टोक्यो ओलंपिक में एक बड़े उलटफेर में दुनिया के नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच पुरुष एकल में अपना सेमीफाइनल मुकाबला हार गए। अंतिम-4 के मैच में जर्मनी के ऐलेक्जेंडर ज्वेरेव ने पहले सेट में पिछड़ने के बाद भी अगले दोनों सेट जीतकर मैच 1-6, 6-3, 6-1 से अपने नाम कर लिया।
गोल्डन स्लैम से चूके जोकोविच
इस साल तीनो ग्रैंड स्लैम जीतने वाले जोकोविच के पास मौका था कि इस बार ओलंपिक गोल्ड जीतकर और इसके बाद यूएस ओपन जीतकर गोल्डन स्लैम पूरा करें। यदि जोकोविच ऐसा कर लेते तो इतिहास के पहले पुरुष खिलाड़ी बन जाते जिनके पास एक ही साल में ओलंपिक गोल्ड के साथ ही चारों ग्रैंड स्लैम सिंगल्स खिताब होते, लेकिन जोकोविच का ये सपना अधूरा रह गया। टेनिस इतिहास में केवल स्टैफी ग्राफ ही इकलौती प्लेयर हैं जिन्होंने 1988 में सभी सिंगल्स ग्रैंड स्लैम और सियोल ओलंपिक का महिला सिंगल्स गोल्ड जीतकर गोल्डन स्लैम जीता।
पहला सेट जीतकर हारे जोकोविच
दुनिया के पहले नंबर के खिलाड़ी जोकोविच का सामना सेमीफाइनल में दुनिया के पांचवे नंबर के खिलाड़ी ज्वेरेव से हो रहा था। फैंस को भी उम्मीद थी कि मैच काफी रोमांचक होगा। ऐसे में जोकोविच ने जब पहला सेट 6-1 से जीता तो सभी को लगा कि बस दूसरे सेट में आसानी से जीतकर जोकोविच फाइनल में जगह बना लेंगे।
लेकिन ज्वेरेव ने भी अनुभव का पूरा परिचय दिया और अगले दोनों सेटों में धमाकेदार खेल के साथ दोनों सेट और मैच जीत लिया। ज्वेरेव ने कुल 5 एस लगाए जबकि जोकोविच सिर्फ 1 ही एस लगा पाए। इसके अलावा ज्वेरेव बैकहेंड और फोरहेंड विनर्स में भी जोकोविच को मात दे दी। इसी के साथ ज्वेरेव अपने पहले ओलंपिक फाइनल में पहुंच चुके हैं।
मिक्स्ड डबल्स खेलने के फैसले को कोच ने गलत बताया
नोवाक जोकोविच सिंगल्स ही नहीं, सर्बिया की ओर से मिक्स्ड डबल्स के सेमीफाइनल में भी पहुंचे थे जहां उनकी जोड़ीदार नीना स्टोजानोविच थीं। इनकी जोड़ी सेमीफाइनल में ROC (रूस ओलंपिक कमेटी) की एलेना वेस्नीना और असलान करात्सेव की जोड़ी से सीधे सेटों में 7-6, 7-5 से हार गईं। ऐसे में जोकोविच सिंगल्स और मिक्स्ड डबल्स, दोनों के ही फाइनल में नहीं हैं और अब इनके कांस्य पदक मुकाबले में खेलेंगे। इससे पहले सर्बिया के ओलंपिक टेनिस टीम के कोच विक्टर ट्रोइकी ने जोकोविच के मिक्स्ड डबल्स खेलने के फैसले पर सवाल उठाए।
29 जुलाई को मिक्स्ड डबल्स के मुकाबले के ठीक बाद जोकोविच का मुकाबला जापान के निशिकोरी से हुआ था, हालांकि वो मुकाबला जीत गए थे, लेकिन कोच के मुताबिक इस तरह बैक टू बैक मैच खेलने से जोकोविच थकान या इंजरी के शिकार हो सकते हैं। और यह बात कहीं ना कहीं सच भी हुई क्योंकि सिंगल्स सेमीफाइनल में ज्वेरेव के खिलाफ जोकोविच थके हुए और लय से बाहर दिख रहे थे।
ब्रॉन्ज जीतने का करेंगे प्रयास
सिंगल्स और मिक्स्ड डबल्स के सेमीफाइनल में हार के बाद जोकोविच तीसरे स्थान के लिए हो रहे मैच में जीत हासिल करते हुए अपनी साख बचाना चाहेंगे और देश के लिए पदकों की संख्या भी बढ़ाना चाहेंगे। सिंगल्स में जोकोविच का मैच स्पेन के पाब्लो करैनो से होगा जबकि मिक्स्ड डबल्स में उन्हें और उनकी जोड़ीदार को ऑस्ट्रेलिया की जोड़ी से भिड़ना होगा। खास बात ये है कि दोनों मैच बैक टू बैक होंगे। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि टेनिस के कोर्ट का ये बादशाह क्या अपनी साख बचाने में कामयाब होता है।