Tokyo Olympics में भारत की स्टार महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीतकर 21 साल का मेडल का सूखा खत्म कर दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भारत ने वेटलिफ्टिंग में साल 2000 में कांस्य पदक अपने नाम किया था। मीराबाई चानू ने स्नैच और क्लीन & जर्क मिलाकर 202 kg भार उठाया। जिस लय में मीरा वजन उठ रही थी, उससे ये लग रहा था कि आज मीरा वो कर दिखाने वाली है जो भारत के किसी महिला ने नहीं किया लेकिन समय बीतते-बीतते चीन की होउ झिहुई ने गोल्ड पर कब्जा जमा लिया।
ऐतिहासिक पदक जीतने के बाद मीराबाई चानू ने कहा कि ये उनके लिए सपने के पूरे होने जैसा है। उन्होंने अपना पदक देश को समर्पित किया है और साथ ही उन्होंने करोड़ों भारतीय फैंस को भी धन्यवाद कहा है। मीराबाई चानू ने अपने परिवार खासकर अपनी माँ का शुक्रिया अदा किया है। इसके अलावा उन्होंने खेल मंत्रालय, SAI, IOA, वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया, रेलवे, OGQ, स्पांसर और IOS का भी धन्यवाद किया है। उन्होंने अपने कोच विजय शर्मा जी को स्पेशल थैंक्स बोला है।
विजय शर्मा ने भी मीराबाई चानू के पदक जीतने के बाद ख़ुशी जाहिर की है और कहा कि उन्हें अपनी छात्रा मीरा पर गर्व है। उन्होंने बताया कि यह पदक कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ निश्चय का नतीजा है।
मीरा के मेडल जीतने के बाद भारत में हर्षोल्लास का महौल छा गया है। दिल्ली में ओलंपिक के मद्देनजर रखते हुए स्पेशल स्क्रीनिंग का इंतजाम किया गया है, जहां पर देश के विभिन्न पत्रकारों के साथ कई दिग्गज हस्तियां ओलंपिक खेलों में हमारे खिलाड़ियों को हौसलाफजाई कर रही हैं।
मेडल जीतने के बाद एक टीवी चैनल से बात करते हुए नार्थ ईस्ट की इस खिलाड़ी ने यह भी कहा कि नेहा कक्कड़ के गाने की फैन हैं। साथ ही नार्थ-ईस्ट की इस खिलाड़ी ने ये मेडल अपने देश को आदर भाव से समर्पित किय़ा है।
वेटलिफ्टिंग के बारे में बात करें तो भारत में इस खेल को लेकर कोई खास इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं हैं, बावजूद इसके अगर कोई मेडल जीत जाता है तो कही ना कहीं सरकार को मजबूरन इन स्पोर्टस पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर साइना नेहवाल और पीवी सिंधू के मेडल ने भारत में बैडमिंटन को एक नया आयाम दिया है। मीराबाई के मेडल जीतने के खबर के साथ ही कई कंपनियां 'Sponsorship Proposal' के साथ जरूर आगे खड़ी हुई होंगी। 2016 रियो ओलंपिक में पीवी सिंधू के मेडल जीतने के साथ ही उनकी ब्रांड वैल्यू काफी ज्यादा ऊपर की चली गई थी।
कोविड के मद्देनजर इस बार पहले की तरह खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन समारोह तो नहीं होगा लेकिन ओलंपिक पदक विजेताओं को भव्य समारोह होना तय है।