भारत में खेल और विवाद का रिश्ता बड़ा पुराना है। जब भी इस देश के खिलाड़ी कोई बड़ी प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं, वो विवाद का कारण जरूर बनते हैं। 2018 एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाली विनेश फोगाट के एक ट्वीट से हलचल मचा दिया। विनेश ने अपने ट्वीट में लिखा है कि क्या फिजियो की मांग करना गुनाह है?
2010 से 2021 से इस देश में कई खेल मंत्री बदल गए लेकिन इस देश में खिलाड़ी को मिलने वाले सुविधा में कुछ सुधार देखने के नहीं मिला। 2010 राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन ये देश नहीं भूला होगा। सुरेश कलमाड़ी जिन्होंने निजी स्वार्थ के लिए निजी प्रतियोगिता का मजाक बनाकर रख दिया। 2016 साउथ एशियन गेम्स जहां बास्केटबॉल इवेंट को कैंसिल करना पड़ा दो फेडरेशन के आपसी मतभेद के वजह से और 2016 रियो ओलंपिक जिसे पूरी दुनिया कभी नहीं भूल पाएगी। दुत्ती चंद इकॉनमी क्लास में ट्रेवल कर रही हैं और फेडरेशन के बाबू लोग स्पेशल क्लास में। कुछ ऐसा जापान में आयोजित ठीक टोक्यो ओलंपिक से एक दिन पहले देखने को मिला ।
ओलंपिक शुरू होने से काफी दिन पहले मैंने और अन्य पहलवानों ने फिजियो की मांग की थी लेकिन इस पर Indian Olympic Association (IOA) ने किसी तरह का जवाब नहीं दिया। ऐसा ही एक मामला 2016 रियो ओलंपिक के दौरान जिम्नास्ट दीपा करमाकर के साथ हुआ था। कुछ समय पहले पूर्व खेल मंत्री किरने रिजीजू ने ये ऐलान किया था कि इस ओलंपिक में सपोर्ट स्टाफ की तादाद बढ़ाई जाएगी। लेकिन खेल मंत्री की बात सिर्फ कागज पर ज्यादा और जमीन पर कम दिख रही है ।
इससे पहले भी विनेश ने अपने एक अन्य पोस्ट में मीडियावाला पर भ्रमित खबरों को फैलाने को लेकर लताड़ लगाई थी। एक मीडिया रिपोर्टस में ये लिखा गया था की उनकी पिता की मृत्यु जमीन विवाद के वजह से हुई थी। जिसे विनेश ने सिरे से नकार दिया था। साथ ही मीडिया से अपील की थी ऐसी अफवाहों पर ध्यान ना दें ।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2018 एशियन गेम्स के दौरान नीरज और विनेश प्रेम प्रसंग जोरो शोरों पर था। हालांकि इस बात को विनेश ने सरे से नकारते हुए वतन वापसी के दौरान अंकुश लगाते हुए विनेश ने सोमवीर के साथ ब्याह रचा लिया था। बहरहाल देखना ये दिलचस्प होगा की क्या विनेश टोक्यो ओलंपिक में वो कर दिखा पाएंगी जो अब तक किसी भी भारतीय पहलवान ने नहीं किया? हाल ही में सुशील कुमार पर मर्डर के आरोप लगने के बाद पहलवानों का नाम तार-तार हो गया। विनेश का टॅाप-3 फिनिश कहीं ना कहीं भारतीय पहलवानों के लिए राम बाण साबित होगा।