीन का कहना है कि हमारे खिलाड़ियों ने मेडल से ज्यादा जीता है। मरीन कई सालों से इन खिलाड़ियों पर जिस तरह का काम कर रहे हैं। वो इस प्रतियोगिता में सभी ने देख भी लिया। इस टीम के साथ कई विदेशी कोच आए और गए लेकिन मरीन ने सबसे ज्यादा वक्त इस टीम के साथ बिताया। हालांकि टीम के मेडल ना जीतवाने को लेकर उनका मलाल है और वो इसके बाद टीम को प्रशिक्षण नहीं देंगे। हॅाकी इंडिया बेशक उनको रोकने का पूरा प्रयास करेगी। क्योंकि जो इतने सालों में किसी विदेशी कोच ने नहीं कर दिखाया वो मरीन ने कर दिया। इंग्लैंड से ताल्लुक रखने वाले भारतीय महिला टीम के साथ लगातार बने हुए हैं।
टोक्यो ओलंपिक में सविता पूनिया,रानी रमपाल,वंदना कटारिया औऱ गुरजीत जैसे खिलाड़ियों ने काफी नाम बंटोरा है। लीग मुकाबले में हार से लग रहा था कि शुरूआती दौर में भारतीय महिला टीम बाहर हो जाएगी। लेकिन गुरजीत कौर के गोल पर गोल ने हर देशवासियों को गौरवांवित कर दिया। जो महिला हॅाकी को कभी पूछत नहीं थे। हर गली- नुक्कड़ पर इन बेटियों के देश भर में चर्चे हैं ।
भारतीय महिला टीम ने बेशक मेडल नहीं जीता लेकिन उन्होंने दिल जरूर जीत लिया। देश भर में जिस खेल को लेकर स्वर्णिम इतिहास भूला जा रहा था। आज वो फिर वापस आ गया है। जमीनी स्तर पर हॅाकी प्रतियोगिता जहां खत्म हो रहे थे। अब उनमे बढ़ोतरी देखने को जरूर मिलेगी। वहीं कई राज्यों के सरकार ने अपने खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उनके सम्मान के लिए समारोह का आयोजन करने वाली है।