5 अगस्त 2021 से टोक्यो ओलिंपिक की महिला गोल्फ प्रतियोगिता शुरू होने जा रही है। सबसे अच्छी बात ये है कि युवा भारतीय गोल्फर दीक्षा डागर को उनके खिलते करियर में एक भाग्यशाली ब्रेक मिला है। दीक्षा डागर को टोक्यो ओलिंपिक की महिला गोल्फ प्रतियोगिता में प्रवेश मिल गया है। ज़ाहिर है कि इससे भारतीय चुनौती को मजबूती मिलेगी।
टोक्यो ओलंपिक में दीक्षा डागर के पास अपनी क़ाबिलियत साबित करने का अच्छा मौक़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने जब टोक्यो ओलंपिक जाने वाले खिलाड़ियों की अंतिम लिस्ट तैयार की गई थी, तो दीक्षा का नाम रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल किया गया था। अंतरराष्ट्रीय गोल्फ महासंघ ने भारतीय गोल्फ़ यूनियन के ज़रिये दीक्षा के ओलंपिक में जगह बनाने की सूचना जारी की है। इसके बाद आइजीयू दीक्षा को ओलंपिक खेलों के लिये समय से टोक्यो भेजने की तैयारियों में जुटा है।
बताया जा रहा है कि अदिति अशोक पहले ही ओलंपिक में खेलने के लिये अपनी जगह बना चुकी हैं। इसलिये अब महिला गोल्फ़ प्रतियोगिता में भारत की तरफ़ से दो खिलाड़ी हो गईं हैं। आपको बता दें कि दीक्षा बायें हाथ की खिलाड़ी हैं और वो पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रही हैं। जबकि अदिति अशोक को दूसरी बार ओलंपिक में उनकी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है।
कैसे चमकी दीक्षा की क़िस्मत
दरअसल, टोक्यो ओलंपिक का हिस्सा बनी दक्षिण अफ़्रीका की ख़िलाड़ी पाला रेटो ने टोक्यो खेलों से हटने का निर्णय लिया। साथ ही गोल्फ़र सारा शोबर को बदलने के निवेदन को ठुकरा दिया था। सारा शोबर ऑस्ट्रिया की गोल्फ़र हैं। बस इसी दौरान दीक्षा को ओलंपिक में लाने का फ़ैसला किया गया। ये जानकारी आइजीयू ने दी है।
टोक्यो ओलंपिक से पहले 2019 में दीक्षा डागर को पेशेवर बना दिया गया था। उससे पहले 2018 में वो एशियाई खेलों में भारत की ओर से प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। दीक्षा डागर लेडीज यूरोपीय टूर पर एक टीम स्पर्धा सहित दो खिताब भी अपने नाम कर चुकी हैं। दीक्षा को इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि उनका टोक्यो जाने का टिकट लग जायेगा। दीक्षा आयरलैंड में आइएसपीएस हांडा आमंत्रण टूर्नामेंट में व्यस्त थी, तभी इस बीच उन्हें बड़ी ख़ुशख़बरी दे दी गई।
भारतीय ओलंपिक संघ ने दीक्षा डागर की मान्यता और यात्रा के लिये तैयारियां ज़ोरों से शुरू कर दी हैं। दीक्षा के साथ क्वारंटाइन की समस्या भी नहीं है। हांलाकि, उनके पिता नरेन डागर ज़रूर भारत वापसी कर चुके हैं, जो कि उनके कोच और कैडी की भूमिका भी निभाते हैं।