मोटापा किसी को नहीं भाता, कई लोग मोटापे को बीमारी की जड़ मानते हैं तो कई लोग इसे अपनी सफलता के लिए एक चुनौती, लेकिन कई बार यही मोटापा इंसान को फर्श से अर्श पर पहुंचा देता है। कुछ ऐसा ही हुआ जेवलिन थ्रो में विश्व पटल पर भारत का नाम चमकाने वाले एथलीट नीरज चोपड़ा के साथ जो टोक्यो ओलंपिक में देश की उम्मीदों को साकार करने के लिए उतरे हैं।
हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले नीरज चोपड़ा एक ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े। नीरज अपने माता-पिता की पहली संतान हैं। परिवार वालों का खूब लाड-प्यार नीरज को मिला, घर में खाने-पीने की चीजें नीरज को बड़े चाव से दी जाती थी। खाने के शौकीन नीरज का वजन बचपन में इतना हो गया था कि परिवार वालों को चिंता होने लगी। बेटे का मोटापा कम करवाने के लिए परिवार ने पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में फिटनेस ट्रेनर जीतेंद्र जगलान के पास नीरज को भेजा। फिटनेस ट्रेनर ने नीरज को खूब कसरत करवाई । नीरज मोटापे के कारण जल्दी थक जाते थे और ट्रेनिंग से बचने के बहाने ढूंढते थे, लेकिन फिटनेस कोच ने नीरज का हौसला बनाए रखा और उनसे खूब मेहनत करवाई।
6 महीने की फिटनेस ट्रेनिंग के बाद जब ट्रेनर ने सभी स्टूडेंट से प्रैक्टिस के लिए जेवलिन फिंकवाया तो बाकी बच्चों की जेवलिन 20 मीटर का मार्क भी क्रॉस नहीं कर पाई जबकि पहली बार जेवलिन पकड़ने वाले नीरज ने जेवलिन 25 मीटर की दूरी पार पहुंचा दिया। नीरज को जेवलिन फेंकना अच्छा लगा और बस फिर क्या था...नीरज ने इसके बाद जेवलिन थ्रो को बतौर खेल चुना और कड़ी ट्रेनिंग की। जिस मोटापे को परेशानी समझ कर नीरज के परिवार ने उन्हें स्टेडियम भेजा था, उसी को कम करने के परिणाम के रूप में नीरज की जेवलिन पर पकड़ सबके सामने हैं।
नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो के फील्ड में आते ही अपनी चमक दिखानी शुरु कर दी। साल 2016 में सैफ खेलों में जब नीरज ने 82.23 मीटर लंबा थ्रो फेंका तो सभी आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि एक 19 साल के नौजवान ने इतनी दूरी पर भाला फेंक भारत के राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी कर ली थी। हालांकि गोल्ड जीतने के बाद भी नीरज खुश नहीं थे क्योंकि इसी साल रियो में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए क्वालिफायिंग मार्क 83 मीटर था और नीरज चंद सेंटीमीटर कम होने के कारण क्वालिफाय करने से चूक गए थे। लेकिन इसी साल IAAF अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने विश्व रिकॉर्ड बनाकर सभी को चौंका दिया।
नीरज ने 2018 कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा। नीरज चोपड़ा का पर्सनल बेस्ट थ्रो 88.07 मीटर है। अगर नीरज अपने इस थ्रो को भी टोक्यो ओलंपिक में फेंक पाते हैं तो उनके पदक जीतने की उम्मीदें काफी प्रबल हो जाएंगी क्योंकि 2016 रियो ओलंपिक में जेवलिन थ्रो में कांस्य पदक जीतने वाले एथलीट ट्रिनिडाड एंड टोबेगो के केशोर्न वॉलकोट ने 85.38 मीटर की दूरी तय की थी। इसलिए देशभर के खेल प्रेमी नीरज से उम्मीद लगाए बैठे हैं।