Tokyo Olympics : 13 साल की उम्र में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतकर जापानी खिलाड़ी ने रचा इतिहास

मोमिजी जापान की सबसे युवा ओलंपिक चैंपियन हैं
मोमिजी जापान की सबसे युवा ओलंपिक चैंपियन हैं

जिस उम्र में आमतौर पर बच्चे 7वीं-8वीं कक्षा में पढ़ते हैं, घर पर कार्टून देखना या वीडियो गेम खेलना पसंद करते हैं, उस उम्र में जापान की मोमिजी निशिया ने ओलंपिक में शानदार जीत दर्ज की है। 13 साल की मोमिजी ने स्ट्रीट स्केटबोर्डिंग के महिला एकल मुकाबले में जापान के लिए गोल्ड मेडल जीतकर जापान की सबसे कम उम्र की गोल्ड मेडलिस्ट होने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।

पहली बार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों का हिस्सा बने स्केडबोर्डिंग के खेल के महिला स्ट्रीट के फाइनल में कुल 8 खिलाड़ी पहुंची थी। जापान की मोमिजी निशिया ने 15.26 अंकों के साथ स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया और 13 साल 330 दिन की उम्र में गोल्ड जीतने वाली जापान की सबसे युवा एथलीट बन गईं लेकिन दुनिया की सबसे युवा ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट बनने से मोमिजी चूक गईं।

मार्जरी गैस्ट्रिंग हैं सबसे युवा ओलंपिक चैंपियन

अमेरिका की डाइवर मार्जरी गैंस्ट्रिंग के नाम दुनिया का सबसे युवा ओलंपिक चैंपियन होने का रिकॉर्ड है।
अमेरिका की डाइवर मार्जरी गैंस्ट्रिंग के नाम दुनिया का सबसे युवा ओलंपिक चैंपियन होने का रिकॉर्ड है।

दुनिया की सबसे कम उम्र की ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट होने का रिकॉर्ड संयुक्त राज्य अमेरिका की मार्जरी गैस्ट्रिंग के नाम है जिन्होंने 13 साल 268 दिन की उम्र में साल 1936 के बर्लिन ओलंपिक खेलों में 3-मीटर स्प्रिंगबोर्ड प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। जापान के फैंस का मानना है कि यदि टोक्यो ओलंपिक साल 2020 में तय समय से आयोजित होते तो निश्चित रूप से मोमिजी दुनिया की सबसे युवा ओलंपिक चैंपियन बन जातीं।

रिकॉर्ड बनाने से चूकीं ब्राजील की लील

मोमिजी निशिया 10 साल की उम्र से ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्केटबोर्डिंग कर रही हैं।
मोमिजी निशिया 10 साल की उम्र से ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्केटबोर्डिंग कर रही हैं।

स्केटबोर्डिंग फाइनल के इसी मुकाबले में मोमिजी ने पहला स्थान प्राप्त किया तो ब्राजील की रेयसा लील ने दूसरा स्थान। लील की उम्र मोमिजी से भी कम 13 साल 203 दिन की है। मतलब यदि वह स्वर्ण पदक जीत जातीं, तो अमेरिका की मार्जरी गैस्ट्रिंग का रिकॉर्ड तोड़कर दुनिया की सबसे छोटी उम्र की गोल्ड मेडलिस्ट बन जातीं।

पहली बार हो रहा है स्केटबोर्डिंग का आयोजन

स्केटबोर्डिंग के खेल को बढ़ती लोकप्रियता के चलते ओलंपिक में जगह मिली है।
स्केटबोर्डिंग के खेल को बढ़ती लोकप्रियता के चलते ओलंपिक में जगह मिली है।

साल 2020 के ओलंपिक खेलों में पहली बार स्केटबोर्डिंग के खेल को शामिल किया गया है। स्केटबोर्डिंग का खेल बच्चों और युवाओं में खासा लोकप्रिय है और एक समय जिस खेल को समय की बर्बादी के रूप में अमेरिका और बाकि देशों में देखा जाता था उसे खेल की डिफिकल्टी और कलात्मक पहलू को देखते हुए बतौर स्पर्धा ओलंपिक में शामिल किया गया। साल 2024 के पेरिस ओलंपिक में भी इस खेल को शामिल किया गया है।

जापान ने बनाया दबदबा

मेजबान देश जापान ने स्केडबोर्डिंग की स्पर्धा में अपना दबदबा बनाया है। पुरुषों के स्केटबोर्डिंग स्ट्रीट फाइनल में जापान के यूतो होरिगोमे ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। वहीं मोमिजी ने भी महिलाओं का गोल्ड जीतकर जापान को एक और स्वर्ण दिला दिया। जापान की ही नाकायामा फुना ने महिलाओं के फाइनल का कांस्य पदक अपने नाम किया।

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Edited by निशांत द्रविड़