टोक्यो ओलंपिक में अमेरिकी बास्केटबॉल खिलाड़ी केविन ड्यूरेंट ने एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। जापान के टोक्यो में आयोजित ओलंपिक में केविन ड्यूरेंट ने बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया है। इसी के साथ ड्यूरेंट ने ओलंपिक में सर्वकालिक सफल अमेरिकी बास्केटबॉल खिलाड़ी का ख़िताब अपने नाम कर लिया है।
यही नहीं, केविन ड्यूरेंट संयुक्त राज्य अमेरिका की पुरुष टीम के लिए ओलंपिक में सबसे अधिक अंक जुटाये। इसी के साथ वो ओलंपिक में अमेरिका की पुरुष टीम के लिए सर्वाधिक स्कोर हासिल करने वाले प्लेयर बन गए हैं। केविन ड्यूरेंट दो बार के ओलंपिक विजेता रह चुके हैं। इसके लिये उन्हें केडी के नाम से भी जाना जाता है। खिलाड़ी ने ओलंपिक में अपनी शानदार प्रतिभा का परिचय दिया और टीम को 354 अंक जुटाने में मदद की। हांलाकि, ओलंपिक में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के लिये केडी को लगभग 9 साल का इंतज़ार करना पड़ा।
इससे पहले उन्होंने 2012 में टीम यूएसए के पुरुष बास्केटबॉल टीम के लिए पदार्पण किया था। इतने लंबे अंतराल के बाद वो ओलंपिक में ये जीत हासिल कर पाये हैं। आपको बताते चलें कि केविन ड्यूरेंट पहले भी दो बार स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। इस बार उन्होंने 23 अंक जुटाये, जिसकी बदौलत अमेरिका ने टोक्यो 2020 में अपने अंतिम ग्रुप गेम में चेक गणराज्य को 119-84 से हरा कर बड़ी जीत हासिल की।
बीते शनिवार ड्यूरेंट ने लेब्रोन जेम्स, डेविड रॉबिन्सन और माइकल जॉर्ड से ज़्यादा अंक हासिल किये और उन्हें अंक तालिका सूची में काफ़ी पीछे छोड़ आगे निकल गये। एक ओर जहां ड्यूरेंट अपना तीसरा ओलंपिक खेल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कार्मेलो एंथोनी ने अपने चार ओलंपिक में 336 अंक अर्जित किए हैं। आपको बता दें कि ड्यूरेंट को ओलंपिक में इतिहास रचने के लिये एक लंबा सफ़र तय करना पड़ा है। इससे पहले ब्राज़ील के ऑस्कर श्मिट 1,093 और ऑस्ट्रेलिया के एंड्रयू गेज़ 789 प्वाइंट्स के साथ शीर्ष पर विराजमान थे। इन दोनों ने अपने करियर के सफ़र में पांच ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया है।
आपको बता दें कि 2017 में दुनिया के मशहूर अमेरिकी बास्केटबॉल केविन ड्यूरेंट भारत दौरे पर भी आये थे। इस दौरान उन्होंने हिंदुस्तान को लेकर एक विवादित बयान भी दिया था। ‘द एथलेटिक’ को दिये इंटरव्यू में उन्होंने ज्ञान के मामले में भारत को 20 साल पीछे बताया था। विवाद के तूल पकड़ने पर उन्होंने सफ़ाई देते हुए माफ़ी भी मांगी थी। सफ़ाई देते हुए ड्यूरेंट ने कहा था कि वो हिंदुस्तान को लेकर जैसा सोचते थे ये मुल्क वैसा नहीं निकला।