दुनिया के नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने पिछले कुछ समय से टेनिस के हर कोर्ट पर राज कर रहे हैं। इस साल के पहले तीन ग्रैंड स्लैम - ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रैंच ओपन और विम्बल्डन में पुरुष एकल का खिताब जीत चुके जोकोविक ने हार्ड कोर्ड, क्ले कोर्ट और ग्रास कोर्ट पर अपनी बादशाहत साबित कर दी है, लेकिन टोक्यो में हो रहे ओलंपिक खेलों पर जोकोविच की नजर खास तौर पर रहेगी जहां वह अपना पहला गोल्ड जीतने की कोशिश करेंगे।
जोकोविच ने साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता था, लेकिन इसके बाद हुए 2012 लंदन और 2016 रियो ओलंपिक में जोकोविच पदक से चूक गए थे। ऐसे में जोकोविच की भी चाह होगी कि टोक्यो ओलंपिक में पुरुष एकल का सोने का तमगा अपने नाम कर सकें। इसके बाद यदि जोकोविच साल के आखिरी ग्रैंड स्लैम यूएस ओपन को भी जीत लेते हैं तो वह न केवल 'गोल्डन स्लैम' जीतने वाले पहले पुरुष खिलाड़ी बन जाएंगे बल्कि ग्रैंड स्लैम के मामले में फेडरर और नडाल को भी पीछे छोड़ देंगे जिनके पास 20-20 ग्रैंड स्लैम खिताब हैं। राफेल नडाल ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था जबकि फेडरर के नाम इकलौता ओलंपिक गोल्ड भी इसी साल पुरुष युगल स्पर्धा में आया था।
वैसे स्टैफी ग्राफ पहली ऐसी टेनिस खिलाड़ी हैं जो अपने करियर में गोल्डन स्लैम पूरा कर चुकी हैं। साल 1988 में स्टैफी ने न केवल चारों ग्रैंड स्लैम एकल खिताब अपने नाम किए बल्कि दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में हुए ओलंपिक में टेनिस महिला एकल स्पर्धा का गोल्ड मैडल भी जीता।
टोक्यो ओलंपिक में न तो स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर भाग ले रहे हैं और न ही स्पेन के राफेल नडाल, ऐसे में नोवाक राहत की सांस जरूर लेंगे लेकिन उन्हें सबसे बड़ी चुनौती मिल सकती है, ब्रिटेन के एंडी मरे से जो 2012 एवं 2016 ओलंपिक में टेनिस एकल स्पर्धा का गोल्ड जीत चुके हैं। हालांकि 2016 के बाद से मरे टेनिस कोर्ट में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं, लेकिन जोकोविच उन्हें कम नहीं आंकना चाहेंगे। गौर करने वाली बात है कि दुनिया के टॉप 10 पुरुष टेनिस प्लेयर्स में से 5 तो ओलंपिक में भाग ही नहीं ले रहे, ऐसे में जोकोविच और उनके फैंस एक ऐतिहासिक जीत की उम्मीद कर सकते हैं।