Tokyo Olympics - आखिर क्यों अपने देश की ओर से नहीं खेल रहे हैं रूस के खिलाड़ी? 

 ROC Tokyo Olympic
ROC Tokyo Olympic

ओलंपिक खेलों में भाग लेना किसी भी एथलीट का सपना होता है और इन खेलों में अपने देश के ध्वज तले खेलना हर खिलाड़ी चाहता है, लेकिन इस बार टोक्यो ओलंपिक खेलों में रूस जैसे देश के खिलाड़ी चाह कर भी देश के नाम पर प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहे।

रूस के एथलीट देश पर खेल स्पर्धाओं से लगे प्रतिबंध के कारण रूस के ध्वज तले नहीं खेल पा रहे।
रूस के एथलीट देश पर खेल स्पर्धाओं से लगे प्रतिबंध के कारण रूस के ध्वज तले नहीं खेल पा रहे।

जी हां। रूस के एथलीट टोक्यो ओलंपिक में भाग जरूर ले रहे हैं लेकिन वह Russian Olympic Committee यानि रूसी ओलंपिक समिति की ओर से स्पर्धाओं में भाग ले रहे हैं। खेलों में रूस को दर्शाने के लिए सामान्य रूप से प्रयोग होने वाला RUS (RUSSIA के लिए शॉर्ट फॉर्म) का नहीं बल्कि ROC (RUSSIAN OLYMPIC COMMITTEE) का प्रयोग किया जा रहा है। रूस पर टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने से प्रतिबंध लगाया गया था।

कई सालों तक चलता रहा डोपिंग का मास्टर प्लान

दरअसल साल 2014 में रूस की 800 मीटर की धावक यूलिया स्टेपानोवा और उनके पति, जो कि रूस की ही एंटी-डोपिंग एजेंसी में कार्यरत थे, ने एक डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से यह सच उजागर किया था कि रूस कई सालों से एक बड़ा डोपिंग स्कैंडल कर रहा था। रिपोर्ट्स के अनुसार 2014 के ओलंपिक खेलों में रूसी खिलाड़ियों के सैंपल डोपिंग में पकड़े न जाएं, इसके लिए एक तरकीब के तहत सैंपल्स को बदल दिया जाता था। ये प्रैक्टिस कई सालों तक चलने का दावा है। यहां तक की विशेषज्ञों का कहना था कि रूसी सुरक्षा एजेंसियां भी इस काम में शामिल थीं।

रूस का दल साल 2022 के विंटर ओलंपिक में भी रूस के नाम पर भाग नहीं ले पाएगा
रूस का दल साल 2022 के विंटर ओलंपिक में भी रूस के नाम पर भाग नहीं ले पाएगा

सालों साल ऐसे आरोपों की जांच कर रही विश्व ऐंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने अंतत: रूस पर 2019 में 4 सालों तक किसी भी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं लेने का प्रतिबंध लगा दिया। इसके परिणामस्वरूप रूस का ध्वज, राष्ट्रगान कोई भी रूसी एथलीट प्रयोग नहीं करेगा। इसी कारण से रूस की टीम टोक्यो में रूसी ओलंपिक समिति के ध्वज तले खेल रही है।

रूस के एथलीट की जर्सी पर भी ROC का लोगो बना हुआ है
रूस के एथलीट की जर्सी पर भी ROC का लोगो बना हुआ है

हालांकि 2020 में रूस पर लगे प्रतिबंध को अपील के बाद 4 साल से कम कर 2 साल कर दिया गया। इसका मतलब साल 2022 में चीन के बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भी रूस का दल देश के ध्वज तले खेल नहीं पाएगा। यहां तक कि यदि कोई रूसी खिलाड़ी गोल्ड मेडल जीतकर पोडियम पर खड़ा होगा तो रूस के राष्ट्रगान के बजाय एक विशेष पियानो पर तैयार धुन बजाई जाएगी।

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Edited by निशांत द्रविड़
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