भारत के लिये 5 अगस्त 2021 का दिन ऐतिहासिक रहा। बीते गुरुवार हिंदुस्तान का हॉकी में 41 साल का पदक का सूखा खत्म हुआ। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीत कर चार दशकों के लंबे इंतज़ार को ख़त्म कर दिया। देश की झोली में इतनी सारी ख़ुशियां देने का श्रेय पुरुष टीम के सभी खिलाड़ियों को जाता है, जिन्होंने कांस्य पदक जीतने में योगदान दिया। आइये जानते हैं पूरे टूर्नामेंट में किस खिलाड़ी का प्रदर्शन कैसा रहा।
1. पीआर श्रीजेश
इस टूर्नामेंट में पीआर श्रीजेश का प्रदर्शन शानदार रहा और पदक जीतने में उनके गोलकीपिंग का बहुत बड़ा योगदान था।
2. दिलप्रीत सिंह
दिलप्रीत सिंह एक अनुभवी खिलाड़ी नहीं हैं, लेकिन फिर भी ऑफ द बॉल प्रेसिंग और स्टिक वर्क से खेल को दिलचस्प बनाया।
3. सिमरनजीत सिंह
टूर्नामेंट में सिमरनजीत सिंह एक अहम खिलाड़ी साबित हुए। उन्होंने पहले और आखिरी गोल के साथ शानदार प्रदर्शन किया।
4. मंदीप सिंह
मंदीप सिंह हॉकी टीम के वो प्लेयर है, जो पिछले कुछ समय से काफी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।
5. रूपिंदर पाल सिंह
रूपिंदर पाल सिंह पेनल्टी कार्नर के साथ अपनी योग्यता दिखाने में सफ़ल साबित हुए।
6. हार्दिक सिंह
हार्दिक सिंह वो खिलाड़ी हैं, जिन पर लंबे समय के लिये भरोसा जताया जा सकता है। उन्होंने गेम पलट कर भारत को जीत दिलाने में अहम योगदान दिया।
7. अमित रोहिदास
खिलाड़ी ने पूरे टूर्नामेंट में डिफेंडर के रूप में अपनी अहम भूमिका अदा की।
8. हरमनप्रीत सिंह
पेनल्टी कार्नर में टीम का नेतृत्व किया और उन्हें सफ़लता दिलाई।
9. शमशेर सिंह
शमशेर सिंह को जब भी किसी मैच में रोटेट किया गया, उन्होंने भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
10. मनप्रीत सिंह (कप्तान)
भारतीय टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने पहले के मैचों में कुछ गलतियां की, लेकिन आगे के लिये उन्होंने अपनी ग़लतियों पर काम भी किया और अपनी कप्तानी में भारत को ऐतिहासिक पदक दिलाया।
11. सुमित
सुमित गुमनाम नायकों में से एक हैं, जिन्होंने शांती और बेदाग़ से अपना काम किया।
12. सुरेंद्र कुमार
कोविड से उबरने के बाद खेल के प्रति उन्होंने जबरदस्त साहस दिखाया है।
13. ललित उपाध्याय
ललित उपाध्याय सभी मैचों में नहीं खेले, लेकिन जब भी खेले दर्शकों और कोच का दिल जीत लिया।
14. गुरजंत सिंह
गुरजंत सिंह ने महत्वपूर्ण फील्ड गोल दिये और विपक्ष पर दवाब बनाने में कामयाब रहे।
15. वरुण कुमार
पिछले पांच मैचों में खेले और एक अच्छे पेनल्टी कार्नर स्पेशलिस्ट के रूप में विकसित हो रहे है।
16. विवेक सागर प्रसाद
विवके सागर प्रसाद के प्रदर्शन को देखते हुए कहना गलत नहीं होगा कि 2023 का विश्व कप उनका हो सकता है।
17. नीलकांता शर्मा
26 साल की उम्र में उन्होंने अपने खेल से दिल जीता और टीम की जीत में अहम योगदान दिया।
18. बीरेंद्र लाकड़ा
एक अच्छा खिलाड़ी, जिसका प्रबंधन ने कम इस्तेमाल किया।