Tokyo Olympics - जब बॉक्सर लोवलिना को टीवी से मिली थी सेलेक्शन की खबर

जर्मनी की मुक्केबाज को हराकर लोवलिना ने वेल्टरवेट कैटेगरी के अंतिम 8 में जगह बनाई।
जर्मनी की मुक्केबाज को हराकर लोवलिना ने वेल्टरवेट कैटेगरी के अंतिम 8 में जगह बनाई।

ओलंपिक में भारत को बॉक्सिंग से पदक की उम्मीद है। पुरुष बॉक्सर तो कुछ खास कमाल नहीं कर पाए हैं लेकिन महिलाओं में मैरीकॉम के साथ ही असम की बॉक्सर लोवलिना ने भी अपनी बाउट जीतकर उम्मीदें बढ़ा दी हैं। लोवलिना ने अपनी जर्मन प्रतिद्वंदी नदिने अपेट्ज़ को 3-2 के निर्णय से हराकर क्वार्टर-फाइनल में जगह बनाई है। यदि लोवलिना अपना क्वार्टर-फाइनल मुकाबला जीत जाती हैं तो भारत का एक मेडल पक्का हो जाएगा।

बड़ी बहनों से मिली प्रेरणा

1993 में असम के गोलाघाट में जन्मी लोवलिना एक सामान्य परिवार से आती हैं। घर में दो बड़ी बहनें हैं जो जुड़वा हैं। बचपन से ही बड़ी बहनों को किक-बॉक्सिंग करते देखा तो लोवलिना को भी किक-बॉक्सिंग अच्छी लगी। 13 साल की उम्र में कॉम्बेट स्पोर्ट मुए थाई भी लोवलिना सीख रहीं थीं। किक-बॉक्सिंग सीखते हुए जब मुक्केबाजी में हाथ आजमाया तो लोवलिना को ये खेल और भी ज्यादा भा गया। फिर क्या था, लोवलिना ने इसे ही अपना सपना बना लिया। घर की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी नहीं थी, लेकिन लोवलिना के सपने ज्यादा मजबूत थे।

5 फुट 9 इंच लंबी लोवलिना का कद मैच के दौरान उन्हें काफी मदद देता है।
5 फुट 9 इंच लंबी लोवलिना का कद मैच के दौरान उन्हें काफी मदद देता है।

स्कूल में टैलैंट आया सामने

Sports Authority of India ने लवलीना के स्कूल बोरोपत्थर हाई स्कूल में एक ट्रायल आयोजित किया जिसमें लोवलिना ने भी भाग लिया और उनकी काबिलियत को सभी ने पहचाना। कोच पदम बोरो ने लोवलिना को अपनी छत्रछाया में लिया और उन्हें बॉक्सिंग के गुर सीखाने शुरु किये। 2017 में हुई एशियन चैंपियनशिप में लोवलिना ने तीसरा स्थान हासिल किया और इसी साल कजाकिस्तान में हुए प्रेसिटेंड्स कप में भी कांस्य पदक अपने नाम किया ।

सेलेक्शन की खबर न्यूज चैनल से मिली

साल 2018 में लोवलिना ने गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ खेलों के लिए क्वालीफाई किया। खास बात ये थी कि अपना सेलेक्शन होने की खबर लोवलिना को किसी आधिकारिक रूप से नहीं मिली। उनको तो उनके रिश्तेदारों ने खबर दी जब समाचार में उनके सेलेक्शन के चर्चे होने शुरु हो गए थे। तब जाकर लोवलिना को पता चला कि वो भारत की ओर से कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलेंगी। हालांकि क्वार्टर-फाइनल्स में ब्रिटेन की मुक्केबाज से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 21 साल की लोवलिना के लिए अनुभव काफी कारगार साबित हुआ। इसके बाद साल 2018 और 2019 में हुई विश्व चैंपियनशिप में वेल्टरवेट कैटेगरी में लोवलिना ने कांस्य पदक जीता।

इतिहास रचने का मौका

लोवलिना ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली असम की दूसरी मुक्केबाज हैं
लोवलिना ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली असम की दूसरी मुक्केबाज हैं

लोवलिना ने जॉर्डन में साल 2020 के ओलंपिक क्वालिफिकेशन में कांस्य पदक जीतकर वेल्टरवेट (64-69 किलोग्राम) कैटेगरी के लिए क्वालिफाय किया। अब क्वार्टर-फाइनल में यदि अपनी प्रतिद्वंदी चीनी ताईपे की चेन नियेन-चिन को हरा देती हैं तो वो सेमीफाइनल में पहुंच जाएंगी और कम से कम भारत का ब्रॉन्ज मेडल तो पक्का हो ही जाएगा क्योंकि बॉक्सिंग उन खेलों में है जहां सेमीफाइनल में हारने वाले दोनों खिलाड़ियों को ब्रॉन्ज दिया जाता है।

हालांकि ये इतना आसान नहीं होगा क्योंकि चेन पूर्व विश्व चैंपियन हैं। मुक्केबाजी में भारत के नाम ओलंपिक में 2 ब्रान्ज मेडल रहे हैं जहां 2008 में विजेंदर सिंह और 2012 में मैरीकॉम ने ये पदक जीते। हम तो आशा करेंगे कि लवलीना सेमीफाइनल में पहुंचकर फाइनल में भी पहुंचे और वहां भी जीत हासिल करें।

Tokyo Olympics पदक तालिका

Quick Links

Edited by निशांत द्रविड़
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications