टोक्यो ओलंपिक में एक बड़े उलटफेर में रूस ओलंपिक समिति की टीम ने महिला जिमनास्टिक के टीम फाइनल में अमेरिका को पछाड़कर गोल्ड मेडल अपने नाम कर दिया। पिछले 2 ओलंपिक से लगातार महिला टीम फाइनल का गोल्ड जीत रही अमेरिकी टीम को स्टार जिमनास्ट सिमोन बाइल्स का बीच फाइनल से हटना भारी पड़ा।
29 साल के इंतजार के बाद जीता गोल्ड
डोपिंग स्कैंडल के कारण प्रतिबंध झेल रहे रूस के एथलीट रूसी ओलंपिक समिति के ध्वज तले खेल रहे हैं। महिला टीम फाइनल में इस बार अमेरिका समेत दुनियाभर के फैंस को उम्मीद थी कि इस बार भी अमेरिकी टीम गोल्ड जीतेगी, लेकिन रूसी जिमनास्ट्स ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए कुल 169.528 अंकों के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया जबकि अमेरिकी टीम 166.096 अंकों के साथ दूसरे नंबर पर रही और ब्रिटेन के हाथ कांस्य पदक आया। आखिरी बार 1992 में पूर्व सोवियत यूनियन के रूप में खेल रहे रूसी और अन्य खिलाड़ियों के नाम टीम ईवेंट का गोल्ड आया था। टीम ने वॉल्ट, अनईवेन बार्स, बैलेंस बीम और फ्लोर रूटीन में शानदार प्रदर्शन किया।
बाइल्स के हटने से हारा अमेरिका
2016 रियो ओलंपिक में 4 गोल्ड जीतने वाली अमेरिका की सिमोन बाइल्स के ऊपर इस बार भी टीम को गोल्ड जीताने का दारोमदार था। लेकिन इस बार क्वालिफिकेशन में बाइल्स का प्रदर्शन अपेक्षा के मुकाबले नहीं रहा था और अमेरिकी टीम क्वालिफिकेशन में दूसरे स्थान पर रही थी। सिमोन ने फाइनल में वॉल्ट में भाग लिया लेकिन जिस स्पर्धा की वो मास्टर मानी जाती हैं उसमें ज्यादा खास नहीं कर पाईं।
इसके बाद बचे तीन रोटेशन में सिमोन ने भाग नहीं लिया और बीच फाइनल से हट गईं। जैसे ही ये खबर सब तक पहुंची अमेरिकी फैंस को गोल्ड मेडल हाथ से जाते दिखा। फिर भी ली सुनिसा, जॉर्डन चाइल्स और मैक्कलम ग्रेस ने कोशिश करते हुए टीम को सिल्वर मेडल तक पहुंचा ही दिया। खबरों की मानें तो बाइल्स मानसिक रूप से काफी तनाव में थीं और अपेक्षाओं के बोझ के कारण भी काफी परेशान थीं।
जिमनास्टिक में रूस का दबदबा
इससे पहले पुरुष आर्टिस्टिक जिमनास्टिक टीम ईवेंट का गोल्ड भी रूस ने अपने नाम किया। रूसी पुरुषों ने साल 2016 के रियो चैंपियन जापान को हराकर ये मेडल अपने नाम किया। दोनों टीमों के बीच सिर्फ 0.103 अंकों का मामूली फर्क था। चीन की टीम तीसरे नंबर पर रही। रूसी पुरुषों ने आखिरी बार 1996 में टीम गोल्ड जीता था।