2008 बीजिंग ओलंपिक के बाद किसी खेल ने सबसे ज्यादा सुर्खीया बंटोरी तो वो है बॉक्सिंग। विजेंदर सिंह के कांस्य पदक ने इस खेल की परिभाषा ही बदल दी। इसी ओंलिपक में दिग्गज मुक्केबाज अखिल कुमार भी अपने करियर के सबसे ऊँची रैंकिंग पर थे लेकिन उनका सफर क्वार्टर फाइनल तक ही सीमित रह गया। हालंकि इन दोनों खिलाड़ियों की वतन वापसी काफी अच्छे ढंग से की गई। दरअसल इसकी शुरूआत 2006 राष्ट्रमंडल खेलों में मोहम्मद अली कमार के मेडल के साथ हो गई थी, लेकिन ओलंपिक मेडल की अहमियत अलग होती है । 125 करोड़ वाला हिंदुस्तान आज भी एक-एक मेडल के लिए ऐसा तरसता है जैसा पानी के लिए।
इसी क्रम को जारी रखते हुए 2012 London ओलंपिक में Mary Kom ने कांस्य पदक जीता था। बहरहाल इस प्रतियोगिता में Vijender Singh से भी लोगों को मेडल की उम्मीद थी लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा हो ना सका। 2016 में हालांकि एक नाम जो सुर्खियां का विषय बना हुआ था, वो था हरियाणा के काबिल विकास कृष्ण यादव जिन्होंने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था। उनकी ये उपलब्धि इलिए खास थी क्योंकि उससे पहले भारतीय बॉक्सिंग संघ दो गुटों में बंटी हुई थी, जिसका खामियाजा विकास समेत कई खिलाड़ियों को भुगतना पड़ा। उन्हें कई प्रतियोगिता में बिना तिरंगे के खेलना पड़ा। किसी भी खिलाड़ी के लिए इससे ज्यादा शर्मसार क्या होगा?
हरियाणा के विकास टोक्य़ो ओलंपिक से पहले ट्रेनिंग सेशन के लिए इटली गए थे । इसी दौरान उन्होंने स्पोर्टसकीड़ा से खास बातचीत में टोक्यो ओलंपिक में अपने आप को कहां देख रहे हैं, इसके साथ ही कई अन्य मुद्दों पर अपनी बातें बेबाकी से रखी:
1) इटली में आपका ट्रेनिंग सेशन कैसा रहा?
ओलंपिक से पहले इस तरह का अभ्यास सत्र आपके नई ऊर्जा देता है। कोविड के वजह से पिछले साल किसी प्रतियोगिता ना होने के वजह से अभ्यास सत्र आपकी प्लानिंग को और मजबूत बनाते हैं।
2) आपके कोच किन चीजों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं?
इसके बारे में हम ज्यादा ना बताते हुए सिर्फ इतना बताना चाहूंगा की हमें जिस प्रकार की ट्रेनिंग करनी है वो हम पहले से कर चुके हैं।
3) क्या आप Draw को लेकर चिंतित हैं?
मैं किसी बात को लेकर चिंतित नहीं हो। मुझे अपने तैयारी पर बिल्कुल भरोसा है।
4) पिछले बार आप क्वार्टर फाइल में बाहर हो गए थे, क्या इस बार आप स्वर्णिम इतिहास लिखने की तैयारी में हैं?
रियो ओलंपिक में मैं 2 महीने पहले क्वालीफाई किया था लेकिन इस बार 1 साल से ज्यादा समय होगा क्वालीफाइ करते हुए ऐसे में आप अनुमान लगा सकते हैं कि पिछले ओलंपिक और इस बार की ओलंपिक में कितना अंतर है।
पिछला ओलंपिक और ये ओलंपिक कितना अलग होगा ये तो वक्त बताएगा लेकिन एक बात तो जरूर साफ है कि ये प्रतियोगिता पूरी दुनिया याद रखेगी की इसके आयोजन में कितने करोड़ों को नुकसान, कई लोगों को Covid जैसे महामारी के वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी।
विकास को अपना पहला मुकाबला जापान के ओकोजुआ के खिलाफ खेलना है।