टोक्यो ओलंपिक में इस बार भारत की ओर से पहली बार चार सेलर नौकायन यानि सेलिंग में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 22 साल के युवा सेलर विष्णु सर्वनन इन चार सेलर में शामिल हैं और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करके उन्होंने अपने पिता का सपना पूरा किया है।
विष्णु के पिता सुबेदार मेजर (रिटा.) रामचंद्रन सर्वनन भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं और भारत की ओर से रोइंग के खेल में भी प्रतिभाग कर चुके हैं। विष्णु के पिता का सपना था कि देश की ओर से खेलों के महाकुंभ ओलंपिक में खेलें, लेकिन ये हो न सका। खुद सेलिंग करने वाले रामचंद्नन ने अपने बच्चों को सेलिंग के गुर सिखाए ताकि बच्चे ओलंपिक का उनका सपना पूरा कर सकें, और बेटे विष्णु ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर पिता को गुरु दक्षिणा दी।
मुंबई के रहने वाले विष्णु ने 9 साल की उम्र में सेलिंग को बतौर खेल सीखने की शुरुआत कर दी थी। अपनी बहन के साथ ट्रेनिंग करते हुए विष्णु ने लगातार सेलिंग के कई कॉम्पिटिशन में भाग लिया और जीत भी हासिल की। 2016 में चेन्नई में हुए यूथ नेशनल्स में पहला स्थान हासिल किया तो 2018 में याचिंग असोसिएशन ऑफ इंडिया की नेशनल सीनियर चैंपियनशिप अपने नाम की। विष्णु भी अपने पिता की तरह ही भारतीय सेना में हैं और फिलहाल सुबेदार के पद पर तैनात हैं।
साल 2019 में हुई यूरोपियन अंडर-21 चैंपियनशिप में विष्णु ने कड़े कॉम्पिटिशन के बीच कांस्य पदक अपने नाम किया। विष्णु ने टोक्यो ओलंपिक के लिए ओमान में हुए क्वालिफायर में दूसरे स्थान पर रहकर क्वालिफाय किया। विष्णु की मानें तो उनकी जीत के बाद उन्होंने जब अपने पिता को फोन किया तो वो फूट-फूट कर रो पड़े। विष्णु की मानें तो ओलंपिक के लिए क्वालिफाय करना उनका पहला लक्ष्य था, और मुख्य रूप से वह 2024 के ओलंपिक खेलों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। वैसे आपको बता दें कि विष्णु की बहन रम्या सर्वनन भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सेलर हैं।
विष्णु देश में सेलिंग के भविष्य को और मजबूत बनाना चाहते हैं। विष्णु के मुताबिक सेलिंग एकल स्पर्धा के लिए एक अच्छा विकल्प है और ये खिलाड़ियों की पहचान पानी से करवाता है और उन्हें प्रकृति के करीब लाता है।