टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाली पीवी सिंधू इन दिनों हर जगह चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उन्हें ओलंपिक में स्वर्ण पदक न जीतने का मलाल तो हैं। लेकिन वहीं दो ओलंपिक में पदक जीतने की खुशी भी है। वहीं सेमीफाइनल में हार पर सिंधू का कहना है कि वो ताई जू यिंग का दिन था। वहीं सिंधू ने पेरिस ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जतायी है। खेल हो या जिंदगी अगर आपका दिन नहीं हो तो आप चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते।
2016 रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने के बाद उनकी आइस्क्रीम खाने की पसंद इस तरह वायरल हुई कि आज इनके शौक के बारे में पूरी दुनिया जानता है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सिंधू को आइस्क्रीम खाने की बात कह चुके हैं। जब सिंधू से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि उनको इस क्षण का इंतजार है। वहीं सिंधू के पिता पीवी रमन्ना जो खुद एक अंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं। वो भी सिंधू के प्रदर्शन खुशी जाहिर की और भविष्य में भी उनसे इससे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जतायी। वहीं तुहीन मिश्रा ने पीवी सिंधू के दो ओलंपिक में मेडल जीतने को लेकर खुश और गर्वांवित भी दिखें। सिंधू को 2014 से मैनेज कर रहे हैं। इस दौरान उनके जिंदगी के हर एक छोटे-बड़े पल में वो उनके साथ रहे हैं। "सिंधू इसी तरह आगे बढ़ती रहे हैं। ये ही हमारी कामना है।"
पीवी सिंधू आज जिस मुकाम पर है। वहां तक पहुंचाने में उनके कोच पार्क का भी अहम योगदान रहा। पीवी सिंधू के मेडल जीतने के बाद पार्क रातों-रात सोशल मीडिया सेंशेसन बन गए। इस दौरान रमन्ना ने पार्क का भी धन्यवाद जताया।
ये ऐसा पहला मौका था जब ओलंपिक जैसे बड़े प्रतियोगिता में पुलेला गोपीचंद के बिना प्रशिक्षण के कोई इतनी बड़ी प्रतियाोगिता में मेडल जीतने में कामयाब रहा। 2016 रियो ओलंपिक में पीवी सिंधू के लगातार गिरते हुए प्रदर्शन को देखते हुए रमन्ना ने सिंधू के कोच को बदलने का फैसला किया। भारत का हर बैडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद के देख-रेख में आगे बढ़ता है। लेकिन ये ऐसा पहला मौका था जब इतिहास के पन्ने में एक नया चैप्टर लिखा गया।