टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंधू ने महिला एकल बैडमिंटन में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा और भारत के लिए दो ओलंपिक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। लेकिन सिंधू की इस जीत में बहुत बड़ा श्रेय उनके कोच पार्क ताए-सांग को जाता है जिन्होंने सिंधू को पोडियम के लिए फिर से तैयार किया। सिंधू की जीत पर उनके कोच का खुशी भरा रिएक्शन देश के सभी खेल प्रेमियों को खूब भा रहा है, जिस कारण वो सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
मूल रूप से दक्षिण कोरिया के रहने वाले पार्क साल 2004 के एथेंस ओलंपिक में अपने देश की ओर से पुरुष एकल में खेल रहे थे। लेकिन क्वार्टर-फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में जब जापान की यामागूजी के खिलाफ सिंधू ने क्वार्टर-फाइनल में विजयी शॉट लगाया तो पार्क खुशी से घुटनों के बल आ गए और उनकी जोश भरी चीख पूरे इनडोर स्टेडियम में गूंज उठी।
गोपीचंद के बाद पार्क ने सिंधू को दी दिशा
सिंधू पूर्व में भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी रहे पुलेला गोपिचंद से खेल के गुर सीख रही थी, लेकिन गोपीचंद पर कई शीर्ष खिलाड़ियों को ट्रेन करने का दारोमदार आ गया। ऐसे में साल 2019 में सिंधू को किम जी ह्यूआन के निर्देशन में ट्रेनिंग लेने को कहा गया। सिंधू ने ऐसा किया भी और इसी साल BWF विश्व चैंपियन भी बनीं। लेकिन साल 2020 मे किम ने इस्तीफा दे दिया और पार्क ताए-सांग ने उनकी जगह ली। इसके बाद सिंधू पार्क के निर्देशन में ही खेल रही हैं।
सिंधू पार्क के निर्देशन में टोक्यो की तैयारी कर रही थीं,ऐसे में गोपीचंद से तल्खी की खबरें लगातार मीडिया में आ रही थी। सिंधू ने भी पिछले साल गोपीचंद अकादमी में खेलना छोड़ दिया और गचीबाउली इनडोर स्टेडियम में पार्क के निर्देशन में कोचिंग प्राप्त की। पार्क ने सिंधू की कमजोरी, उनकी डिफेंसिव स्किल को निखारने का काम किया।
पार्क से साथ ट्रेनिंग को मजेदार मानती हैं सिंधू
टोक्यों में जीत के बाद सिंधू ने एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटर्व्यू में बताया कि कोच पार्क काफी स्ट्रिक्ट हैं लेकिन कोर्ट से बाहर उनका व्यवहार बेहद दोस्ताना है जिससे वो काफी सहज महसूस करती हैं। पार्क निरंतर सिंधू को उनकी गलतियां उसी समय कोर्ट पर समझाते हैं जिससे उनका खेल लगातार सुधर रहा है। सिंधू के मुताबिक उनके डिफेंस पर पार्क ने काफी काम किया। सिंधू के मुताबिक उनके कोच अपने परिवार से काफी समय तक नहीं मिले थे क्योंकि वह सिंधू को मेडल के लिए तैयार कर रहे थे। पार्क टोक्यो ओलंपिक मुकाबलों में लगातार सिंधू को कोचिंग टिप्स देते देखे जा रहे थे। और सिंधू ने जब ब्रॉन्ज मेडल का अपना मैच जीता तो क्वार्टर-फाइनल की विजय से भी ज्यादा तेजी से पार्क ने चिल्लाकर अपनी खुशी जाहिर की। पार्क ने भी निजी चैनल को दिए इंटर्व्यू में कहा कि बतौर कोच उनके लिए बेहत खास मौका है क्योंकि जो काम वो नहीं कर पाए वो सिंधू ने ओलंपिक मेडल जीतकर कर दिया है। पार्क के योगदान की तारीफ सिंधू के पिता और पूर्व कोच पुलेला गोपीचंद ने भी की।