ऑस्ट्रलियाई बॉक्सर हैरी गारसाइड ने टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में हारकर कांस्य पदक पर कब्ज़ा किया। बीते शुक्रवार को क्यूबा के एंडी क्रूज़ के खिलाफ खेले गये सेमीफाइनल में हैरी गारसाइड की हार हुई, जिसके बाद उन्हें कांस्य पदक लेकर ही संतुष्ट होना पड़ा।
हांलाकि, हैरी गारसाइड ऑस्ट्रेलिया के वो बॉक्सर हैं, जिन्होंने सिर्फ़ कांस्य पदक ही नहीं जीता, बल्कि कुछ वजहों से लोगों का दिल भी जीत लिया है। दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई बॉक्सर हैरी गारसाइड ने टोक्यो ओलंपिक्स में क्वॉर्टर-फाइनल की जीत के बाद नेल पॉलिश लगे हाथ दिखाते हुए नज़र आये। अमूनन खिलाड़ी इस तरह की चीज़ों को छिपाते हैं, लेकिन हैरी गारसाइड ने ऐसा नहीं किया।
जीत से ज़्यादा चर्चे हैरी गारसाइड की नेल पॉलिश के हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर भी जोरों से वायरल हो रही है और लोग इस पर चर्चा भी कर रहे हैं। खेल के बाद हैरी गारसाइड ने समाज की रूढ़िवादी सोच को तोड़ते हुए कहा कि "यहां बहुत सारे लोग हैं जिन्हें लगता है कि उन्हें कुछ होना चाहिए, क्योंकि वे पुरुष या महिला हैं...मैं बस उन सबसे अलग दिखना चाहता हूं।"
लोग ऑस्ट्रलियाई बॉक्सर की इस सोच पर फिदा हो गये हैं। हर कोई उनकी तारीफ़ करते नहीं ठक रहा है। इस समाज में कुछ रूढ़िवादी मानसिकता वाले लोग रहते हैं। जिन्होंने कुछ चीज़ों को लेकर ग़लत धारणा बना रखी है। जैसे लड़के रो कैसे सकते हैं। वो नेल पॉलिश कैसे लगा सकते हैं। अगर कोई लड़का घर का काम करता दिख जाये, तो उसमें भी उसे ताने देने लगते हैं, लेकिन क्यों?
दुनिया में आने वाला हर व्यक्ति एक लड़का या लड़की होने से पहले इंसान है। उसके सीने में दिल है। उसकी भी इच्छाएं हो सकती हैं। आखिरकार हम हर चीज़ में जेंडर क्यों ले आते हैं? हमें समझना होगा कि जब तक हम इन सब चीज़ों और सोच से ऊपर नहीं उठेंगे, आगे नहीं बढ़ सकते। बस समाज की इसी दकियानूसी सोच को दरकिनार कर हैरी गारसाइड ने नेल पॉलिश वालों हाथों को दिखाया, ताकि लोगों को दिखे कि वो बाक़ी लोगों से कितने अलग है।
करोड़ों की अबादी वाले इस देश में भले ही कई लोगों को इस बात से कोई फ़र्क़ न पड़े, लेकिन चंद लोग ऐसे भी होंगे जिन्हें ये बात समझ आयेगी। इसके अलावा वो खिलाड़ी के संदेश को बाकी लोगों तक भी पहुंचायेंगे। इस बात को समझना होगा कि अगर इतना बड़ा खिलाड़ी नेल पॉलिश लगे हाथों को दिखा सकता है, तो आप क्यों नहीं?