दुर्वेश सालुंके और अवीक सिंघा के बेहतरीन डिफेंस की बदौलत मुंबई खिलाड़ीज ने महालुंगे स्थित श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में जारी अल्टीमेट खो खो के पहले सीजन में बुधवार को हार का सिलसिला तोड़ते हुए राजस्थान वारियर्स को 56-42 के अंतर से हरा दिया। उधर, दिन के पहले मुकाबले में ओडिशा जगरनॉट्स ने चेन्नई क्विक गन्स का विजय रथ रोकते हुए अंक तालिका में दूसरा स्थान हासिल कर लिया है।
राजस्थान की हार का सिलसिला हालांकि रुकने का नाम नहीं ले रहा है। उन्हें लगातार पांचवीं हार मिली। छह मैचों में दूसरी जीत दर्ज करने वाली मुंबई के सालुंके और अवीक ने दूसरे टर्न में भी टीम को बोनस दिलाया था और फिर चौथे टर्न में बोनस के तौर पर छह अंक दिलाकर राजस्थान की जीत की संभावना खत्म कर दी। अवीक ने अटैक के दौरान 8 और सालुंके ने चार अंक बटोरे। श्रीजेश एस. के हिस्से भी सात अंक आए। राजस्थान के लिए दिलराज सिंह सैंगर ने चार बोनस लिए औऱ निखिल बी ने अटैक के दौरान 8 अंक जुटाए।
राजस्थान ने टॉस जीतकर डिफेंड करने का फैसला किया। उसका पहला बैच दो मिनट 20 सेकेंड मैट पर रहा। दूसरे बैच शामिल अक्षय गोनपुले हालांकि अपनी टीम को बैच बोनस दिलाने में सफल रहे। उन्होंने दो मिनट 37 सेकेंड निकाले। तीसरा बैच 1 मिनट 59 सेकेंड में आउट हुआ, तब तक मुंबई को 23-2 की लीड मिल चुकी थी। इस टर्न की समाप्ति तक यही स्कोर रहा।
दूसरे टर्न के शुरुआती 1 मिनट में राजस्थान ने कई फाउल किए। इसी का फायदा लेकर पहला बैच दो मिनट से अधिक समय तक मैट पर रहा। पावरप्ले के दौरान राजस्थान ने दूसरे बैच को 1 मिनट एक सेकेंड में चलता कर दिया लेकिन तीसरे बैच में शामिल दुर्वेश सालुंके और अवीक सिंघा ने मुंबई को बैच बोनस दिला दिया। अवीक (2 मिनट 55 सेकेंड) सबसे बाद में आउट हुए। हाफ टाइम तक स्कोर 27-25 से राजस्थान के पक्ष में रहा।
पठान ने मोहम्मद तासीन को आउट कर तीसरे टर्न में स्कोर 27-27 कर दिया। फिर श्रीजेश एस ने निखिल बी औऱ मजहर जमादार को आउट कर मुंबई को 31-27 की लीड दिला दी। दूसरे बैच में शामिल सुरेश सावंत और ऋषिकेश मुरचावडे जल्द आउट हुए लेकिन सेंगर राजस्थान को चार बोनस अंक दिलाने में सफल रहे। वह 3 मिनट 13 सेकेंड मैट पर रहे। इस टर्न की समाप्ति तक मुंबई 46-31 से आगे थे।
जवाब में मुंबई के पहले ही बैच ने चार बोनस अंक लेकर स्कोर 50-33 कर दिया। अवीक और सालुंके ने बोनस लिए। अवीक के आउट होने के बाद सालुंके ने टीम को चार और अंक दिलाए। इसने राजस्थान की मुश्किलें बढ़ा दीं। सालुंके 4 मिनट 16 सेकेंड में आउट हुए। मुंबई के दूसरे बैच भी ढाई मिनट से अधिक समय तक मैट पर रहते हुए बोनस लिया औऱ अपनी जीत पक्की कर ली।
इससे पहले, ओडिशा जगरनॉट्स ने निलेश जाधव (15 अंक) के नेतृत्व में अपने अटैकरों के बेहतरीन प्रदर्शन के अलावा 8 बोनस अंकों (जिसमें अकेले सुभाशीष सांत्रा के 4 बोनस अंक शामिल हैं) की बदौलत चेन्नई क्विक गन्स को 10 अंकों से हराकर जीत की हैट्रिक पूरी की। यह पांच मैचों में ओडिशा की चौथी जीत है। अब वह 12 अंकों के साथ तालिका में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
जाधव ने पांच खिलाड़ियों को आउट किया, जिसमें चार पोल डाइव और एक स्काई डाइव शामिल है। उनके अलावा कप्तान मिलिंद चावरेकर ने 9, सूरज लांडे ने 8 अंक बनाए। सांत्रा ने दूसरी पारी के पहले टर्न में तीन मिनट चार सेकेंड मैट पर रहते हुए टीम को चार बहुमूल्य बोनस दिलाए थे। लगातार तीन जीत के बाद पहली हार झेलने वाली चेन्नई की ओर से पी. नरसाया और मनोज पाटिल ने तीन-तीन खिलाड़ियों को आउट करते हुए 8-8 अंक बटोरे।
ओडिशा की टीम ने टास जीतकर डिफेंड करते हुए चेन्नई को पहली पारी के पहले टर्न में सिर्फ 19 अंक लेने दिया। इस दौरान ओडिशा ने चार बोनस अंक भी हासिल किए। उसके लिए गौतम एमके (2 मिनट 33 सेकेंड) के अलावा दिपेश मोरे और जगन्नाथ मुरमू ( 2 मिनट 29 सेकेंड) ने बोनस लिया।
जवाब में ओडिशा ने चेन्नई के पहले बैच को दो मिनट 10 सेकेंड में चलता कर स्कोर 13-19 कर लिया। पहले हाफ की समाप्ति तक स्कोर 28-19 से ओडिशा के पक्ष में रहा। दूसरी पारी के पहले टर्न में सांत्रा टीम को बोनस के तौर पर चार अंक दिलाने में सफल रहे। वह तीन मिनट चार सेकेंड़ मैट पर रहे।
इसके बाद चेन्नई ने पावरप्ले का सहारा लिया और इस टर्न की समाप्ति तक 37-32 की लीड ले ली। ओडिशा को पांच मैचों में चौथी जीत के लिए छह अंकों की दरकार थी। आदित्य कुंडाले ने पोल डाइव पर वी. काबिलान को आउट कर इसकी शुरुआत की और फिर निलेश ने मनोज पाटिल को पोल डाइव पर लपक को आगे कर दिया। हालांकि पी. नरसाया ने बैच बोनस के साथ चेन्नई की वापसी कराई लेकिन फिर ओडिशा ने 41-39 की लीड ले ली।
सूरज लांडे ने दूसरे बैच में शामिल बुच्चानागरी राजू को और निलेश ने महेश शिंदे को स्काई डाइव पर लपक ओडिशा की जीत लगभग पक्की कर दी। ओडिशा 49-39 से आगे हो चुका था। यहां से चेन्नई के वापसी के सारे रास्ते बंद हो चुके थे और अंततः वह छह मैचों में तीसरी हार को मजबूर हुआ।
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