Tokyo Paralympics - क्या भारतीय खिलाड़ी रचेंगे इतिहास?

Tokyo Paralympics
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ओलंपिक के बाद पैरालंपिक खेलों को लेकर धूम मची हुई है। एक समय था जब पैरालंपिक खेलों को कोई पूछता नहीं था। आज का दौर देखिए खिलाड़ियों के पास निजी स्पोंसर तक उपलब्ध हैं। पैरालंपिक के मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार ने इस साल 28 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस समारोह के दिन खिलाड़ियों को विभीन्न तरह के पुरस्कार देने का कार्यक्रम टालने के भी आदेश दे दिए है।

पैरालंपिक खेलों की शुरूआत 24 अगस्त से जापान की राजधानी टोक्यो में होने जा रही है। ऐसे में इन खेलों में भारत का प्रदर्शन कैसा होगा इन पर सबकी निगाहें होंगी।

रियो पैरालंपिक में भारतीय दल के प्रदर्शन के बारे में बात करें तो भारतीय खिलाड़ी 4 पदकों के साथ वतन लौटे थे। वहीं इस प्रतियोगिता में 19 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। वहीं इस ओलंपिक में खिलाड़ियों की संख्या 54 है। पिछले ओलंपिक में इन खेलों का प्रसारण बीच में शुरू हुआ था। वहीं इस बार इन खेलों का प्रसारण 24 अगस्त से ही शुरू हो जाएगा । भारत में खेलों के लेकर ऐसी दिवानगी पहले कभी नहीं देखने को मिली।

पैरांलपिक कमेटी के अध्यक्ष दीपा मलिक का कहना है कि भारत के 54 में से 24 खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में मेडल जीतेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2016 रियो पैरालंपिक में दीपा मलिक ने रजत पदक अपने नाम किया था।

अन्य खिलाड़ियों की तरह पैरालंपिक खिलाड़ियों के पिछले साल किसी भी प्रतियोगिता में ना खेलने का मलाल है। बावजूद इसके वो इस बात से खुश हैं। सरकार उन पर विशेष ध्यान दे रही है।

कोविड प्रोटोकोल्स को मद्देनजर रखते हुए इस बार पैरालंपिक खिलाड़ियों के लिए ट्रायल्स का आयोजन बड़ी मुश्किल से हुआ।

क्या पैरालंपिक खिलाड़ियों को भी मिलेगा अन्य खिलाड़ियों की तरह सम्मान?

पूरे विश्व भर में दिव्यांग खिलाड़ियों को लेकर लोगों की राय बदली है। पहले दिव्यांग खिलाड़ियों की दूर दिव्यांग लोग अपने पास बैठने नहीं थे। बीतें वर्षों में इन सारी चीजों में बदलाव देखने को मिला है। जिसका फलस्वरूप आप इस पैरालंपिक में देख सकते हैं।

काफी एनजीओ दिव्यांग खिलाड़ियों की कर रही हैं मदद

2016 रियो पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के पदक जीतने के बाद ही कई संस्थान इन लोगों के मदद के लिए आगे आयी। जिसमें सबसे ज्याद एनजीओ ही थी। प्राइवेट संस्थानों की गिनती नाम मात्र की थी। इस प्रतियोगिता में ये देखना होगा कि क्या प्राइवेट संस्थान इन खिलाड़ियों के सहयोग के लिए हाथ बढ़ाती हैं या नहीं?

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Edited by निशांत द्रविड़