Tokyo Olympics में भारत के लिए रेसलिंग फ्रीस्टाइल के 57 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीतने वाले रवि कुमार दहिया (Ravi Kumar Dahiya) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। यह दुर्भाग्य ही था कि वह गोल्ड मेडल के इतना करीब जाकर इसे हासिल नहीं कर पाए। फाइनल के बाद मिले सिल्वर मेडल को दहिया ने कोरोना योद्धाओं और पीड़ितों के परिवारों को समर्पित किया।
Koo App पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए रवि दहिया ने कहा कि देश के लिए ओलंपिक पदक जीतने के दौरान आपने जो प्यार और समर्थन दिखाया, उसके लिए मैं अपने सभी देशवासियों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। मैं इस रजत पदक को कोरोना योद्धाओं और कोरोना वायरस पीड़ितों के परिवारों को भी समर्पित करना चाहूंगा, वे हमारे असली हीरो हैं और मैं उन्हें सलाम करता हूं।
फाइनल में रवि हो गए थे पराजित
फाइनल मैच में रवि का मुकाबला ROC (रूस ओलंपिक कमिटी) के जावूर उगुएव से हुआ। इस मुकाबले में रवि को 7-4 से पराजय का सामना करना पड़ा। जावूर ने शुरू में बढ़त बनाते हुए रवि को दबाव में ला दिया और अंत में मुकाबला जीतकर गोल्ड मेडल पर कब्जा जमा लिया।
हालांकि सिल्वर मेडल मिलने के बाद रवि दहिया खुश नहीं थे। उनका कहना था कि इससे कुछ नहीं होता, मैं यहाँ गोल्ड मेडल जीतने के लिए आया था। भारत में रवि के प्रदर्शन की काफी सराहना हुई और उन्हें देश को गौरवान्वित करने वाला रेसलर बताया गया। फैन्स ने सोशल मीडिया के हर मंच पर रवि दहिया का समर्थन किया और उनके प्रदर्शन की तारीफ भी की।
रवि दहिया के अलावा इस बार भारत को रेसलिंग में एक और पदक मिला है और वह कांस्य पदक के रूप में आया, जिसे बजरंग पूनिया ने रेसलिंग फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम भार वर्ग में हासिल किया। उन्होंने कजाखस्तान के दौलत नियाजबेकोव को एकतरफा मुकाबले में 8-0 से पटखनी दी।