टोक्यो ओलंपिक में एक ओर जहां दुनियाभर के खिलाड़ी गर्मजोशी से खेलते हुए मेडल जीतने की कोशिश कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर तेज धूप और गर्मी ने खिलाड़ियों को बेहाल कर रखा है। टोक्यो में तापमान और उमस इतनी बढ़ी हुई है कि कई खिलाड़ी और विशेषज्ञ इसे मौसम के लिहाज से सबसे खराब ओलंपिक मान रहे हैं।
जापान में 1900 के बाद अब तक सामान्य तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। ये पढ़ने में आपको सामान्य लगे किन्तु ग्लोबल वॉर्मिंग के लिहाज से ये अच्छी खबर नहीं है। तापमान 35 से 37 डिग्री तक को छू रहा है जिससे खिलाड़ियों को इसकी मार झेलनी पड़ रही है। ऐसे में कई खिलाड़ी टोक्यो शायद बिना तैयारी के आए तभी टेनिस हो या हॉकी, रोइंग हो या ट्रायथलॉन, हर खेल में एथलीटों के पसीने छूट गए और कई बीच मैच से हट गए।
इतिहास के सबसे गर्म खेल हुए हैं टोक्यो में
साल 1964 के ही टोक्यो ओलंपिक को ग्रीष्मकालीन खेलों में सबसे अधिक तापमान में हुए खेल माना जाता था। इसके बाद साल 2004 में ग्रीस के एथेंस में हुए जहां दिन का सामान्य तापमान तो 28 डिग्री सेल्सियस था लेकिन अधिकतम तापमान 34-35 डिग्री तक जाता था। ऐसे में 2021 के ये ओलंपिक खेल भी नया रिकॉर्ड स्थापित कर सकते हैं। हालांकि अतंर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की मानें तो वो खिलाड़ियों की सुविधा को सबसे आगे रखती है और उन्हें हर संभव संसाधन उपलब्ध करवा रही है ताकि गर्मी से निपटा जा सके।
खिलाड़ियों की आफत आई
तपता सूरज और उमस इतनी है कि कई खिलाड़ियों की जान पर बन आई। ROC (रूस ओलंपिक कमेटी) की महिला तीरंदाज स्वेतलाना गोम्बोएवा सिंगल्स के क्वालिफाइंग के अपने मैच में बेहोश होकर गिर गईं। स्वेतलाना के कोच के मुताबिक इतनी गर्मी में पूरे दिन खड़े होकर तीर चलाना उनके लिए मुश्किल था। टेनिस स्टार ROC के ही डेनिल मदेवदेव पुरुष सिंगल्स के प्री-क्वार्टरफाइनल मुकाबले के दौरान गर्मी से इतने परेशान हो गए कि उन्हें मेडिकल अटेंशन देना पड़ा। मदेवदेव गर्मी से इतने परेशान हो गए कि चेयर अंपायर के बार-बार खेल शुरु करने पर उन्होंने कह दिया कि अगर वो गर्मी से मर गए तो क्या अंपायर स्वंय जिम्मेदारी लेंगे।
टेनिस में ही स्पेन की खिलाड़ी पॉला बडोसा महिला सिंगल्स का अपना मुकाबला गर्मी के कारण पूरा नहीं कर पाईं और मैच बीच में ही छोड़ना पड़ा। बडोसा की हालत इतनी खराब हो गई कि उन्हें व्हील चेयर पर बाहर ले जाना पड़ा।
ऑस्ट्रेलिया ने किया विशेष कैम्प
ऑस्ट्रेलिया ने अपने खिलाड़ियों को उनके खेल का प्रशिक्षण तो दिया ही, लेकिन टोक्यो की गर्मी से निपटने के लिए विशेष कैम्प लगाया। ऑस्ट्रेलियन इंस्टिट्यूट ऑफ स्पोर्ट ने अपने खिलाड़ियों के लिए टोक्यो हीट प्रोजेक्ट नाम से तैयारी शुरु की और अपनी स्पर्धाएं टोक्यो की गर्मी में खेलने के लिए उन्हें मजबूत बनाया।
आयोजन का समय बदलने की मांग
आमतौर पर ग्रीष्मकालीन खेलों का आयोजन जुलाई-अगस्त के महीने में ही होता है क्योंकि इन दो महीनों में सामान्य रूप से खेल की अन्य बड़ी प्रतियोगिताएं आदि आयोजित नहीं होतीं। ऐसे में कई विशेषज्ञ और पूर्व ओलंपिन्स का मत है कि समय के लिहाज से आने वाले दौर में गर्मी ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण और बढ़ेगी और आवश्यकता होगी कि हर चार साल में होने वाला ये आयोजन ऐसे मौसम में कराया जाए जहां सभी खिलाड़ी खेल पर ध्यान दें न कि गर्मी और उमस पर।