टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई चानू के मेडल के बाद भारत की तलाश खत्म की बॉक्सल लोवलिना बोर्गोहैन ने। लोवलिना ने 64-69 किलोग्राम भार वर्ग के क्वार्टर-फाइनल में ताइपे की चेन नियेन चिन को 4-1 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाकर एक पदक पक्का किया। लवलीना ने मैच के बाद साफ किया कि उनका लक्ष्य गोल्ड जीतना है और वो ये करके रहेंगी।
इतिहास रचना चाहती हैं लोवलिना
23 साल की लोवलिना असम की रहने वाली हैं और ओलंपिक में उनसे पहले बॉक्सिंग में भारत को दो ब्रॉन्ज मेडल मिले हैं। ये मेडल विजेंद्र सिंह ने 2008 में बीजिंग में और मैरीकॉम ने 2012 में लंदन में जीते। लोवलिना मैरीकॉम के बाद ओलंपिक बॉक्सिंग मेडल जीतने वाली दूसरी महिला बन जाएंगी। लेकिन लोवलिना इतिहास रचना चाहती हैं और पदक पक्का होने के बाद और दमखम से खेलते हुए गोल्ड जीतना चाहती हैं। मैच में जीत के बाद लोवलिना ने कहा कि आज उनके लिए बहुत बड़ा दिन है, लेकिन उन्हें गोल्ड लेकर ही जाना है। लोवलिना इसी साल दुबई में हुई एशियन चैंपियनशिप में वेल्टरवेट कैटेगरी में तीसरे नंबर पर आईं थीं जबकि इससे पहले 2020 में जॉर्डन में हुए ओलंपिक क्वालिफिकेशन के द्वारा टोक्यो का टिकट कटाया था।
सेमीफाइनल होगा कठिन
अब सेमीफाइनल मुकाबले में 4 अगस्त को लोवलिना के सामने होंगी तुर्की की बुजेनाज सुरमेनेली जो दुनिया की नंबर 1 मुक्केबाज हैं और 2019 में रूस में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप की वेल्टरवेट कैटेगरी को अपने नाम किया था। लोवलिना की ये प्रतिद्वंदी अपने पिछले दोनों मुकाबले 5-0 से जीती हैं। ऐसे में लोवलिना को पूरा दमखम दिखाना होगा ताकि फाइनल में पहुंचने का सपना पूरा कर सकें।
जीत का जश्न मना रहा देश
इस बीच लोवलिना का ओलंपिक मेडल पक्का होने पर देशभर में फैंस काफी खुश हैं। लोवलिना की जीत पर सोशल मीडिया पर उन्हें लगातार बधाईयां मिल रही हैं। उनके गांव गोलाघाट में निवासियों ने घरों से बाहर निकलकर जश्न मना रहे हैं। गांववालों को उम्मीद है कि लोवलिना की जीत के बाद उनके गांव की तस्वीर भी बदल जाएगी। हम भी आशा करते हैं कि लोवलिना गोल्ड जीतें और गांव ही नहीं बल्कि खेलों में देश की तस्वीर बदलने में अपना योगदान दें।
लोवलिना के पिता ने भी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा,"उसका सपना पूरा हो गया। 4 अगस्त को सेमीफाइनल में उसके जीत की उम्मीद है और हम चाहते हैं कि फाइनल में वह प्रवेश करे। माँ-बाप होने के नाते हमें भी काफी ख़ुशी हुई है।"