5 अगस्त 2021 का दिन भारतीय खेल इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक में हॉकी का 4 दशकों का इंतजार खत्म कर देश को कांस्य पदक दिला दिया। टीम ने मजबूत जर्मनी को 5-4 से मात दी। जर्मनी ने पिछले 4 ओलंपिक खेलों में दो कांस्य और दो गोल्ड मेडल जीते थे। ऐसे में इतनी मजबूत टीम के खिलाफ जीतकर मेडल लाना हॉकी के लिए नई दास्तां लिख गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फोन करके टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और कोच ग्राहम रीड को बधाई दी।
सभी खिलाड़ियों को पीएम ने दिया आमंत्रण
पीएम ने कप्तान मनप्रीत सिंह से बात करते हुए बहुत बधाई दी और सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देने के लिए भी कहा। इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पीएम मोदी ने कोच ग्राहम रीड को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद कहा और इस ऐतिहासिक लम्हे को पाने की बधाई दी।
पीएम मोदी ने कोच पीयूष दूबे से भी बात की और टीम को 15 अगस्त के दिन आजादी के जश्न के मौके पर आमंत्रित भी किया। चीफ कोच रीड ने सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों मिली हार के बाद टोक्यों ओलंपिक से पहले पीएम द्वारा टीम के साथ की गई बातचीत के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
49 साल बाद जीता ब्रॉन्ज
भारत ने साल 1972 म्यूनिक ओलंपिक में आखिरी बार पुरुष हॉकी का ब्रॉन्ज मेडल जीता था। और अब लगभग 5 दशक बाद दोबारा हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीतकर इतिहास बना दिया है। साल 1980 मॉस्को ओलंपिक में आखिरी बार टीम को गोल्ड के रूप में हॉकी का मेडल मिला था। ऐसे में ये जीत और ये मेडल बेहद खास है। सोशल मीडिया पर नेता, अभिनेता, क्रिकेटर, और हर शख्स टीम की इस जीत पर बधाई दे रहा है। ये जोश और खुशी इस बात को जाहिर करती है कि सच में हॉकी इस देश के लिए क्या मायने रखता है। भले ही आज क्रिकेट के आगे देश नतमस्तक हो, लेकिन हॉकी भारतीय खेल का पहला प्यार है।हम और आप खेल प्रेमी भी खुशकिस्मत हैं कि आज तक हॉकी की ओलंपिक जीत के जो किस्से हमेशा सुनते थे उसे साक्षात देखने का मौका इस भारतीय टीम ने दिया है।