टोक्यो में चल रहा पैरालंपिक खेल भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए यादगार बन गया है। पाकिस्तान को पैरालंपिक खेल इतिहास का अपना पहला गोल्ड मेडल मिल गया है और ये पदक दिलाया है डिस्कस थ्रो एथलीट हैदर अली ने। अली ने 55.26 मीटर की दूरी पर डिस्कस फेंककर अपने देश को 29 साल के उसके पैरालंपिक इतिहास का पहला स्वर्ण दिलाया।#GOLD FOR PAKISTAN!Haider Ali #PAK wins the men's F37 discus throw and makes gives Pakistan their first ever medal at the #Paralympics!They are the 84th different nation/NPC to score a medal at #Tokyo2020 - a new record!#ParaAthletics— Paralympic Games (@Paralympics) September 3, 2021पाकिस्तान के पास ओलंपिक खेलों में भी कोई एकल गोल्ड नहीं है, ऐसे में ये पदक काफी खास बन जाता है। इसी के साथ पैरालंपिक खेल इतिहास में पाकिस्तान के कुल पदकों की संख्या 3 हो गई है। सबसे खास बात ये है कि ये सारे पदक हैदर अली ने ही जीते हैं।पहले दो प्रयास में हुए थे फेलहैदर ने F37 डिस्कस थ्रो इवेंट में भाग लिया। इस इवेंट के अपने पहले दो प्रयास में हैदर का थ्रो अवैध घोषित किया गया था। ऐसे में लग रहा था कि शायद वो पोडियम फिनिश भी ना कर पाएं। तीसरे प्रयास में हैदर ने 47.84 मीटर की दूरी पर डिस्कस फेंका लेकिन ये नाकाफी था। चौथा प्रयास खराब रहा। ऐसे में सिर्फ 2 प्रयास बचे थे और उम्मीद कम ही बची थी। लेकिन हैदर ने अपने पांचवें थ्रो में अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 55.26 मीटर का थ्रो फेंका और गोल्ड अपने नाम कर लिया। उज्बेकिस्तान के मयकोला झबन्याक को सिल्वर और ब्राजील के विक्टर सिल्वा को ब्रॉन्ज मिला।सारे पदक हैदर के नामसाल 1992 में बार्सिलोना में हुए पैरालंपिक में पाकिस्तान ने पहली बार भाग लिया था, लेकिन इस देश को पहला पैरालंपिक मेडल 16 साल के इंतजार के बाद 2008 बीजिंग पैरालंपिक में मिला। हैदर अली ने तब पुरुषों की लम्बी कूद में सिल्वर मेडल जीता था । इसके बाद 2016 रियो पैरालंपिक में हैदर ने लम्बी कूद में ही ब्रॉन्ज मेडल जीता। हैदर लॉन्ग जम्प और डिस्कस थ्रो, दोनों ही स्पर्धाओं में भाग लेते हैं। हैदर इतिहास के पहले एथलीट हैं जिन्होंने अपने देश के लिए पैरालंपिक में पहला गोल्ड, पहला सिल्वर और पहला ब्रॉन्ज मेडल जीता हो। हैदर की उपलब्धि के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया है।सेरिब्रल पाल्सी को दी मात12 दिसंबर 1984 को जन्में हैदर बचपन से ही सेरिब्रल पाल्सी से ग्रसित हैं जो एक व्यक्ति के हिलने-डुलने की क्षमता पर असर डालती है, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहने वाले हैदर ने हार नहीं मानी और खेलों के प्रति अपना जीवन लगा दिया। हैदर 100 मीटर और 200 मीटर की फर्राटा दौड़ में भी पैरालंपिक खेलों में भाग ले चुके हैं। साल 2010 के एशियाई पैरा खेलों में हैदर ने लम्बी कूद का गोल्ड और 100 मीटर दौड़ का ब्रॉन्ज जीता। साल 2012 के लंदन खेलों में हैदर अली हैमस्ट्रिंग की चोट से जूझ रहे थे। लेकिन गोल्ड जीतने के अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटे। हैदर स्टार धावक उसेन बोल्ट को अपना आदर्श मानते हैं।Tokyo Paralympics पदक तालिका