जापान अपनी तकनीक और आधुनिक प्रयोगों के लिए जाना जाना है, इसलिए जापानियों ने अपने हुनर को टोक्यो ओलंपिक में भी बखूबी इस्तेमाल किया है। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि टोक्यो ओलंपिक में दिए जा रहे मेडल्स को जापानी आयोजकों ने पुराने मोबाइल और लैपटॉप से बनाया है।
सुनकर और पढ़कर यकीन नहीं होता, लेकिन Sustainibility की राह पर चलने वाले जापान ने ओलंपिक खेलों के मेडल के लिए सोना, चांदी, कांसे की धातु को पुराने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से निकालकर इस्तेमाल किया है। आयोजकों ने देश के निवासियों से मिले पुराने इलेक्ट्रॉनिक आईटम से ये काम कर दिखाया है।
दो साल तक इकट्ठा किया ई-वेस्ट
ओलंपिक के आयोजकों ने इन खेलों को पर्यावरण के लिहाज से तैयार करने की मुहिम शुरु की और साल 2017 में देश की जनता से अपील की कि वह अपने घरों में रखे पुराने मोबाइल, लैपटॉप, गैजेट्स आदि ई-वेस्ट नजदीकी कलेक्शन सेंटर में जमा करवाएं। इस काम को करने के लिए वहां की नगरपालिकाएं, स्थानीय प्रशासन, स्कूल, कॉलेज, सभी ने हाथ बंटाया और 90 फीसदी जनता ने अपने पुराने गैजेस्ट को जमा कर दिया।
हजारों की संख्या में तैयार किए मेडल
इकट्ठा हुए करीब 80हजार टन ई-वेस्ट को रिसायकल किया गया जिससे करीब 32 किलो ग्राम सोना, 3300 किलो चांदी और 2200 किलो ब्रॉन्ज मिला। इन सभी को इस्तेमाल कर 5000 मेडल तैयार किए गए हैं। गोल्ड मेडल मूल रूप से चांदी का बना है जिसमें 6 ग्राम सोने की प्लेटिंग है, तो वहीं सिल्वर मेडल 100 फीसदी चांदी के बने हैं। माना जा रहा है कि ई-वेस्ट में 6 करोड़ तो मोबाइल फोन ही थे।
IOC ने जारी की खिलाड़ियों के लिए चेतावनी
ई-वेस्ट से बने मेडल की तारीफ जरूर हो रही है लेकिन इसके संबंध में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने एथलीट को चेताया है। दरअसल आपने कई एथलीट को पदक मिलने के बाद तस्वीरों के लिए मेडल को दांत से काटते या मुंह में रखते देखा होगा, ऐसे में IOC ने खिलाड़ियों से कहा है कि पुराने ई-वेस्ट से बने इन मेडल को मुंह में डालने से बचें।
रिसाइकल्ड ओलंपिक खेल हैं ये
वैसे सिर्फ मेडल ही नहीं जापान ने टोक्यो ओलंपिक में हरसंभव प्रयास किया है चीजों को रिसाइकल कर पर्यावरण को सहेजने और दुनिया को संदेश देने का। ऐथलीटों के लिए बनाए गए बिस्तर कार्डबोर्ड के हैं जिन्हें खेल खत्म होने के बाद अन्य कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा, तो विजेताओं के लिए बने पोडियम प्लास्टिक को रिसायकरल करके बनाए हैं। 1964 के टोक्यो ओलंपिक में बनाई गई कई इमारतों को भी इस बार प्रयोग में लाया जा रहा है क्योंकि नई ईमारतें और सुविधाओं को तैयार करने में काफी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन होता। ओलंपिक के लिए बनाई गई मशालें निर्माण के लिए प्रयोग होने वाले वेस्ट मटिरियल से बनी हैं।
इतने प्रयास करने वाले जापान ने सफलतापूर्वक दुनिया को यह दिखा दिया है कि यदि मेहनत, आईडिया और निश्चय हो तो पर्यावरण के अनुकूल इतने बड़े आयोजन किए जाना किसी भी देश के लिए संभव है।