2016 के 10 खिलाड़ियों की सूची में पी.वी सिंधू 8वें नंबर पर हैं। लेकिन अगर सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों का आंकलन करें, तो सिंधू इस सूची पर टॉप पर हैं। रियो ओलंपिक में किसी खिलाड़ी ने दिखाया तो वो थीं पीवी सिंधू. 'सिल्वर गर्ल' सिंधू को रियो ओलंपिक में मिली कामयाबी ने उन्हें देश की 'गोल्डन गर्ल' बना दिया है। आज देश उन्हें सलाम कर रहा है और वो एक नई प्रेरणा बनकर सामने आईं हैं। सिंधू का ये सिल्वर मेडल भारतीय समाज में महिलाओं में नई क्रांति को जन्म देगा इसमें कोई दो राय नहीं हैं। गोल्ड मेडल मैच के रोमांचक मुकाबले में पीवी सिंधू को हार का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले में सिंधू ने जबरदस्त खेल दिखाया। ये मुकाबला तीन गेमों तक चला. पहला गेम सिंधू ने 21-19 से जीता, दूसरे गेम में कैरोलीना ने 21-12 से बाजी मारी। लेकिन तीसरे और आखिरी गेम में सिंधू को एक कड़े और रोमांचित मुकाबले में 21-15 से शिकस्त झेलनी पड़ी। हालांकि अपने पहले ओलंपिक में ही सिंधू ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया सिंधू ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं। रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित करने के बाद स्टार शटलर पीवी सिंधु ने एक बार फिर कमाल किया। सिंधु ने चाइना ओपन के फाइनल में चीन की सुन यू को तीन गेम तक चले मुकाबले में हराकर पहला सुपर सीरीज खिताब अपने नाम किया। ओलिंपिक के बाद ये उनका पहला बड़ा खिताब है। ये खिताबी जीत उनके लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि चाइना ओपन में इससे पहले 25 में से 23 बार चीनी खिलाड़ियों ने ही खिताब पर कब्जा किया था। जाहिर है लगातार शानदार प्रदर्शन के बाद देशभर में सिंधू के नाम की धूम है। अपने हार न मानने के जज्बे और आखिरी वक्त तक लड़ने की क्षमता ने उन्हें एक ताकतवर महिला के रूप में खड़ा किया जो अपनी शर्तों पर कामयाबी की नई इबारत लिख सकती है।