टोक्यो में ओलंपिक खेलों की शुरुआत हो चुकी है और अब सभी देशों के खिलाड़ी पोडियम पर अपनी जगह बनाने के लिए जी-जान लगाने को तैयार हैं। भारतीय दल भी इस बार पिछले ओलंपिक से बेहतर प्रदर्शन करने की चाह के साथ मैदान में उतरा है। जेवलिन थ्रो (भाला फेंक) खिलाड़ी अन्नू रानी भी देश के लिए तमगा जीतने की कोशिश करना चाहेंगी।
28 साल की अन्नू पहली बार ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उत्तर प्रदेश के बहादुरपुर की रहने वाली अन्नू बचपन में क्रिकेट खेला करती थीं, लेकिन बड़े भाई को जब लगा कि उनकी बहन की बाजुएं काफी मजबूत हैं, तो अपनी बहन से खेतों में गन्ने फिंकवाएं। बस यहीं से शुरुआत हुई अन्नू और जेवलिन थ्रो के रिश्ते की। एक गरीब परिवार की इस बेटी ने अपनी पहली बड़ी प्रतियोगिता में बांस से बना जेवलिन फेंका क्योंकि महंगा जेवलिन खरीदने के लिए परिवार के पास संसाधन नहीं थे। लेकिन अन्नू ने हार नहीं मानी और कोशिश पर कोशिश करते हुए जेवलिन थ्रो में राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया।
अन्नू रानी ने जेवलिन थ्रो के फील्ड पर आते ही धुआंधार प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। साल 2014 में अन्नू ने लखनऊ में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में 58.83 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर 14 साल पुराना राष्ट्रीय रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया। इसी साल अन्नू ने अपने प्रदर्शन को सियोल एशियन गेम्स में सुधारा और 59.53 मीटर लंबा थ्रो फेंककर कांस्य पदक अपने नाम किया।
विश्व रैंकिंग में 13वें स्थान पर काबिज अन्नू रानी 60 मीटर की दूरी से ज्यादा पर भाला फेंकने वाली पहली भारतीय महिला हैं। पिछले कुछ सालों में अन्नू कुमारी ने लगातार अपने प्रदर्शन को सुधारा है। अपने प्रदर्शन के दम पर ही अन्नू ने साल 2019 में दोहा में हुई विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई। मार्च 2021 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अन्नू ने 63.24 मीटर भाला फेंककर अपना ही पुराना राष्ट्रीय रिकॉर्ड सुधारा लेकिन ओलंपिक क्वालिफिकेशिन के 64 मीटर की दूरी से चूक गई। अन्नू को उनकी विश्व रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक का टिकट हासिल हुआ। अन्नू से पहले सिर्फ गुरमीत कौर ने ओलंपिक खेलों की महिला जेवलिन थ्रो स्पर्धा में देश का प्रतिनिधित्व किया है। कौर ने 2000 सिडनी ओलंपिक के लिए क्वालिफाय किया था।
भारतीय फैंस को अन्नू से काफी उम्मीदें हैं लेकिन टोक्यो ओलंपिक में पोडियम तक पहुंचने के लिए इस खिलाड़ी को काफी कड़ी मेहनत और कोशिश करनी होगी क्योंकि विश्व की टॉप की समस्त जेवलिन थ्रो खिलाड़ी ओलंपिक में दावेदारी पेश करेंगी जिनमें इस साल 71.90 मीटर का थ्रो फेंकने वाली पोलेंड की मारिया आंद्रेयाजेक भी शामिल हैं।