टोक्यो पैरालंपिक का आगाज अब से कुछ दिनों में होने जा रहा है। भारत की तरफ से 48 खिलाड़ी संग ऑफिसियल इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। 48 प्लेयर्स में 8 जैवलिन थ्रो खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। आइए एक नजर हम उन 4 जैवलिन थ्रोअर्स पर डालते हैं, जो इस प्रतियोगिता में सबको हैरान करने वाले हैं।
1) देवेंद्र झाझाड़िया
एथेंस और रियो पैरालंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले देवेंद्र झझाड़िया किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। देवेंद्र स्कूल के दिनों से जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में जमकर हिस्सा लेते आए हैं । देवेंद्र को इस खेल के लिए जागरूक करने में आरडी सिंह की अहम भूमिका रही है। ओलंपिक के अलावा आइपीसी प्रतियोगिता में भी देवेंद्र के नाम स्वर्ण पदक है। 8 साल में खेलते-खेलते देवेंद्र ने गलती से नंगे तार पर हाथ रख दिया, जिसके बाद से वो एक हाथ से करिश्मा दिखाने वाले खिलाड़ी बन गए।
2) अजित सिंह
इस सूची में दूसरा नाम अजित सिंह का आता है, जो F-46 कैटेगरी में हिस्सा लेने वाले हैं। 2017 में एक ट्रेन हादसे में उन्होंने अपने हाथ गंवा दिए। इस हादसे के बाद अजीत की जिंदगी बड़ी मुश्किल हालातों में गुजरी। बहरहाल इन सबको पीछे छोड़ते हुए अजीत ने अपनी नई जिंदगी की शुरूआत की और 2019 विश्व प्रतियोगिता में कांस्य पदक अपने नाम किया। इस दौरान वीके सिंह डबास ने उनकी वापसी में काफी मदद की। इस पैरांलपिक में अजीत के प्रवेश विश्व प्रतियोगिता के प्रदर्शन पर दिया गया है।
3) संदीप चौधरी
संदीप चौधरी, एक ऐसा नाम जो बीते कई वर्षों से लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं। 25 वर्षीय संदीप के खाते में विश्व पैराएथलेटिक्स चैंपियनशिप और एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक हैं। 2020 टोक्यो पैरालंपिक में संदीप F-64 इवेंट में हिस्सा लेंगे। संदीप जब साल के थे। उस दौरान एक रोड हादसे में उनका पैर काम करना बंद कर दिया था।
4) टेक चंद
एफ-54 कैटेगरी में टेक चंद हिस्सा लेने वाले हैं। 2019 विश्व पैरा चैंपियनशिप टेक ने छठा स्थान हासिल किया था। 2016 में सतबीर सिंह के देख-रेख में टेक ने जैविलन थ्रो की अभ्यास करना शुरू किया था। 2018 पैरा एशियन गेम्स में इन्होने कांस्य पदक अपने नाम किया। हरियाणा के रहने वाले इस दिव्यांग खिलाड़ी का एक पैर काम नहीं करता। 2005 में एक रोड हादसे के बाद वो एक पैर के सहारे विश्व भर में करिश्मा दिखा रहे हैं।