रविवार को हर भारतीय मनु भाकर से पदक की उम्मीद लगाये बैठे था, पर अफ़सोस ख़राब क़िस्मत की वजह से मनु भाकर देशवासियों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाईं। मनु भाकर टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर पिस्टल राउंड के फाइनल में पहुंचने से चूक गईं। ओलंपिक में फाइनल में जगह न बना पाने की वजह से लोगों ने भारतीय निशानेबाज को सोशल मीडिया पर ट्रोल करना शुरु कर दिया।सोशल मीडिया पर मनु भाकर के बारे में लोगों की ग़लत बातें सुनने के बाद हीना सिद्धू उनके बचाव में सामने आई हैं। हीना सिद्धू दुनिया की नबंर वन पिस्टल शूटर रह चुकी हैं। साथ ही उन्होंने दो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है।मनु भाकर के बचाव में हीना सिद्धू का कहना है कि दबाव में आकर मनु का प्रदर्शन ख़राब नहीं, बल्कि बेहतर हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मनु की पिस्टल में कुछ तकनीकी दिक्कत थी, जिस वजह से उन्हें पिस्टल बदलने का इंतज़ार पड़ा। पिस्टल के इंतज़ार में पहले उनका काफी समय ख़राब हुआ, जिसके बाद अंत में उन्हें कम वक़्त में अधिक शॉट्स भी लेने पड़े।What went wrong with Manu Bhaker's pistol?Former World No. 1 @HeenaSidhu10 breaks it down #Tokyo2020 | #Shooting pic.twitter.com/1iLjJsprkn— ESPN India (@ESPNIndia) July 25, 2021हीना सिद्धू यहीं नहीं रूकी। आगे उन्होंने मनु के प्रदर्शन पर बचाव करते हुए ट्रोलर्स को मुंह तोड़ जवाब दिया। सिद्धू कहती हैं कि कुछ लोगों ने मनु के प्रदर्शन पर लोगों ने खरी-खोटी सुनाना शुरू कर दिया। अगर आपको लगता है कि वो दवाब में टूट कर बिखर गईं थीं, तो मैं आपको बता दूं कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। मनु दबाव में नहीं बिखरी। अगर वो प्रेशर में ख़राब प्रदर्शन करतीं, तो 34 मिनट से कम समय में 575 स्कोर बनाना नामुमकिन था। ये प्रदर्शन उनके डटे रहने की शक्ति को दर्शाता है। मनु भाकर मुश्लिक समय में झुकी नहीं, बल्कि उठ खड़ी हुईं।इसके साथ ही हीना ने लोगों को ये भी समझाया कि कैसे एक तकनीकी गड़बड़ी की वजह से मनु फ़ाइनल राउंड जीतने से चूक गईं। उन्होंने कहा, पिस्टल टूट जाने के बावजूद वो जीत के बेहद क़रीब थी। अगर उनका अंतिम निशाना 10 वाले घेरे में लगता, तो वो क्वालीफाई कर सकती थीं। इसलिये प्लीज़ खिलाड़ियों के स्कोर के आधार पर उन्हें जज करना बंद कर दें।इसके अलावा सिद्धू ने उम्र फ़ैक्टर को भी स्वीकार करने से मना कर दिया। वो कहती हैं कि इतनी कम उम्र में वो जिस पड़ाव पर हैं, वो बेहद क़ाबिले-ए-तारीफ़ है। उससे ज़्यादा हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं। आगे उन्होंने ये भी कहा कि खिलाड़ियों को सिर्फ़ और सिर्फ़ उनके परफॉरमेंस पर जज किया जाना चाहिये।आपको बता दें कि अगर अंतिम शॉट में मनु 10 नबंर अर्जित कर लेती तो वो फ़ाइनल में पहुंच सकती थी। अफ़सोस ऐसा नहीं हुआ वो 8 अंक हासिल कर फ़ाइनल से बाहर हो गई।For all d people who are quick to judge that Manu succumbed to pressure. I just got to know what happened to her equipment in detail n how much time she lost. She didn't succumb to pressure she rose to it. Giving a score of 575 in less than 34 mins is n achievement of her nerves— Heena SIDHU (@HeenaSidhu10) July 25, 2021Tokyo Olympics पदक तालिका