Tokyo Olympics में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक्स प्रदर्शन किया। भारत ने 1 स्वर्ण, 2 रजत और 4 कांस्य पदक सहित कुल मिलाकर 7 पदक जीते और लंदन ओलंपिक्स के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया। लंदन ओलंपिक्स में भारत ने दो रजत और चार कांस्य पदक सहित कुल 6 पदक अपने नाम किये थे।
आइये नज़र डालते हैं भारत के ऐतिहासिक प्रदर्शन में किन खिलाड़ियों ने पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया:
स्वर्ण पदक
नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह भारत की तरफ से अभिनव बिंद्रा के बाद सिर्फ दूसरा व्यक्तिगत स्वर्ण है और साथ ही 1900 के बाद एथलेटिक्स में भी पहला पदक है।
रजत पदक
मीराबाई चानू ने महिला वेटलिफ्टिंग 49 kg वर्ग में दूसरा स्थान हासिल किया था और रजत पदक पर कब्ज़ा किया था। टोक्यो ओलंपिक्स में यह भारत का पहला पदक था।
रवि कुमार दहिया ने रेसलिंग फ्रीस्टाइल 57 kg वर्ग में रजत पदक जीता। उन्हें फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था और दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था।
कांस्य पदक
पीवी सिंधु ने बैडमिंटन महिला सिंगल्स में तीसरा स्थान हासिल किया और कांस्य पदक जीता। इससे पहले उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक्स में रजत पदक जीता था और ओलंपिक्स में दो पदक जीतने वाली वो पहली महिला भारतीय खिलाड़ी बनीं।
लोवलिना बोर्गोहैन ने महिला वेल्टरवेट बॉक्सिंग में कांस्य पदक जीता। उन्होंने सेमीफाइनल में पहुंचते ही अपना पदक पक्का कर लिया था, लेकिन वह फाइनल में प्रवेश नहीं कर सकीं।
बजरंग पुनिया ने रेसलिंग फ्रीस्टाइल 65 kg वर्ग में कांस्य पदक जीता। सेमीफाइनल में हार के बाद उन्होंने कांस्य पदक के लिए मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया और पदक पर कब्ज़ा किया।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीतकर अनोखा कारनामा किया। 1980 के बाद यह हॉकी में भारत का पहला पदक है। भारतीय टीम को सेमीफाइनल में बेल्जियम ने हराया लेकिन तीसरे स्थान के लिए हुए मुकाबले में उन्होंने जर्मनी को 5-4 से हराकर पदक पर कब्ज़ा किया।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम
मनप्रीत सिंह (कप्तान), पीआर श्रीजेश (गोलकीपर), हरमनप्रीत सिंह, रुपिंदर पाल सिंह, सुरेंदर कुमार, अमित रोहिदास, बीरेंद्र लाकरा, हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, नीलकंठ शर्मा, सुमित, शमशेर सिंह, दिलप्रीत सिंह, गुरजंत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, मनदीप सिंह, वरुण कुमार, सिमरनजीत सिंह