टोक्यो में हो रहे ग्रीष्मकालीन ओलंपिक आधिकारिक रूप से समाप्त हो चुके हैं और इसके साथ ही पेरिस 2024 की तैयारियों की ओर सबकी निगाहें होंगी। कुल 339 स्पर्धाओं में इन ओलंपिक में पदक दिया गया जिनमें से 39 गोल्ड जीतकर अमेरिका ने पदक तालिका में पहला स्थान हासिल किया। ओलंपिक के आखिरी दिन तक अमेरिका चीन से गोल्ड के मामले में पीछे था, लेकिन आखिरी दिन इस खेल महाशक्ति ने 3 गोल्ड जीतकर पहला स्थान हासिल कर अपनी बादशाहत हासिल कर ली।
मेजबान जापान का शानदार प्रदर्शन
पहले 10 देशों की बात करें तो 39 गोल्ड, 41 सिल्वर और 33 कांस्य के साथ अमेरिका के कुल 113 मेडल हैं और कुल मेडल के मामले में भी वो पहले नंबर पर है। हालांकि 2016 के रियो ओलंपिक में अमेरिका को कुल 46 गोल्ड मिले थे। टोक्यो में ट्रैक एंड फील्ड में अमेरिका को उम्मीद से कम मेडल मिले। चीन 38 गोल्ड के साथ दूसरे नंबर पर है और रियो के 26 गोल्ड के मुकाबले ये बेहतर प्रदर्शन है। मेजबान जापान ने 27 गोल्ड जीतकर अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए तीसरा स्थान पाया है जबकि पिछले ओलंपिक में 12 गोल्ड के साथ ये देश छठे स्थान पर था।
ब्रिटेन का नुकसान
2016 के रियो ओलंपिक में ग्रेट ब्रिटेन के एथलीट्स ने कुल मिलाकर 27 गोल्ड जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया था, लेकिन टोक्यो में 22 गोल्ड के साथ चौथे स्थान पर खिसक गए। जर्मनी के पास भी रियो में 17 गोल्ड थे जबकि इस बार केवल 10 गोल्ड मिले। इटली और ऑस्ट्रेलिया ने रियो से बेहतर प्रदर्शन करते हुए इस बार टॉप 10 में जगह बना ली। रशियन ओलंपिक कमेटी की और से भाग ले रहे रूसी खिलाड़ियों ने कुल 20 स्वर्ण पदक जीते और 5वें स्थान पर रहे जबकि 2016 ओलंपिक में रूस के पास गोल्ड 19 थे लेकिन वह चौथे नंबर पर था।
भारत भी आया टॉप 50 में
रियो ओलंपिक में भारत 1 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज के साथ 67वें नंबर पर था, लेकिन टोक्यो में पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करते हुए भारत 48वें स्थान पर रहा। 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज के साथ भारत ने अब तक का अपना ओलंपिक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है। क्यूबा, कीनिया, उज्बेकिस्तान, स्लोवेनिया, युगांडा जैसे देश इस बार भारत से आगे हैं।
फिर भी भारत के लिए खुशी की बात ये है कि इस बार जैवलिन थ्रो, वेटलिफ्टिंग, हॉकी में भी मेडल आए हैं। खेल प्रेमियों की यही उम्मीद है कि अब 2024 के पेरिस खेलों में भारत टोक्यो से बेहतर प्रदर्शन करते हुए मेडल जीते।