कहते हैं कि अगर गुरु अच्छा हो, तो नालायक शिष्य भी लायक बन जाता है। इसलिये एक शिष्य की ज़िंदगी में एक अच्छे गुरु का होना बेहद आवश्यक होता है। जैसे हमारी महिला हॉकी टीम को कोच शोर्ड मरीन मिले। कोच शोर्ड मरीन की मेहनत और सही गाइडेंस की वजह से भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार ओलंपिक सेमीफ़ाइनल में अपनी जगह बनाने में कामयाब रही।
ओलंपिक में हॉकी टीम को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद जितनी तारीफ़ टीम के खिलाड़ियों ने बटोरी, उतनी ही तारीफ़ टीम के कोच शोर्ड मरीन की भी। ऐतिहासिक जीत के बाद लोगों ने कोच शोर्ड मरीन के बारे में जानने की इच्छा जताई। इसके बाद देखते ही देखते एक दिन में उनके ट्विटर अकाउंट पर फ़ॉलोअर्स की संख्या लगभग 30,000 हज़ार तक बढ़ गई।
यही नहीं, जैसे ही उनके अकाउंट पर 36 हज़ार से अधिक फ़ॉलोअर्स हुए उनके अकाउंट को वेरिफ़ाई कर दिया गया। मतलब यूं समझ लीजिये हॉकी टीम की लड़कियों की वजह से उनके कोच शोर्ड मरीन रातोंरात लोकप्रिय हीरो बन गये। देश के लिये ये पल इतना भावुक करने वाला था कि सब देख कर लोगों के मन में शाहरुख़ ख़ान की फ़िल्म चक दे इंडिया की यादें भी ताजा हो गई।
रियल लाइफ़ का ऐतिहासिक सीन देख कर बस ऐसा ही लगा कि जैसे आंखों के सामने कोई तस्वीर घूम रही हो। इस जीत के बाद कोच शोर्ड मरीन का बयान भी सामने आया है। भावुक पल पर बात करते हुए वो कहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल के मैच ने साबित कर दिया कि रियल लाइफ़ में भी सपने सच होते हैं। बस उन्हें पूरा करने का साहस और हिम्मत होनी चाहिये।
आगे बात करते हुए उन्होंने कहा,"जब हमने क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया, तो मैंने टीम से इस पल की महत्वत्ता के बारे में बात की। किसी भी एथलीट के लिए यह कठिन हालात होते हैं, क्योंकि दिमाग में कई चीजें चल रही होती हैं, जैसे अगर हम मैच नहीं जीत सके तो या मैं बॉल को नहीं रोक पाई तो क्या होगा। मैंने टीम को एक फिल्म दिखाई और मुझे लगता है कि इसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बड़ा बदलाव दिखाया। हालांकि हम सेमीफाइनल में अर्जेंंटीना के खिलाफ हारने पर मुझे मलाल भी है। लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कांस्य पदक मुकाबले में हमारी लड़कियां जी जान लगा देंगी।"
हालांकि भारतीय महिला टीम को कांस्य पदक के लिएहुए मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन ने 4-3 से हराया। अब 2024 पेरिस ओलंपिक्स में भारतीय महिला हॉकी टीम से पदक की उम्मीद जरुर रहेगी।