Tokyo Olympics- क्या कोच बदलने के कारण मनु भाकर के प्रदर्शन पर फर्क पड़ा?

Shooting - Olympics
Shooting - Olympics

टोक्यो ओलंपिक की शुरूआत भारत के लिए कुछ खास नहीं रही। एक के बाद एक खिलाड़ियों के बाहर होने के सिलसिला लगातार बना हुआ है। भारतीय शूटर जिनसे पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद थी, वो भी इस प्रतियोगिता में कुछ खास करने में असफल रहे हैं। मनु भाकर और सौरभ चौधरी जिनकी जोड़ी ने लगातार 5 विश्व स्तर प्रतियोगिता में भारत को मेडल दिलाया हैं, ये खिलाड़ी भी ओलंपिक की पदक के रेस से बाहर हो गए हैं। इसके साथ अंजुम अंजुम मौदगिल और एलावेनिल वलारिवान जैसे स्पोर्टसपर्सन ने भारत को बहुत ही निराश किया है। भारतीय शूटरों के लगातार लचर प्रदर्शन को देखते हुए राइफल असोएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए सारा ठीकरा मनु पर फोड़ दिया है।

Ad

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ओलंपिक से ठीक पहले जसपाल राणा की जगह रौनक पंडित को मनु के कोच के रूप में नियुक्त किया गया। ऐसे बड़े प्रतियोगिता से पहले आप कोच के बदल देंगे तो कहीं ना कहीं खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर फर्क पड़ना लाजमी है। ये बात सत्य है कि ग्राउंड पर खिलाड़ी को ही निशाना लगाना है, लेकिन बिना कोच के कोई भी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकता। जब इस बात पर रनिंदर सिंह से सवाल पूछा गया था तो उनका कहना था कि जसपाल राणा, मनु को ठीक तरह से प्रशिक्षण नहीं दे पा रहे थे। ये ऐसा पहला मौका नहीं है जब राणा को कठघड़े में खड़ा किया गया है। इससे पहले भी उनका डिमोशन हो चुका है।

रनिंदर सिंह ने साथ ही एक नए विवाद को हवा दे दिया है। सिंह का कहना है कि ओलंपिक से ठीक पहले कोच दो गुट में बंट गए थे। वहीं जब रौनक के प्रशिक्षण को सवाल पूछा गया तो उनके बचाव में एनरआई के अध्यक्ष ने उनता बचाव करते हुए उनके प्रयास की सराहना की। खिलड़ी को मन-मुताबिक सुविधा चाहिए। फेडरेशन में बैठे बाबू लोगों को अपने मनमर्जी का परिणाम चाहिए औऱ इन सबमें बर्बाद किसका पैसा हुआ, देश के टैक्सपेयर का। खिलाड़ी हर बार सुविधा का बहाना देकर बच नहीं पाएंगे। उन्हें अपने और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी संभालनी पड़ेगी। खिलाड़ी नहीं खेल मंत्रालय को भी इनसे लिखित में जवाब मांगना होगा कि आपके लचर प्रदर्शन की वजह क्या है।

चीन और अमेरिका जैसे देश सोचते हैं कि ब्रांज को सिल्वर में तब्दील कैसे किया जाए। हमारे खिलाड़ी ये सोचते हैं कि अगला मुकाबला कैसे जीता जाए। जब सोच में इतना अंतर होगा तो प्रदर्शन ऐसा होना लाजमी है। शूटिंग एक ऐसा स्पोर्टस था जहां भारत को सबसे ज्यादा मेडल की उम्मीद थी। अब यहां तो सारे खिलाड़ी ने सरेंडर कर दिया है। अब भारत के लिए मेडल की उम्मीद कुश्ती और बैडमिंटन जैसे खेलों से है।

Tokyo Olympics पदक तालिका

Quick Links

Edited by निशांत द्रविड़
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications