खेल जगत में साल 2016 एक बार फिर दिग्गज खिलाड़ियों के नाम रहा। जहां उसैन बोल्ट और माइकल फलेप्स को चुनौती देने वाला दूर दूर कोई भी नहीं था। जबकि भारतीय खिलाड़ियों ने भी इस साल कई उपलब्धियां हासिल कीं। खासतौर से रियो ओलंपिक 2016 में देश बेटियों ने मेडल जीतकर सफलता के झंडे गाड़े, तो हम आपको 2016 के इन्हीं टॉप 10 खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे। जो इस साल अपने लाजवाब प्रदर्शन के दमपर खेल जगत में छाए रहे। #1 माइकल फेल्प्स 2016 के 10 बेस्ट खिलाड़ियों में पहले नंबर पर जगह बनाई है स्टार स्वीमर माइकल फेल्प्स ने। अमेरिकी तैराक माइकल फेल्प्स रियो ओलंपिक में भी छाए रहे। फेल्प्स ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल, सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल और तैराकी में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल हासिल करने वाले एथलीट बने। फेल्प्स ने अपने ओलंपिक करियर में कुल 28 मेडल हासिल किए हैं। इनमें 23 केवल गोल्ड मेडल हैं। 31 साल के इस अमेरिकी तैराक ने 2004 में एथेंस में हुए ओलंपिक खेलों में 6 गोल्ड मेडल जीते थे। 2008 में बीजिंग में 8 गोल्ड मेडल और 2012 में लंदन में हुए ओलंपिक में 4 गोल्ड मेडल जीते। और 2016 में रियो ओलंपिक में फेल्प्स ने 5 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल अपने नाम किए हैं। अब तक 23 गोल्ड, 3 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज ये आंकड़ा देखने में ऐसे लग सकता है जैसे किसी देश का ओलंपिक रिकॉर्ड हो लेकिन ये सिर्फ एक व्यक्ति का रिकॉर्ड है। और यही वजह है कि माइकल फेल्प्स ओलिंपिक के सबसे बड़े नामों में शुमार हैं। फ़ेल्प्स ने साफ़ कर दिया है कि वो 2020 टोक्यो ओलिंपिक में हिस्सा नहीं लेंगे और ये ओलिंपिक ही उनका आखिरी ओलिंपिक था। #2 उसैन बोल्ट 2016 के 10 बेस्ट खिलाड़ियों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर जगह बनाई है, धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाले शख्स उसैन बोल्ट ने। 2016 में भी रेसिंग ट्रैक पर दुनिया के सबसे तेज रनर उसेन बोल्ट का जलवा बरकरार रहा। जमैका के मशहूर एथलीट उसैन बोल्ट ने रियो ओलंपिक 2016 में भी 100 मीटर, 200 मीटर और 4x100 की रेस में गोल्ड मेडल हासिल किया। इन इवेंट्स में लगातार तीन ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल करने वाले वो पहले एथलीट बने। बोल्ट ने इससे पहले बीजिंग और लंदन ओलंपिक में भी ये कारनामा किया था। उसैन बोल्ट ने अपना ‘ट्रिपल-ट्रिपल’ पूरा कर इस साल का अंतर्राष्ट्रीय एमेच्योर एथलेटिक्स फेडरेशन के वर्ल्ड एथलेटिक्स अवार्ड पर भी कब्जा जमाया। बोल्ट ने ओलंपिक में हैट्रिक की हैट्रिक बनाई थी। रियो उनका तीसरा ओलंपिक था और इसमें उन्होंने अपनी पसंदीदा 100 मीटर, 200 मीटर और चार गुणा 100 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था। बोल्ट ओलंपिक में 9 गोल्ड मैड जीत चुके हैं। बोल्ट ने लगातार तीन ओलंपिक खेलों में इन तीनों इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर एक नया कीर्तिमान बनाया। #3 निको रोजबर्ग माइकल शूमाकर और सेबेस्टियन वेटेल के बाद अब जर्मनी को नया फॉर्मूला वन वर्ल्ड चैंपियन मिल गया है। इस चैंपियन का नाम हैं निको रोजबर्ग। ये निको रोजबर्ग की जिंदगी का पहला फॉर्मूला वन खिताब था। रेस के विजेता निको के टीम साथी लुईस हैमिल्टन रहे। लेकिन ओवरऑल अंकों के आधार पर वर्ल्ड चैंपियन निको रोजबर्ग ही बने। तीसरे स्थान पर फरारी के ड्राइवर सेबेस्टियन वेटेल रहे। निको रोजबर्ग को ये खेल विरासत में मिला। निको के पिता केके रोजबर्ग भी रेस में हिस्सा लेते थे। जिसे देखने वो अपनी मां सिना के साथ जाते थे। केके ने निको के जन्म से ढाई साल पहले 1982 अपना इकलौता फॉर्मूला वन खिताब जीता था। अब निको ने चैंपियन बन पिता केके की बराबरी की। #4 एंडी मरे ब्रिटेन के एंडी मरे का प्रदर्शन साल 2016 में शानदार रहा है। मरे ने चार बार के डिफेंडिंग चैम्पियन सर्बिया के नोवाक जोकोविक को हराकर साल के आखिरी टूर्नामेंट एटीपी वर्ल्ड टूर फाइनल्स का खिताब अपने नाम कर 2016 का अंत टॉप रैंक खिलाड़ी के रूप में किया। मरे ने फाइनल में जोकोविक को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से मात दी। एटीपी वर्ल्ड टूर फाइनल्स के फाइनल में मिली जीत मरे की लगातार 24वीं जीत है। इस जीत के साथ ही मरे ने इस टूर्नामेंट में चली आ रही जोकोविक की चार साल की बादशाहत को भी खत्म कर दिया। इस साल मरे की सबसे बड़ी उपल्बधि विंबलडन और ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना रही। मरे ने विंबलडन फाइनल में छठी वरीय कनाडा के मिलोस राओनिच को 6-4, 7-6 7-6 से हराया। ये विंबडलन में उनकी दूसरी ख़िताबी जीत और तीसरा ग्रैंड स्लैम टाइटल था। विंबलडन विजेता मरे अपनी शानदार फॉर्म रियो ओलंपिक 2016 में भी जारी रखी। मरे ने ओलंपिक फाइनल में जीत हासिल कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। मरे ने फाइनल में अर्जेंटीना के जुआन माट्रिन डेल पोट्रो को 7-5, 4-6, 6-3, 7-5 से हराकर लगातार दूसरी बार ओलिंपिक गोल्ड मेडल हासिल कर नया इतिहास भी रचा। वहीं 29 साल के मरे 1973 के बाद 17वें ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने टॉप पर रहते हुए साल का समापन किया है। यही नहीं, ये मुकाम हासिल करने वाले वो पहले ब्रिटिश खिलाड़ी हैं। #5 नेमार 2016 के 10 बेस्ट खिलाड़ियों में पांचवे नंबर पर हैं ब्राजील फुटबॉल टीम के युवा कप्तान नेमार। जिन्होंने अपनी कप्तानी में 2016 रियो ओलंपिक में टीम को गोल्ड मेडल जीताने में अहम भूमिका निभाई। फाइनल में ब्राजील ने जर्मनी को शिकस्त दी। ओलंपिक इतिहास में ये पहला मौका था। जब ब्राजील ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया और टीम को चैंपियन बनाने में टीम के कप्तान ने सबसे बड़ा रोल अदा किया। फुटबॉल फाइनल के इस महामुकाबले में दुनिया की दो सबसे दिग्गज टीमें आमने-सामने थीं। लिहाजा दोनों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने की भी उम्मीद की जा रही थी, और कुछ हुआ भी ऐसे ही। दोनों के बीच गोल्ड मेडल जीतने के लिए जोरदार मुकाबला हुआ। ब्राजील के कप्तान नेमार ने 26वें मिनट में गोल कर अपनी टीम 1-0 की बढ़त दिला दी। लेकिन जर्मनी भी हार मानने के लिए तैयार नहीं और खेल के 59वें मिनट में जर्मन खिलाड़ी मेयर मैक्सीलियम ने गोल कर स्कोर एक-एक की बराबरी पर ला दिया। इसके बाद मुकाबला फुलटाइम तक बराबरी पर रहा, और एक्सट्रा टाइम में भी दोनों ही टीमें बराबरी पर रहीं। एक्स्ट्रा टाइम तक दोनो टीमें एक भी गोल नहीं कर सकी। फिर पेनल्टी शूटआउट हुआ और आखिरी में कप्तान नेमार ने गोल कर ब्राजील को पहली बार ओलंपिक का गोल्ड मेडल दिया। #6 लियोनल मेसी सीजन 2016-17 में स्टार फॉर्वर्ड्स बार्सिलोना के लियोनल मेसी और रियाल मेड्रिड के क्रिस्टियानो रोनाल्डो दोनों ने अपने आक्रामक खेल से सभी को प्रभावित किया है। और यही वजह है कि दोनों क्लब मौजूदा लीग्स में टॉप-2 में बने हुए हैं। लेकिन दोनों खिलाड़ियों के प्रदर्शन की बात की जाए तो बार्सिलोना के स्टार फॉरवर्ड लिनोनेल मेसी क्रिस्टियानो रोनाल्डो पर इक्कीस साबित हुए हैं। मेसी ने इस सीज़न में अब तक ज़ोरदार प्रदर्शन करते हुए 23 गोल दागे और बार्सिलोना की जीत में अहम भूमिका निभाई। चलिए आपको बताते हैं इस सीजन में मेसी का अब तक का प्रदर्शन। स्पेनीश लीग ला_लीगा में मेसी ने अपना शानदार खेल दिखाते हुए 9 गोल किए। जबकि चैंपियंस लीग में बारका की ओर से 10 गोल दागे और क्लब वर्ल्ड , स्पेन-सूपर कप में 1-1 गोल किया। साथ ही जॉन गेम्पर ट्रॉफी में मेसी ने 2 गोल किए। मेसी ने ऑल-ऑवर लीग्स में अच्छा प्रदर्शन किया। #7 एंजलिक कर्बर 2016 में ग्रैंडस्लैम सर्किट पर एक नई चैंपियन का आगाज हुआ। ये चैंपियन हैं जर्मनी की एंजलिक कर्बर। जो टॉप खिलाड़ियों की हमारी लिस्ट में सातवें नंबर पर है। इस साल कर्बर ने दिग्गज महिला टेनिस स्टार सेरेना विलियम्स को पछाड़ते हुए ना सिर्फ नंबर 1 की कुर्सी पर कब्जा जमाया बल्कि कर्बर ने 2016 का अंत भी विमेन टेनिस एसोसिएशन की रैंकिंग में नंबर 1 पर रह कर किया। 28 साल की कर्बर साल के पहले ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में पहुंची थी। कर्बर का ये पहला ग्रैंड स्लैम फाइनल था और फाइनल में उनके सामने थी दिग्गज सेरेना विलियम्स। सेरेना के लिए 7वीं रैंकिंग वाली एंजेलिक कर्बर के खिलाफ फाइनल मुकाबला बेहद आसान माना जा रहा था, लेकिन सेरेना के दबदबे के आगे कर्बर ने हार नहीं मानी, उन्होंने सभी को चौंकाते हुए पहली बार ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब अपने नाम किया। कर्बर ने सेरेना विलियम्स को 6-4, 3-6, 6-4 से हराकर साल का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम कर लिया। इसके बाद कर्बर की साल की दूसरी सबसे बड़ी उपल्बधि रही रियो ओलंपिक में जर्मनी के लिए सिल्वर मेडल जीतना। साल 2016 में कर्बर का ड्रीम रन यहीं नहीं रूका। इसके बाद साल के आखिरी ग्रैंड स्लैम यूएस ओपन की ट्रॉफी भी उनका ही इंतजार कर रही थी। कर्बर ने यूएस ओपन के फाइनल मुकाबले में चेकगणराज्य की कैरोलिना प्लिसकोवा को 6-3, 4-6, 6-4 से हराकर अमेरिकी ओपन महिला सिंगल पर कब्जा जमाया। कर्बर डब्ल्यूटीए की वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप वरीयता हासिल करने वाली जर्मनी की दूसरी खिलाड़ी हैं। उनसे पहले टेनिस इतिहास की महानतम खिलाड़ियों में शुमार स्टेफी ग्राफ 1987 से 1996 के बीच विश्व वरीयता में टॉप पर रहीं थी।#8 पी.वी सिंधू 2016 के 10 खिलाड़ियों की सूची में पी.वी सिंधू 8वें नंबर पर हैं। लेकिन अगर सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों का आंकलन करें, तो सिंधू इस सूची पर टॉप पर हैं। रियो ओलंपिक में किसी खिलाड़ी ने दिखाया तो वो थीं पीवी सिंधू. 'सिल्वर गर्ल' सिंधू को रियो ओलंपिक में मिली कामयाबी ने उन्हें देश की 'गोल्डन गर्ल' बना दिया है। आज देश उन्हें सलाम कर रहा है और वो एक नई प्रेरणा बनकर सामने आईं हैं। सिंधू का ये सिल्वर मेडल भारतीय समाज में महिलाओं में नई क्रांति को जन्म देगा इसमें कोई दो राय नहीं हैं। गोल्ड मेडल मैच के रोमांचक मुकाबले में पीवी सिंधू को हार का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले में सिंधू ने जबरदस्त खेल दिखाया। ये मुकाबला तीन गेमों तक चला. पहला गेम सिंधू ने 21-19 से जीता, दूसरे गेम में कैरोलीना ने 21-12 से बाजी मारी। लेकिन तीसरे और आखिरी गेम में सिंधू को एक कड़े और रोमांचित मुकाबले में 21-15 से शिकस्त झेलनी पड़ी। हालांकि अपने पहले ओलंपिक में ही सिंधू ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया सिंधू ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं। रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित करने के बाद स्टार शटलर पीवी सिंधु ने एक बार फिर कमाल किया। सिंधु ने चाइना ओपन के फाइनल में चीन की सुन यू को तीन गेम तक चले मुकाबले में हराकर पहला सुपर सीरीज खिताब अपने नाम किया। ओलिंपिक के बाद ये उनका पहला बड़ा खिताब है। ये खिताबी जीत उनके लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि चाइना ओपन में इससे पहले 25 में से 23 बार चीनी खिलाड़ियों ने ही खिताब पर कब्जा किया था। जाहिर है लगातार शानदार प्रदर्शन के बाद देशभर में सिंधू के नाम की धूम है। अपने हार न मानने के जज्बे और आखिरी वक्त तक लड़ने की क्षमता ने उन्हें एक ताकतवर महिला के रूप में खड़ा किया जो अपनी शर्तों पर कामयाबी की नई इबारत लिख सकती है।#9 साक्षी मलिक 2016 के टॉप खिलाड़ियों की लिस्ट में साक्षी मलिक 9वें नंबर पर काबिज हुई हैं। भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक में देश को पहला मेडल दिलाकर देशवासियों का सीना चौड़ा कर दिया। साक्षी मलिक ने रियो ओलिंपिक में 58 किग्रा भारवर्ग फ्रीस्टाइल कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा। उन्होंने कांस्य पदक के लिए प्ले ऑफ मुकाबले में जुझारू प्रदर्शन करते हुए किर्गिस्तान की पहलवान एसुलू तिनिवेकोवा को हराकर मेडल जीता। साक्षी की जीत के ने रियो ओलिंपिक में भारतीय खेमें में 11 दिनों से जारी मेडल का इंतजार भी खत्म किया और साथ ही साक्षी ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं। इस जीत के साथ ही साक्षी ओलिंपिक मेडल हासिल करने वाली चौथी भारतीय महिला एथलीट भी बनीं। इस मैच के पहले पीरियड में वो किर्गिस्तान की पहलवान एसुलू तिनिवेकोवा से 0-5 से पिछड़ गईं। दूसरे पीरियड में शुरुआत में पिछड़ने के बाद साक्षी ने जबर्दस्त वापसी की और 8-5 से दूसरा सेट जीतकर साक्षी ने भारत की झोली में मेडल डाला। कुश्ती में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी महिला पहलवान ने देश के लिए पदक जीता हो। निश्चित तौर पर साक्षी की ये उपलब्धि देश में और महिला पहलवानों को ओलिंपिक की तैयारियों के लिए प्रेरित करेगी। #10 विराट कोहली युवा टेस्ट कप्तान विराट कोहली के लिए साल 2016 काफी लकी साबित हुआ है। विराट कोहली सीरीज़ दर सीरीज़ नए रिकॉर्ड अपने नाम कर रहे हैं। साल 2016 में भी क्रिकेट के इस धुरंधर बल्लेबाज ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए।वर्ल्ड क्रिकेट में विराट कोहली दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में शुमार हैं। कोहली गेंदबाजों के लिए खौफ का दूसरा नाम बने हुए हैं। उनका बल्ला मानो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। कोहली ने साल की शुरूआत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 वनडे मैचों की सीरीज में 2 जबरदस्त शतकों के साथ की। इसके बाद मार्च-अप्रैल में भारत में ही खेले गए वर्ल्ड टी 20 में भी कोहली को प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया। आईपीएल के नौवें सीजन में कोहली की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर बैंगलोर ने फाइनल तक का सफर तय किया। कोहली ने आईपीएल के 9वें सीजन में 16 टी 20 मैचों में 81.08 की औसत से 973 रन बनाए थे। टेस्ट क्रिकेट में कोहली के प्रदर्शन में और ज्यादा निखार आया। 2016 में खेले गए 11 टैस्ट मैचों में कोहली ने 80 की औसत से 1200 रन बनाए। उन्होंने इस साल में तीन टेस्ट सीरीज जीती, जिसमें वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड और इंगलैंड की टीमों को मात दी। कोहली इस साल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दूसरे ऐसे बल्लेबाज़ हैं, जिन्होंने साल 2016 में सभी फॉर्मेट्स को मिलाकर 2000 से ज्यादा रन बनाये हैं। इस साल टेस्ट क्रिकेट में कोहली ने 3 बार दोहरे शतक जड़े। बल्ले से तो विराट का धमाल जारी रहता ही है। इसके साथ साथ वो कप्तानी के मोर्चे पर भी वो सुपरहिट हैं.। विराट की कप्तानी में टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में लगातार जीत के झंडे गाड़ रही है। जिसके चलते विराट टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया के चौथे सबसे सफल कप्तान बन गए हैं। भारतीय क्रिकेट में कोहली के बढ़ते रूतबे को इसी से समझी जा सकता है कि सुनील गावस्कर ने कहा था कि अगर आप को एक अच्छा खिलाड़ी बनना है, तो आप के पास टैलेंट होना जरूरी है पर अगर आप महान खिलाड़ी बनना चाहते हैं तो आप के पास विराट कोहली जैसे एटिट्यूड होना चाहिए। कोहली ने 2016 में तो अपना लोहा मनवाया ही लेकिन नए साल में विराट से काफी उम्मीदें की जा रही हैं।