ओलंपिक एक ऐसा महाकुंभ जिसका इंतजार हर खिलाड़ी को होता है। ये त्योहार के रूप में 4 साल में एक बार आता है। लेकिन इस प्रतियोगिता का सिर्फ हिस्सा मात्र बनने का सपना हर खिलाड़ी को बचपन से होता है कि बस एक बार मुझे ओलंपिक खेलों में भाग लेने का मौका मिल जाए। कुछ ऐसा ही उत्साह भारत की तेज धावक दुती चंद को है। स्पोर्टसकीड़ा से खास बात करते हुए दुती कहती हैं कि मैं अपने आप को बहुत सौभाग्यवान मानती हूँ कि मुझे दूसरी बार ओलंपिक खेलों का हिस्सा बनने का मौका मिल रहा है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ओडिशा की ये धावक 100 और 200 मीटर में भारत के लिए दौड़ते हुए दिखेंगी। दुती रियो के बारे में बात करती हुए कहती हैं कि वो उस दौरान वो काफी नर्वस थी। स्वभाविक है इतने बड़े प्रतियोगिता में जब आपके सामने कई देश के धुरंधर खिलाड़ी खड़े होंगे तो कहीं ना कहीं थोड़ा बहुत घबराहट होना लाजमी है। दुती आगे बात करते हुए कहती हैं कि उनका लक्ष्य अपने टाइमिंग का और बेहतर बनाने पर हैं। 100 मीटर में उनका लक्ष्य 11.10 सेकंड में रेस खत्म करने पर है।
दुती ने आगे बात करते हुए किरेन रिजीजू, एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया, पुलेला गोपीचंद का भी तहे दिल से धन्यवाद दिया। भारत की तेज धावक कहती हैं कि इन लोगों से जब भी जिस समय में किसी प्रकार का सहयोग मांगा, इन्होंने दिन या रात न देखते हुए मेरे ट्रेनिंग से लेकर डाइट तक हर एक चीजों पर विशेष ध्यान दिया। इसके साथ ही ओलंपिक में भारत के पदक की आस वाली इस खिलाड़ी ने अपने राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनाक और कोच न.रमेश की भी विशेष रूप में सराहना की है।
दुती की ओलंपिक में क्वालीफीकेशन को लेकर रमेश भी काफी खुश दिखाए दे रहे थे। एन.रमेश आगे बात करते हुए कहते हैं कि जिस समय़ उनकी खिलाड़ी ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया वो भी सरहनीय है। कोविड के वजह से पिछले साल और इस साल कुछ खास प्रतियोगिता ना होने के वजह से दुती का ओलंपिक में क्वालीफाई करना तक ही खटाई में दिख रहा था। मैंने दुती को बोला छोटे-छोटे लक्ष्य को रखते हुए काम करेंगे तो हम ओलंपिक तक जरूर ही क्वालीफाई करेंगे। देखिए जिसका फल आप सबके सामने हैं।
एथलेटिक्स के सारे इवेंट 28 जुलाई से शुरू हो रहे हैं और सभी के निगाहें दुती और नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ियों पर होगी। दुती पदक जीतेंगी या नहीं ये कह पाना मुश्किल है लेकिन इस प्रतियोगिता में " ओडिया गर्ल" कुछ अलग तो जरूर कर दिखाने वाली हैं।