भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन टोक्यो ओलंपिक 2020 के सेमीफ़ाइनल में पहुंच चुकी हैं और इसी के साथ उनका पदक पक्का हो गया है। ओलंपिक पहुंची लोवलिना बोर्गोहैन की इस सफ़लता पर हर एक देशवासी को नाज़ है। गर्व की बात है कि लोवलिना बोर्गोहैन ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की तीसरी मुक्केबाज बन जायेंगी।
मुक्केबाज लोवलिना बोर्गोहैन असम की रहने वाली हैं और उनकी इस सफ़लता के लिये हर कोई उन्हें बधाई दे रहा है। उनकी मेहनत को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें एक बढ़िया सा तोहफ़ा देने का ऐलान किया है। ये तोहफ़ा सिर्फ़ खिलाड़ी और उसके परिवार के लिये ही नहीं है, बल्कि उनके पूरे गांव के लिये है।
लोवलिना बोर्गोहैन की प्रतिभा से ख़ुश होकर राज्य सरकार ने उनके गांव बारोमुखिया में 3.5 किलोमीटर सड़क का निर्माण का फ़ैसला किया है। आपको बता दें कि बारोमुखिया असम के गोलाघाट के पास पड़ता है। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार लोवलिना की टोक्यो से घर वापसी से पहले सड़क निर्माण कार्य पूरा करने की कोशिश में जुटी है, जिसके लिये ओवरटाइम भी किया जा रहा है। राज्य सरकार लोवलिना को ये तोहफ़ा इसलिये दे रही है, क्योंकि मिट्टी की वजह से बरसात में लोगों को आने-जाने में काफ़ी तकलीफ़ होती थी।
पहले भी किये गये थे प्रयास
राज्य सरकार का कहना है कि ऐसा नहीं है कि लोवलिना की जीत के बाद ही सड़क निर्माण कार्य पर जोर दिया जा रहा है। इससे पहले भी सरकार द्वारा सड़क बनाने का प्रयास किया गया था। पर वो कहते हैं न कि हर चीज़ सही समय पर ही पूरी होती है। बस वैसा ही कुछ खिलाड़ी के गांव की सड़क के साथ हुआ। पहले भी सड़क बनाने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ न कुछ कारणों से काम पूरा नहीं हो सका।
ख़बर के मुताबिक, 2016 में असम के मुख्यमंत्री रहे सर्वानंद सोनेवाल ने काम शुरू करवाया था, पर केवल 100 मीटर रोड ही बन पाई थी। कहते हैं कि इस सड़क पर 3/9 गोरखा राइफल्स के सिपाही बहादुर श्रेष्टा का घर भी बना हुआ है, जिन्होंने 2019 में पाकिस्तान द्वारा की गई फायरिंग में जान कुर्बान कर दी थी। वहीं गांव वालों का कहना था कि पक्की सड़क न होने की वजह से कई बार मरीज़ों को अस्पताल ले जाने में देरी हो जाती है। यही नहीं, उनके गांव पानी की सप्लाई की सुविधा भी नहीं है। अभी तक गांव वाले ट्यूबवेल और तालाब के पानी से गुज़ारा करते हैं। गांव की स्वास्थ्य सुविधा भी कुछ ख़ास नहीं है। फिलहाल सड़क कार्य जारी हो चुका है और सभी को देश की बेटी लोवलिना का इंतज़ार है। हालांकि अभी लोवलिना के मेडल का रंग तय नहीं हो पाया है।