एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष आदिल सुमारीवाला के एक बयान ने ओलंपिक के दूसरे दिन हलचल मचा दी है। दरअसल उनका ये बयान शुक्रवार को सामने आया है। उन्होंने लांग जम्पर केटी इरफान और एम.श्री शंकर के प्रदर्शन खराब होने के बावजूद उन्हें ओलंपिक में भेजने के बात पर कहा है।
एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया के अंदरूनी लोग इन दोनों खिलाड़ियों के ओलंपिक ट्रायल्स में प्रदर्शन को लेकर सहमत नहीं थे। बावजूद इसके इन खिलाड़ियों को नाम भेजना लोगों के समझ से परे है।
ये ऐसा पहला मामला नहीं है जब सेलेक्शन प्रक्रिया को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले भी कई खिलाड़ियों ने भी स्पोर्टस फेडरेशन पर चयन प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए हैं। ज्वाला गुट्टा ने भी अपने रिटयारमेंट से पहले पुलेला गोपीचंद पर फेवरिटज्म का आरोप लगाया था।
आदिल सुमारीवाला आगे कहते हैं कि विभिन्न खिलाड़ियों के कोचों से उन्हें भरोसा दिया है कि उनके खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये ही वही सुमेरीवाला हैं जिन्होंने 2017 में एक टीवी डिबेट के दौरान उन्होंने नाडा पर पैसे लेकर रिपोर्ट हेर-फेर करने की बात कही थी। डोपिंग को लेकर ओलंपिक से कुछ महीने पहले एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष ने ट्रैक एंड फील्ड के कुछ एथलीट को डोपिंग में फंसने की बात कही थी।
2016 रियो ओलंपिक के दौरान कई खिलाड़ी क्वालीफाई होने के बाद डोप टेस्ट में फंस गए थे। बहरहाल आदिल सुमारीवाला बेबाक अंदाज में मीडिया के सामने प्रक्रिया देने के लिए जाने जाते हैं। दरअसल ये सुमारीवाला जी की गलती नहीं है। दरअसल ऐसा रवैया कई स्पोटर्स फेडरेशन के “बाबू” लोग ये समझ बैठते हैं और वो उम्मीद करते हैं कि खिलाड़ी उनकी बात पर हामी भरते हुए बस माने। बहरहाल अब देखना ये दिलचस्प होगा कि एफआई अध्यक्ष के इस बयान को खिलाड़ी किस प्रकार लेते हैं। 30 जुलाई से एथलेटिक्स के अलग-अलग इवेंट का आयोजन होना है।
इस बार लोग नीरज चोपड़ा से मेडल की आस लगाकर बैठे हैं। 2016 से चोपड़ा का नाम काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके साथ ही सबकी नज़रें ओडिशा की दुत्ती चंद पर भी रहेगी। एथलेटिक्स में भारत का आज तक इतिहास है कि कोई भी खिलाड़ी आज तक ओलंपिक में टॉप-3 तक नहीं फिनीश कर पाया है।
क्या इस बार वो कुछ हो सकता है जो अब तक नहीं हुआ? इन सब सवालों के जवाब आपको 8 अगस्त तक मिल जाएंगे।