टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों का लचर प्रदर्शन हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है। पहले दिन मीराबाई चानू के रजत पदक के बाद भारत के लिए हर दिन बुरी खबरों से भरा रहा है। मनिका बत्रा,सौरभ चौधरी, शरत कमल, अंजुम मौदगिल जैसे दिग्गज खिलाड़ी जिनसे मेडल की सबसे ज्यादा उम्मीद थी, उन खिलाड़ियों ने देश को सबसे ज्यादा निराश किया है।
हर गुजरते दिन जहां चीन और अमेरिकी देशों के मेडल में इजाफा हो रहा है, वहां पर हमारे खिलाड़ी सिर्फ फाइनल तक किसी तरह से पहुंच जाए उसकी रहा देख रहे हैं। 120 से ज्य़ादा दल वाले इंडियन टीम में अब कुछ ही खिलाड़ी रह गए हैं, जिनसे भारत को मेडल की सबसे ज्यादा उम्मीद है। आइए उन खिलाड़ियों पर एक नजर डालते हैं:
1) बजरंग पूनिया
भारत के धाकड़ पहलवानों में सेे एक बजरंग पूनिया से हिंदुस्तान से ओलंपिक में पदक की उम्मीद है। पूनिया के बारे में बात करें तो बीतें सालों में ऐसी बहुत कम प्रतियोगिता रही है, जहां पर बजरंग मेडल जीतने से चूके हैं। राष्ट्रमंडल खेलों से लेकर एशियन गेम्स या फिर विश्व कुश्ती प्रतियोगिता हो। विश्व रैंकिंग में कुछ समय तक बजरग की गिनती शीर्ष पहलवानों में हो रही थी। 2012 ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर ने बजरंग पर जिस तरह से रात-दिन मेहनत की है। उसका फल अब देखने को मिल रहा है।
2) विनेश फोगाट
2016 रियो ओलंपिक में चोट के वजह से बीच प्रतियोगिता में बाहर होने वाली धाकड़ पहलवान विनेश फोगाट से देश को पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद है। फोगाट और पूनिया के प्रदर्शन में कुछ विशेष अंतर देखने को नहीं मिला है। दोनों खिलाड़ी एक के बाद एक प्रतियोगिता में ही विजय भव: के आशीर्वाद के साथ आगे बढ़ रहे है। बीतें कुछ दिनों में विनेश अखाड़े से बाहर चर्चा का विषय़ रही हैं । अगर उन सबको भूलाकर वो आगे बढ़ती हैं तो वो करने में सक्षम रहेंगी जो आज तक कोई भारतीय महिला पहलवान करने में असक्षम रही हैं।
3) पीवी सिंधू
2016 रियो ओंलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पीवी सिंधू भी टोक्यो ओलंपिक में एक के बाद एक मुकाबले को जीतते हुए अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य की ओर अग्रसित हो रही हैं। अगर वो इस ओलंपिक में पदक जीत जाती हैं तो वो ऐसी पहली महिला खिलाड़ी होंगी जिन्होंने दो ओलंपिक में पदक जीता।
4) मैरी कॅाम
2012 लंदन ओलंपिक में पदक जीतने वाली मैरी कॅाम अपने आखिरी ओलंपिक का हिस्सा हैं। हालांकि इन्होंने कोई ऐलान नहीं किया लेकिन ढलती उम्र के सामने किसकी चलती है। मैरी भी पीवी सिंधू के तरह एक के बाद एक प्रतियोगिता को जीतते हुए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसित हो रही हैं। मैरी के लिए टोक्यो ओलंपिक की राह आसान नहीं थी। भारतीय बॉक्सिंग संघ ने उनके कद को देखते हुए उनका नाम ओलंपिक क्वालीफीकेशन के लिए डायरेक्ट भेज दिया था, जिसको लेकर निखत जरीन खुश नहीं थी। इसको लेकर उन्होंने मैरी के साथ ओपन मुकाबले की बात कह दी थी।